अगर आप यह योजना बना रहे हैं कि दीपावली और छठ पूजा अपने लोगों के बीच सिलीगुड़ी से दूर अपने घर गांव में मनाना चाहते हैं, और अगर आपने अब तक टिकट नहीं कराया, तो कम से कम स्लीपर की उम्मीद छोड़ दें. ना तो ट्रेन में रिजर्वेशन मिलेगा और ना ही सिलीगुड़ी से बिहार और यूपी जाने वाली दर्जनों बसों में स्लीपर मिलने वाला है. बसों में छठ पूजा तक स्लीपर बुक है. तो दूसरी ओर किसी भी ट्रेन में 6 नवंबर तक सीट उपलब्ध नहीं है.
एनएफ रेलवे के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिब्रूगढ़, गुवाहाटी, एनजेपी, पटना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दिल्ली तथा अन्य जगहों के लिए नियमित, दैनिक ,साप्ताहिक और द्वि साप्ताहिक सब मिलाकर अलग-अलग दिनों में कुल 13 जोड़ी ट्रेनें चलती हैं. इन रेलगाड़ियों में सीट उपलब्ध नहीं है.केवल न्यू जलपाईगुड़ी से पटना जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में रिपोर्ट तैयार होने तक टिकट उपलब्ध है.
अगर आप डिब्रूगढ़, गुवाहाटी ,बरौनी ,छपरा, गोरखपुर, बलिया गाजीपुर आदि शहरों में जाना चाहते हैं तो इस रूट पर चलने वाली 18 जोड़ी ट्रेनों में से किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं मिलेगा और वेटिंग टिकट कंफर्म होगा, इसकी भी संभावना नहीं दिख रही है. हालांकि एनएफ रेलवे के सीपीआरओ ने बताया है कि बिहार और यूपी जाने वाली रेलगाड़िया में अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे. इसके साथ ही कई स्पेशल ट्रेन भी चलाई जा रही है. यह सभी दिवाली और छठ स्पेशल ट्रेन है, परंतु इन ट्रेनों में भी टिकट मिलेगा. इसकी संभावना नहीं है.
पूर्व रेलवे की विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिवाली और छठ के दौरान देश के विभिन्न स्टेशनों से 40 स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी. ये रेलगाड़ियां कुल 390 फेरे लगाएंगी और इसमें चार लाख अतिरिक्त बर्थ उपलब्ध होंगे. स्पेशल छठ व दिवाली रेल गाड़ियां एनजेपी, सिलीगुड़ी जंक्शन के अलावा हावड़ा, सियालदह, कोलकाता, आसनसोल, भागलपुर, मालदा टाउन, पटना, लखनऊ, हरिद्वार, गोरखपुर, सिकंदराबाद, पुणे, नई दिल्ली, रक्सौल, आनंद विहार, वडोदरा, दीघा, पुरी और जयनगर स्टेशनों से प्रस्थान करने वाली हैं.
छठ और दिवाली स्पेशल ट्रेनों के चलने से जो रेल यात्री वेटिंग टिकट ले रहे हैं, उन्हें उम्मीद जरूर है कि उनका टिकट कंफर्म हो जाएगा. परंतु सूत्र बता रहे हैं कि इन नई स्पेशल रेलगाड़ियों में भी सीट उपलब्ध नहीं है. नई स्पेशल रेल गाड़ी चलाने की घोषणा के साथ ही आईआरसीटीसी पर बुकिंग शुरू हो जाती है और जब तक लोगों को पता चलता है, तब तक पूरा का पूरा टिकट बुक हो जाता है. जानकार मानते हैं कि दलालों के कारण ही पुरी की पूरी टिकट बिक जाती है.
दलाल लोगों की जरूरत को समझते हुए टिकट बुक कराकर यात्रियों से उसकी बारगेनिंग शुरू कर देते हैं. वे यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि एक-एक टिकट के तीन तीन हजार यात्रियों से लिए जा रहे हैं. उधर बिहार और उत्तर प्रदेश जाने वाली लगभग एक दर्जन वोल्वो बसों में दीपावली के बाद छठ पूजा तक स्लीपर उपलब्ध नहीं है. सिलीगुड़ी से रोजाना दो दर्जन से ज्यादा लग्जरी बसें बिहार और उत्तर प्रदेश जाती हैं. कल तक यात्रियों को स्लीपर मिल रहा था, लेकिन आज बसों में भी स्लीपर फूल हो चुका है.
जो लोग ट्रेनों का आसरा छोड़कर बसों से अपने घर जाने की योजना बना रहे थे, उन्हें भी बसों में स्लीपर नहीं मिलने से निराशा हुई है. गोपालगंज के लिए स्लीपर बुक कराने वाले एक बस यात्री ने बताया कि गोपालगंज के लिए स्लीपर का जितना किराया है, उससे ₹100 ज्यादा उन्हें देना पड़ा है. हालांकि इन बसों के टिकट काउंटर से अतिरिक्त भाड़ा बढ़ाने की कोई जानकारी नहीं मिली है.
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