सिलीगुड़ी में चल रही सरकारी सिटी बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं. परिणाम स्वरूप सिटी बस को वर्तमान में भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है. जब यहां सिटी बस सेवा शुरू की गई थी, तब यात्रियों की आंखों में एक उम्मीद भरी चमक थी कि निजी ऑटो चालकों की मनमानी पर विराम लगेगा. इसके साथ ही किराया को लेकर भी समस्या नहीं होगी. परंतु समय के साथ सरकारी सिटी बसों की स्पीड थमने के कगार पर पहुंच गई है. सरकारी बसों को यात्री नहीं मिल रहे हैं. खाली गाड़ी चलाने से नुकसान तो होगा ही. मसला काफी गंभीर है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव 4 जून के बाद सिटी बस के भविष्य पर कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं.
पिछले दो महीनों से सिलीगुड़ी में सिटी बस सेवा चल रही है. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने यात्रियों की सुविधा के लिए इस सेवा का शुभारंभ किया था. तब यही उम्मीद की जा रही थी कि सिटी बस अपने लक्ष्य में कामयाब होगी. गौतम देव ने यह भी कहा था कि धीरे-धीरे सिलीगुड़ी के सभी प्रमुख स्थानों से सिटी बस सेवाओं का विस्तार किया जाएगा. परंतु हालत यह है कि 2 महीने में ही एनबीएसटीसी को लगभग 83 लाख रुपए का नुकसान हुआ है. ऐसे में यह चर्चा शुरू हो गई है कि घाटे में चल रही सिटी बस सेवा को सब्सिडी के सहारे कितने दिनों तक चलाया जा सकेगा?
कहीं ना कहीं गौतम देव इसके लिए रेलवे को जिम्मेदार मानते हैं. उनका इशारा साफ है कि रेलवे की ओर से कोई सहयोग नहीं मिल रहा है. हालांकि रेलवे की ओर से सकारात्मक सहयोग की बात की जा रही है. यूं तो सिलीगुड़ी में सिटी बस सेवा गिनी चुनी है. पर यह सेवा नेताजी मोड़ से शुरू की जाती है. जबकि रेल यात्रा करके एनजेपी उतरे यात्रियों को स्टेशन से ही सिटी ऑटो की सुविधा उपलब्ध हो जाती है. रेल यात्री थके होते हैं. वह नेताजी मोड तक जाना पसंद नहीं करते.यही कारण है कि सिटी बस को यात्री नहीं मिल रहे हैं. मेयर को भी यह बात समझ में आने लगी है
अगर सरकारी सिटी बस को एनजेपी गेट से शुरू करने की व्यवस्था की जाए तो मसले का कुछ हद तक हल हो सकेगा. लेकिन इसके लिए रेलवे के अधिकारियों का सहयोग और समर्थन आवश्यक है. गौतम देव 4 जून के बाद इस संबंध में पहल कर सकते हैं. आपको बताते चलें कि सिलीगुड़ी में सिटी बस सेवा कोई नई नहीं है. पहले भी यहां सरकारी बस सेवा उपलब्ध कराई गई थी. परंतु उचित रखरखाव के अभाव में उसे जल्दी ही बंद करना पड़ा था. एक लंबे अरसे के बाद मार्च में उत्तर बंगाल राष्ट्रीय परिवहन निगम ने इस सेवा को दोबारा शुरू करने की पहल की थी. फिलहाल सिलीगुड़ी में दो ही सरकारी बसें चलती है.
इन बसों का रूट देशबंधुपारा से सफदर हाशमी चक, सेवक रोड और शालूगाड़ा तक है. दूसरी बस एनजेपी के नेताजी मोड़ से चलाई जाती है जो चंपासारी होकर मिलन रोड तक जाती है. इन बसों का न्यूनतम किराया ₹10 और अधिकतम किराया ₹20 है. इन बसों में 20 से 25 यात्रियों के बैठने की भी व्यवस्था है.पर आलम यह है कि इन बसों में यात्री ही नहीं है.अब मेयर गौतम देव चाहते हैं कि सिटी बस को एनजेपी स्टेशन से चलाया जाए तो सेवा में सुधार होगा. लेकिन इसके लिए रेलवे के अधिकारियों का सहयोग जरूरी है. क्योंकि इससे पहले भी एनजेपी स्टेशन से सरकारी बस सेवा शुरू की गई थी. पर बाद में रेलवे ने इसे हटा दिया था. बहरहाल 4 जून के बाद ही सिटी बस सेवा के भविष्य का फैसला होने की संभावना नजर आ रही है.
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