अयोध्या में भगवान श्री राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही देश भर में धार्मिक संगठनों के लोग और आम आदमी प्रभु श्री राम का दर्शन करने के लिए लालायित हो रहे हैं. यही कारण है कि रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए आस्था स्पेशल ट्रेन की शुरुआत कर दी है. यह ट्रेन सभी रेल मंडलों में चल रही है. राम भक्तों में अपार खुशी देखी जा रही है.
राम भक्त अयोध्या देखना चाहते हैं. वह अयोध्या जो अब पूरी तरह बदल चुका है. 500 साल के बाद अयोध्या की एक नई छवि लोगों को आकर्षित कर रही है.यही कारण है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद ही देश भर से लाखों और करोड़ों राम भक्त अयोध्या पहुंच रहे हैं और भगवान श्री राम लला का दर्शन कर रहे हैं. राम भक्तों में अयोध्या की छवि कुछ इस तरह से है, जैसे त्रेता युग के भगवान राम अयोध्या के राज सिंहासन पर बैठे हैं और रामराज का दर्शन अयोध्या वासियों को करा रहे हैं. देशभर के नेता, मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के लोग, साधारण लोग सब अयोध्या जा रहे हैं. उनके लिए आस्था स्पेशल ट्रेन खुल चुकी है.
अयोध्या में क्या-क्या देखें…
अगर आप अयोध्या में भगवान श्री राम लला का दर्शन करने जा रहे हैं तो प्रभु का दर्शन करने के बाद आप अयोध्या में विभिन्न दर्शनीय स्थानों को देख सकते हैं. खबर समय आपको बताएगा कि आप अयोध्या में क्या-क्या देखें.ताकि आपका जीवन धन्य हो सके. राम मंदिर से लगभग 200 मीटर की दूरी पर स्थित है दशरथ भवन. यहां भगवान राम अपने चारों भाइयों के साथ बाल रूप में खेला करते थे. यह भवन उसी जगह पर स्थित है, जिसे दशरथ भवन के नाम से जाना जाता है. मंदिर के अंदर माता कौशल्या की गोद में बैठे राम लला दिख जाएंगे.
यहां तुलसी स्मारक भवन भी है, जो गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में बना है. कहा जाता है कि तुलसीदास ने यहीं रामचरितमानस की रचना की थी. यहां एक बड़ा सा पुस्तकालय भी है. इसके बाद आप हनुमानगढ़ी जाएं. हनुमान गढ़ी के पास ही है दंत धवन कुंड. जिसमें भगवान श्री राम दातुन करते थे. वे इसी कुंड के पानी का कुल्ला करने के लिए इस्तेमाल करते थे.अयोध्या जाएं और सरयू नदी का दर्शन नहीं करें. ऐसा तो हो ही नहीं सकता. क्योंकि सरयू नदी में स्नान किए बिना अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है. ऐसी मान्यता है कि सरयू नदी में नहाने से लोगों के सारे पाप धुल जाते हैं. और भगवान श्री राम का आशीर्वाद मिलता है.
यहां के बाद आप लगभग सात आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित गुप्तार घाट जा सकते हैं. इस स्थान पर भगवान राम जीवन के अंतिम पल में सरयू नदी में जाकर अंतर्धान हो गए थे. यहां सनसेट का नजारा देखते बनता है. इसके अलावा आप वोटिंग का भी आनंद उठा सकते हैं…
सिलीगुड़ी और पहाड़ के लोगों को लेकर एक आस्था स्पेशल ट्रेन अयोध्या पहुंच चुकी है. यह ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन से 800 यात्रियों को अयोध्या ले गई है. ट्रेन में कुल 20 से 22 बोगी हैं. विश्व हिंदू परिषद के सैकड़ो कार्यकर्ता और आम आदमी अयोध्या जा रहे हैं. सोमवार को आस्था स्पेशल ट्रेन से लगभग 1650 लोग अयोध्या पहुंचे हैं. इनमें से उत्तर बंगाल, सिक्किम और पहाड़ से राम भक्त शामिल है. आस्था स्पेशल ट्रेन न्यू अलीपुरद्वार से चलती है और अयोध्या धाम तक जाती है.
अगर आप अयोध्या धाम जाना चाहते हैं और भगवान श्री राम लला का दर्शन करना चाहते हैं, तो निराश ना हो. आपके लिए बहुत अवसर हैं. अयोध्या धाम जाने वाली स्पेशल आस्था ट्रेन आगे भी चलती रहेगी. यह ट्रेन मार्च तक चलेगी. इसलिए सिलीगुड़ी, समतल और पहाड़ के ऐसे यात्री जो अयोध्या धाम जाकर भगवान श्री राम लला का दर्शन करना चाहते हैं, वह आस्था स्पेशल ट्रेन से अयोध्या धाम जाने के लिए अपनी टिकट बुक करा सकते हैं. आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर आपको सारी जानकारी मिल जाएगी.
आस्था स्पेशल ट्रेन असम से चल रही है और न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन होते हुए अयोध्या धाम जाएगी. 7 और 8 फरवरी को भी यह ट्रेन न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन होकर जाएगी. इस ट्रेन में राम भक्तों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है. सिक्योरिटी और सुविधा दोनों ही यात्रियों को मिल रही है. ऐसी जानकारी मिली है कि आस्था स्पेशल ट्रेन से यात्रा करने के लिए प्रति यात्री ₹1400 का खर्च आता है. इसमें टिकट, ट्रेन में खाने पीने का इंतजाम और अन्य व्यवस्था के लिए यात्रियों को अतिरिक्त भुगतान नहीं करना होता है.
ट्रेन के प्रत्येक बोगी में आरपीएफ के जवान मुस्तैद रहेंगे. यात्रियों को भजन कीर्तन करने की अनुमति है. इस ट्रेन में 20 से 22 कंपार्टमेंट जोड़े गए हैं. सूत्रों ने बताया कि मार्च आखिर तक कुल 13 ट्रेन एनजेपी होकर अयोध्या धाम जाएंगी.यह आस्था स्पेशल ट्रेन देशभर से अयोध्या के लिए चलाई जा रही है. सोमवार को इस ट्रेन से सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के अनेक कार सेवक तथा उनके परिवार, विश्व हिंदू परिषद संगठन के कार्यकर्ता और धार्मिक संगठनों के लोग अयोध्या गए थे.