सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग, सीमा सड़क संगठन और अन्य स्वयंसेवी संगठनों की मदद से उत्तरी सिक्किम में फंसे पर्यटकों को बाहर निकालने और उन्हें उनके घर तक पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है. पर्यटक खुश हैं. उनके चेहरे पर मुस्कान देखते बनती है. वह सिक्किम सरकार,सेना, सीमा सड़क संगठन, सिक्किम के लोग और बचाव दल की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही लोगों से अपील करना नहीं भूलते कि इस मौसम में सिक्किम ना आएं.
आज चुंगथांग से पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया. सिक्किम सरकार ने ट्रेवल संगठनों से अपील की थी कि वे पर्यटकों को सिक्किम से बाहर निकलने में मदद करें. बताया जा रहा है कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की पहल और प्रयास के बाद पर्यटकों को सिक्किम से बाहर निकालने की गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा है. यह सिलसिला सोमवार से ही चल रहा है. सोमवार को उत्तरी सिक्किम में फंसे पर्यटकों को बाहर निकाला गया. यह सभी पर्यटक भगवान का शुक्रिया अदा कर रहे हैं. पिछले 12 जून से ही पर्यटकों को अपने घर से संपर्क नहीं हो रहा था. इसलिए वे काफी परेशान थे.
सोमवार तक 50 पर्यटक बाहर आ चुके थे. अब तक 75 से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. सिक्किम के मंगन जिले के लाचुंग और आसपास के क्षेत्र से आज 15 और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने में जिला प्रशासन, सीमा सड़क संगठन, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और अन्य स्वयंसेवी संगठन काफी मदद कर रहे हैं. अभी और पर्यटकों को बाहर निकाला जा रहा है.
अधिकारियों ने बताया है कि सोमवार को उत्तरी सिक्किम के लाचुंग से 64 पर्यटकों को मंगन कस्बे तक पहुंचाया गया. जिला प्रशासन ने पैदल चलने वाले लोगों के लिए तथा वाहनों के सुगम आवागमन के लिए लकड़ी के अस्थाई पुल बनाए हैं. आज पहले जत्थे में 15 पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकला गया है. सिक्किम में 12 जून से लगातार हो रही बारिश और बाढ़ के कारण सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त है. इसकी वजह से मंगन जिले के चुंगथांग और लाचेन में 1200 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं. यह अपने घरों से भी संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. क्योंकि उनका मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा है. अब वह बाहर आकर काफी राहत और सुकून महसूस कर रहे हैं.
पर्यटकों को प्रभावित क्षेत्रों से वाहनों में लाया गया और कई स्थानों पर उन्हें पैदल भी चलना पड़ा. हालांकि राज्य सरकार पर्यटकों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से निकालने की तैयारी कर रही थी. लेकिन मौसम की खराबी के चलते यह संभव नहीं हो सका. शुरू शुरू में तो पर्यटक काफी परेशान और प्रशासनिक ढिलाई से दुखी थे. लेकिन अब उन्हें काफी राहत मिली है. पर्यटकों ने बताया कि अब उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. सिक्किम के लोग काफी अच्छे हैं. अधिकारी सामान और उनकी हिफाजत कर रहे हैं. मंगन पहुंच कर कई पर्यटकों ने अपने घर फोन मिलाया तो उनकी जान में जान आई. कई पर्यटक तो घर वालों से बात करते हुए भावुक होकर रो भी पड़े थे. उन्होंने यहां के सभी संगठनों, सरकार और बीआरओ के प्रति आभार जताया है.
. एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार चुंगथांग और लाचेन में लगभग 1800 पर्यटक और ड्राइवर फंसे हुए हैं. होटल वालों को सलाह दी गई है कि वह पर्यटकों को चेक आउट करने के लिए मजबूर ना करें. मंगन के डीसी हेम कुमार छेत्री ने कहा है कि हमारे पास फंसे हुए पर्यटकों को बाहर निकालने के लिए बागडोगरा में 6 हेलीकॉप्टर खड़े हैं. अगर मौसम अनुकूल रहा तो एयर लिफ्टिंग मंगलवार से शुरू की जा सकती है.
भूस्खलन के कारण जंगू, चुंगथांग, लाचुंग प्रभावित हैं. यहां सड़क संपर्क बहाल नहीं हो पाई है. तीस्ता नदी में बने पुल भी बह गए हैं. उत्तरी सिक्किम का सड़क संपर्क बहाल होने में अभी काफी समय लग सकता है. फिलहाल अस्थाई व्यवस्था की गई है. इस बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने सिक्किम के मंगन जिले के साथ-साथ राज्य के अन्य भागों में 20 जून तक ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किए हैं. आज और कल सिक्किम के नामची, म॔गन, गंगटोक, गेजिंग, सोरेंग और पेकयोंग जिले में भारी बारिश की संभावना व्यक्त की गई है.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी, जान माल को हुए नुकसान, सड़क अवरोध इत्यादि के मध्येनजर मंगन जिला प्रशासन के आदेश पर आज छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर सभी सरकारी स्कूलों को बंद रखा गया है. जबकि जिला अधिकारी हेम कुमार छेत्री ने एक आदेश में मंगन प्रखंड के मानुल ,सिंघिक, मंगन तथा मांगशीला क्षेत्र और लिंगदोंग प्रखंड के गयाथांग ,पासिंगदोग, और गोर क्षेत्र में सभी सरकारी स्कूलों को अगले आदेश तक बंद रखने का निर्देश दिया है. हालांकि स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी उपस्थित रहेंगे. पिछले कुछ दिनों में बाढ़, बारिश और भूस्खलन के चलते 6 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
कई क्षेत्रों में बिजली, खाद्य आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क बाधित है. सांखलांग में नवनिर्मित झूला पुल के ढहने के बाद स्थिति गंभीर हो गई.क्योंकि यह उत्तरी सिक्किम और जांगू को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग था. सिक्किम की मुसीबत थमने का नाम नहीं ले रही है. आज और कल सिक्किम के लिए त्रासदी भरे हो सकते हैं.
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