‘दुल्हन वही जो पिया मन भाए’ इस तरह की बातें तो शादी समारोह से कोसों दूर हो गए हैं, बल्कि अब तरह-तरह के व्यंजन दूल्हे और बारातियों के मन लुभाने के लिए परोसे जाने लगे हैं और यह पकाए गए व्यंजन खाने से ज्यादा बर्बाद हो जाते है |
‘उतना लो थाली में जो ना जाए नाली में” यह कहने में तो बड़ा आसान है, लेकिन अमल करने में उतना ही मुश्किल |
अब खाने को बर्बाद करना फैशन में चलन सा बन गया है | पहले शादी समारोह में जितने कम व्यंजन पकाए जाते थे, उतने ही कम बर्बाद भी होते थे | लेकिन समय के साथ-साथ व्यंजनों में भी काफी बढ़ोतरी आई है, अब लोग पार्टी हो या शादी समारोह ज्यादा से ज्यादा व्यंजन परोसने की कोशिश करते हैं | लोगों की ऐसी मानसिकता बन गई है कि, जितना ज्यादा व्यंजन उतना ज्यादा सम्मान | लेकिन इस बात को भी झूठलाया नहीं जा सकता कि, जितना ज्यादा व्यंजन शादी समारोह में बनाए जाते हैं, उतना ही ज्यादा बर्बाद भी होता है |
शादी समारोह में खर्च करना चमक-दमक दिखाना, अब लोगों की आदत में शुमार बनसा गया है | इस दिखावे के लिए लोग कर्ज में पूरी तरह डूब जाते हैं,लेकिन फिर भी उफ तक नहीं करते, शादी समारोह में बढ़-चढ़कर फिजूलखर्ची करना लोगों को यह शान की बात लगती है |
शादी समारोह में इसी तरह के देखावे को बंद करने के लिए संसद में आवाज उठ चुकी है | बता दे कि, 4 अगस्त को कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने सदन के निम्न सदन लोकसभा में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया। बिल में प्रावधान रखा गया है कि, शादियों में सिर्फ 50 लोगों के ही शामिल होने की अनुमति हो और शगुन के नाम पर सिर्फ ढाई हजार रुपये दिए जा सकेंगे। इसके अलावा शादी में सीमित संख्या के आधार पर 10 से अधिक व्यंजनों को नहीं परोसा जा सकेगा।
समाज में तरह-तरह के लोग रहते हैं और तरह-तरह की विचारधारा रखते हैं,कुछ लोगों को यह प्रावधान सही लगेगा तो कुछ लोगों को गलत | लेकिन यह देखना बड़ा रोचक होगा कि, आखिर यह बिल पास हुआ तो, प्राइवेट मेंबर बिल कितना क्रांतिकारी साबित होता है |
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शादियों में होने वाले बेहिसाब खर्चों का अब देना होगा हिसाब !
- by Gayatri Yadav
- August 7, 2023
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- 2 years ago

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