सिलीगुड़ी के विभिन्न स्थानों और अस्पताल में सिलीगुड़ी नगर निगम के सौजन्य से मां कैंटीन चलाया जा रहा है. मां कैंटीन में गरीब लोगों को ₹5 में भरपेट खाना मिलता है. ₹5 प्रति थाली में एक प्लेट चावल, दाल, हरी सब्जी के साथ एक अंडा भी परोसा जाता है. स्वयं सहायता समूह की महिलाएं और एजेंसियां मां कैंटीन का संचालन करती हैं. सब्जी तथा अन्य खाद्य सामग्री की खरीद पर निगम द्वारा सब्सिडी दी जाती है. इसके अलावा विभिन्न सामाजिक संगठन और स्वयंसेवी संस्थाओं के साधन संपन्न लोग मां कैंटीन के संचालन में आर्थिक सहयोग करते हैं.
बाजार में साग सब्जियों की कीमत में कई गुना वृद्धि होने के बाद कोलकाता नगर निगम ने मां कैंटीन में हरी सब्जी देने से मना कर दिया है. कोलकाता नगर निगम के सोशल सेक्टर विभाग के मेयर परिषद की सदस्य मिताली बनर्जी ने हरी सब्जी की जगह सोयाबीन की सब्जी परोसने का निर्देश दिया है. कोलकाता नगर निगम के इस निर्देश के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या सिलीगुड़ी में भी मां कैंटीन में परोसी जाने वाली हरी सब्जी को बंद कर दिया जाएगा?
आपको बताते चलें कि इन दिनों सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य में साग सब्जियों की कीमत आसमान पर है. टमाटर से लेकर कोई भी हरी सब्जी की कीमत न्यूनतम ₹80 किलो है. जबकि टमाटर का भाव खुदरा बाजार में ₹100 किलो से ज्यादा है. हरी मिर्च का खुदरा भाव ₹300 किलो, अदरक का भाव ₹300 से ₹400 प्रति किलो, अच्छी किस्म के परवल का भाव ₹80 किलो, भिंडी का भाव ₹60 प्रति किलो से भी ज्यादा है. आम जनता महंगाई से त्रस्त है. इसका मां कैंटीन के संचालन और कंटेंट पर भी प्रभाव पड़ सकता है.
सिलीगुड़ी समेत राज्य में बढ़ती महंगाई से सरकार भी परेशान है. लेकिन इसका तत्काल समाधान किसी के पास नहीं है. हालांकि सिलीगुड़ी में अभी मां कैंटीन में गरीबों को ₹5 में अन्य खाद्य सामग्रियों के साथ हरी सब्जी भी दी जा रही है. पर यह कब तक? यह आशंका कोलकाता नगर निगम के निर्देश और मां कैंटीन में दी जाने वाली हरी सब्जी पर रोक के बाद और गहरी होती जा रही है. अब देखना है कि सिलीगुड़ी नगर निगम सिलीगुड़ी में चल रहे मां कैंटीन के कंटेंट को लेकर अगला निर्देश क्या जारी करती है या फिर पहले से जो चला आ रहा है, वही चलता रहेगा?