भारत को चांद पर सफलता मिल गई है. चंद्रयान 3 ने चांद की सतह पर उतरकर इतिहास रच दिया है. चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला भारत दुनिया में पहला देश बन गया है.
आज हर भारतीय गौरवान्वित महसूस कर रहा है. पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत को इतनी बड़ी सफलता दिलाने में जलपाईगुड़ी के ही एक छात्र कौशिक नाग की एक महत्वपूर्ण भूमिका है.
इसरो की इस महान सफलता में योगदान देने वाले जलपाईगुड़ी के कौशिक नाग ने होली चाइल्ड स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा प्राप्त की थी. बाद में उन्होंने जलपाईगुड़ी इंजीनियरिंग गवर्नमेंट कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. कौशिक नाग जलपाईगुड़ी के बोसपाड़ा के रहने वाले हैं. वे कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के सरताज हैं.
बचपन से ही अत्यंत प्रतिभाशाली तथा भारत के लिए अंतरिक्ष में कुछ कर दिखाने का जुनून उन्हें चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट से जोड़ दिया. एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी, जहां चाह वहां राह. अगर दृढ़ संकल्प और पक्के इरादे के साथ काम किया जाए तो सफलता मिलती ही है. चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट की सफलता में अनेक वैज्ञानिकों तथा तकनीकी लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका है. उनमें कौशिक नाग भी एक हैं.
कौशिक नाग ने चंद्रयान-3 प्रोजेक्ट में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने वह काम कर दिखाया है, जिसके लिए सिलीगुड़ी ही नहीं बल्कि भारत का बच्चा-बच्चा उनके प्रति ऋणी है. कौशिक नाग ने भारत को लेकर बड़े-बड़े ख्वाब देखे थे. अंतरिक्ष के क्षेत्र में कुछ कर दिखाने का जुनून उन्हें इसरो तक पहुंचाया.
. जैसे ही भारत चांद पर पहुंचा, देश भर में दिवाली मनाई जाने लगी. हर कोई एक दूसरे को बधाई देने लगा. यह किसी को भी पता नहीं था कि बुधवार को देशभर में मनाए जाने वाले जश्न के पीछे जिन महान विभूतियों की तपस्या है, उनमें जलपाईगुड़ी के कौशिक नाग भी शामिल हैं.
जलपाईगुड़ी कोतवाली थाने के आईसीसी ने कौशिक नाग के घर जाकर उनके माता-पिता से मुलाकात की तथा कौशिक नाग की इस महान सफलता के लिए उनके माता-पिता को बधाई दी. आज कौशिक नाग भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में चर्चा के केंद्र बिंदु में है. उन्हें बधाइयां दी जा रही है. कौशिक नाग के घर पर बधाई देने वाले लोगों का हुजूम उमड़ रहा है. लोग उनके माता-पिता को बधाइयां दे रहे हैं.
किसी ने भी नहीं सोचा था कि भारत चांद पर उतर सकता है. दुनिया भर में भारत का यशगान हो रहा है. दुनिया के बड़े-बड़े देश भारत को बधाइयां दे रहे हैं. रूस, चीन,अमेरिका सभी विकसित देश अचंभित हैं.भारत ने वह काम कर दिखाया, जो सिर्फ दुनिया के तीन विकसित देश ही कर सके थे. आज भारत का नाम भी उन विकसित देशों की श्रेणी में जुड़ चुका है.
अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, चीन ने चांद पर अपना झंडा गाड़ा है. लेकिन भारत दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपना यान उतारा है. भारत का कट्टर शत्रु चीन ने भी भारत को बधाई दी है. रूस, अमेरिका और दुनिया भर के देशों से भारत को बधाइयां मिल रही है.
आपको बता दें कि चंद्रयान 3 मिशन को 14 जुलाई 2023 को शुरू किया गया था. चंद्रयान-3 को श्रीहरिकोटा से छोड़ा गया था. इसने बुधवार को अपनी 40 दिनों की ल॔बी यात्रा पूरी की है. चंद्रयान 3 ने अपने तीनों महान लक्ष्य पूरे कर लिए हैं.
चंद्रयान-3 के लक्ष्यो में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजुलिथ पर लैंडर को उतारना व घूमाना तथा लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना शामिल है.