इन दिनों दार्जिलिंग शहर का जाम के मामले में सिलीगुड़ी शहर से भी ज्यादा बुरा हाल है. पर्यटन का मौसम के साथ-साथ विभिन्न व्यापारिक कार्यों से भी दार्जिलिंग शहर में प्रवेश करने से पहले घूम से ही जाम लगना शुरू हो जाता है. इसके चलते विभिन्न क्षेत्रों में काफी कठिनाइयों का लोगों को सामना करना पड़ता है. जाम की समस्याओं समेत विभिन्न यातायात संबंधित कठिनाइयों के समाधान के लिए जीटीए की ओर से वैकल्पिक सड़क निर्माण के लिए बहुत पहले एक दूरदर्शी पहल की गई थी.
जीटीए प्रमुख अनित थापा ने दार्जिलिंग को जाम मुक्त करने के लिए राज्य सरकार के समक्ष तीन मार्गों का प्रस्ताव रखा था. दार्जिलिंग से तीस्ता बाजार और ब॔गकुलुंग से कर्सियांग तक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण. राज्य सरकार ने इसका अनुमोदन कर दिया है. जीटीए का विचार था कि इन मार्गों के निर्माण से दार्जिलिंग जाने वाले वाहनों की भीड़भाड़ कम होगी. जीटीए ने जो तीसरे मार्ग के लिए राज्य सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा था, उसमें ब॔गकुलुंग से सुखिया पोखरी तक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण शामिल था. हालांकि राज्य सरकार ने अभी इसका अनुमोदन नहीं किया है.
दार्जिलिंग शहर से लेबोंग होते हुए तीस्ता बाजार तक कुल 35 किलोमीटर वैकल्पिक सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. पीडब्ल्यूडी सड़क का निर्माण करेगा. लेबोंग जोर बंगलो के विपरीत छोर पर स्थित है. यहां का कुल क्षेत्रफल 8 किलोमीटर है. यहां कालिमपोंग, गंगटोक, सिलीगुड़ी और मिरिक से दार्जिलिंग जाने के लिए वाहन आते रहते हैं. यही एकमात्र रास्ता है, जिससे दार्जिलिंग शहर में पहुंचा जा सकता है. जिसके कारण यहां काफी जाम लग जाता है. विभिन्न स्थानों से गाड़ियों के आने से यहां भारी जाम लगना स्वाभाविक है. 8 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थिति लगभग अचल सी हो जाती है. इसका सीधा असर दार्जिलिंग ट्रैफिक पर पड़ता है.
और जब पर्यटन का मौसम हो तो गाड़ियों को यहां से पार होने में घंटों लग जाते हैं. 8 किलोमीटर का रास्ता पूरी तरह जाम हो जाता है. इससे दार्जिलिंग शहर भयानक जाम का शिकार हो जाता है. जीटीए के सूत्रों ने बताया कि लेबोंग से कालिमपोंग और गंगतोक तक वैकल्पिक मार्ग दार्जिलिंग को प्रभावित किए बगैर बाईपास से तीस्ता बाजार तक गुजरेगा. तीस्ता बाजार से Dooars और सिलीगुड़ी जाना और आसान हो जाएगा. सूत्रों ने बताया कि विगत 24 मई को राज्य सरकार ने नए मार्गों का अनुमोदन कर दिया है.
इसी तरह से ब॔गकुलुंग से कर्सियांग तक बनने वाले वैकल्पिक मार्ग की दूरी 14 किलोमीटर है. यह मार्ग बन जाने से मिरिक से कर्सियांग तक की दूरी घट जाएगी और वहां पहुंचना आसान हो जाएगा. सूत्रों ने बताया कि नया मार्ग पंखाबाड़ी रोड के पास अंबूटिया फाटक पर समाप्त होगा. यहां से कर्सियांग शहर की दूरी मात्र कुछ किलोमीटर रह जाएगी. जीटीए ने मिरिक सबडिवीजन में बुंगकुलुंग से सुखिया पोखरी तक सड़क निर्माण, जो नागरी और धजिया तक बनने का प्रस्ताव था, उसे राज्य सरकार ने तुरंत अनुमोदन करने से मना कर दिया है.
सूत्रों ने बताया कि जीटीए ने 3 जून को पीडब्ल्यूडी के सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें लेबोंग से तीन माइल भाया पेंडेम टी गार्डन तक एक सर्कुलर रोड का निर्माण कार्य शुरू करे. सूत्रों ने बताया कि जीटीए ने लेबोंग से 3 माइल भाया पेंडम और रंगरून टी गार्डन तक 13 किलोमीटर स्क्रैच के निर्माण का दायित्व लिया है. इस पर काम चल रहा है. कार्य पूरा करने के लिए फंड की कमी है. इसलिए राज्य सरकार से जीटीए ने फंड जारी करने का अनुरोध किया है ताकि जल्द से जल्द शेष कार्य को पूरा किया जा सके. इस वैकल्पिक मार्ग के बन जाने से पर्यटकों और यात्रियों को कालिमपोंग, गंगटोक, तकदाह, लोपचू और पेशोक तथा दूसरे स्थानों की यात्रा आसान हो जाएगी.
इस तरह से जीटीए ने दार्जिलिंग शहर में नित्य प्रति लगने वाले जाम से मुक्ति के लिए एक बड़ी दूरदर्शी पहल की है. अब राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद उपरोक्त वैकल्पिक मार्गों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. अब देखना होगा कि जीटीए प्रस्तावित मार्गो के निर्माण का कार्य कब शुरू करता है.
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