कल है भारत बंद. क्या भारत बंद सिलीगुड़ी में सफल होगा?
9 जुलाई यानी कल भारत बंद का आह्वान विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने किया है. बंद के समर्थन में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सिलीगुड़ी में एक रैली निकाली. जिसमें काफी संख्या में माकपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भाग लेते हुए सिलीगुड़ी के लोगों से बंद को सफल बनाने का आह्वान किया. वानरहाट में भारतीय ट्रेड यूनियन एवं फेडरेशन के द्वारा ज्वाइंट फोरम एवं मजदूर किसान सभा करके रैली निकाली गई जिसमें लोगों से भारत बंद का समर्थन करने का आह्वान किया गया है.
पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के द्वारा जनता से प्रस्तावित 24 घंटे भारत बंद को सफल बनाने का आह्वान किया जा रहा है. सिलीगुड़ी में माकपा और विभिन्न ट्रेड यूनियनो के द्वारा अलग-अलग रैली की गई है. ऐसे में लोग उत्सुक है कि सिलीगुड़ी में ट्रेड यूनियनों की हड़ताल कितनी सफल होगी! यह बात इसलिए कही जा रही है कि राज्य सरकार ने एक विज्ञप्ति के जरिए पहले से ही फरमान जारी कर दिया है कि सिलीगुड़ी और पूरे बंगाल में हड़ताल का राज्य सरकार के कर्मचारी समर्थन नहीं करेंगे.
नवान्न द्वारा जारी चेतावनी में कहा गया है कि अगर बुधवार को राज्य सरकार का कोई भी कर्मचारी काम पर नहीं आता है या छुट्टी लेता है या फिर आधे दिन के लिए ऑफिस आता है तो उसका उस दिन का वेतन काट दिया जाएगा. कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा. आपको बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस शुरू से ही हड़ताल या ब॔द का समर्थन नहीं करती है. जिस तरह से राज्य सरकार द्वारा बंद को विफल बनाने के लिए तैयारी हो रही है, उसे देखते हुए यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि कम से कम सिलीगुड़ी में तृणमूल कांग्रेस और माकपा का सीधा टकराव होगा.
क्योंकि माकपा और सहयोगी संगठनों के द्वारा किसी भी कीमत में सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में प्रस्तावित भारत बंद को सफल बनाने की तैयारी की गई है. माकपा के नेताओं ने कहा है कि प्रस्तावित भारत बंद सरकार की नीतियों के खिलाफ, श्रमिक अधिकारों की रक्षा, महंगाई के खिलाफ आवाज और जन सेवाओं के निजीकरण के विरुद्ध एक बड़ा कदम है. मिल रही जानकारी के अनुसार माकपा के कई नेता सिलीगुड़ी में बंद के समर्थन में जुलूस और रैलियां करने वाले हैं.
कल सिलीगुड़ी में भारत बंद का कितना असर होगा, यह बता पाना तो मुश्किल है. परंतु ट्रेड यूनियनों की तैयारी से लगता है कि इस बार भारत बंद को सिलीगुड़ी और बंगाल में सफल बनाने के लिए वे एड़ी चोटी का जोर लगा देंगे. ऐसा लगता है कि चाय बागानों में भी इसका असर दिख सकता है. क्योंकि चाय बागानों की कई मजदूर यूनियने भी बंद के समर्थन में खुलकर उतर गयी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार के सभी सरकारी संस्थान खुले रह सकते हैं. जिस तरह से राज्य सरकार के द्वारा बंद को विफल बनाने के लिए फरमान जारी किया गया है, उससे ऐसा नहीं लगता है कि राज्य सरकार के कर्मचारी सरकारी आदेश का उल्लंघन करेंगे. क्योंकि अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है. वामपंथी श्रमिक संगठन केंद्र सरकार द्वारा पुराने 21 श्रम कानून को हटाकर केवल चार श्रम कोड लागू करने के फैसले के खिलाफ बंद का समर्थन कर रहे हैं.
मालूम हो कि 9 जुलाई को देशभर में मजदूर संगठनों और औद्योगिक महासंघों द्वारा ब॔द का आह्वान किया गया है. श्रमिक संगठनों के द्वारा सरकार के श्रम कोड विरोध के साथ-साथ आईसीडीएस तथा आशा कर्मियों को न्यूनतम 26000 मासिक वेतन, चाय बागान श्रमिकों को न्यूनतम मजदूरी, जमीन का पट्टा, सरकार द्वारा उद्योग के नाम पर 30% जमीन हथियाने की साजिश, 100 दिन का काम शुरू करने, चाय भगवान श्रमिकों को 20% बोनस तथा अन्य मुद्दों को लेकर इस हड़ताल का आह्वान किया गया है.
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