पिछले कुछ दिनों से रिमझिम हो रही बारिश ने आज अपने सारे सब्र के बांध तोड़ दिए. खुलकर बारिश हुई और ऐसी बारिश हुई कि जल में सिलीगुड़ी समाता सा नजर आया. ऐसा कोई भी इलाका नहीं, जहां जल जमाव नहीं हुआ हो. निचले इलाकों में तो लोगों का घर से निकलना ही दुभर हो गया. लोग जहां थे, वहीं दुबक कर रह गए. कई घरों में पानी घुस गया तो नाला और ड्रेन में कोई अंतर ही नजर नहीं आया. सिलीगुड़ी नगर निगम के लगभग एक दर्जन वार्डों में यही नजारा देखा गया.
सड़कों पर यात्री वाहन ज्यादा नहीं चले. बाजार में सन्नाटा पसरा रहा. सड़क पर जल जमाव के कारण जगह-जगह जाम देखा गया. हाशमी चौक, पानीटंकी मोड, सेवक रोड, हिलकार्ट रोड, वर्धमान रोड, सब जगह भयानक जाम देखा गया. सेवक रोड पर तो गाड़ियां चींटी की चाल की तरह सरक रही थीं. आज की बारिश के रंग बड़े ही अद्भुत थे. मौसम ने खूब अठखेलियां खाईं. कभी ऐसा लग रहा था कि बारिश थम गई. पर कुछ ही देर में बारिश की गिरती मोटी मोटी बूंदों ने अपने व्यापारिक कार्यों के लिए बाहर जाने वाले लोगों के कदमों को ब्रेक लगा दिए. पूरे दिन ऐसा ही होता रहा. कुछ देर के लिए बारिश थमी जरूर, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं मिला. बारिश ने सिलीगुड़ी के जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया.
इस बारिश ने पहाड़ में आपात संकट उत्पन्न कर दिया. मौसम विभाग की भविष्यवाणी सत्य साबित हुई. दार्जिलिंग, समतल और पहाड़,Dooars, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुरद्वार,सिक्किम और पूरे उत्तर बंगाल में बारिश हुई है. दार्जिलिंग और कर्सियांग में आज की बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया. सड़कों पर लबालब जल जमाव से वाहन ऐसे गुज़र रहे थे, जैसे नदी में नाव पानी को चीरते हुए जाती है
नदियां तो पहले से ही लबालब हैं.आज की बारिश में तीस्ता और महानंदा नदियां खतरनाक स्तर पर पहुंच गई हैं. माल बाजार, उदलाबाड़ी इत्यादि इलाकों में तीस्ता के किनारे रहने वाले बचे खुचे लोग भी पलायन के लिए मजबूर हो गए. पहाड़ में कई रास्ते कट चुके हैं. कल तक उन रास्तों से होकर एकाध वाहन आ जा रहे थे.आज वहां से वाहन गुजर नहीं रहे हैं. खासकर तीस्ता से होकर जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया है.
सेतीझोरा से चित्रे बंद है. 19 माइल में भूस्खलन हुआ है. रविझोरा से तीस्ता बाजार का रास्ता बंद है. कालिमपोंग से सिलीगुड़ी जाने वाले वाहनों को प॔बू रोड से जाना पड़ रहा है. इसके अलावा रंगपो से लावा जाने के लिए मनसोंग होकर जाना पड़ रहा है. कालिमपोंग से सिलीगुड़ी का रास्ता लावा होकर ही मुमकिन है. जबकि NH 717 ए पूरी तरह बंद किया जा चुका है. आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा पूर्व में ही हो चुकी है.
पहाड़ में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है. दार्जिलिंग और सिक्किम में एक से अधिक भूस्खलन की जानकारी मिली है. हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर प्रशासन की ओर से यातायात संबंधी ताजा अपडेट प्राप्त नहीं हुआ है. परंतु सूत्रों ने बताया कि NH 10 के अलावा वैकल्पिक मार्ग भी अवरुद्ध हो चुके हैं. सड़क पुनर्निर्माण कार्यों को भी स्थगित करना पड़ा है. सड़क से मलबे को हटाने में स्थानीय प्रशासन और सेना के जवान लगे हैं. परंतु बारिश बाधक बनी हुई है. पहाड़ का रास्ता इतना खतरनाक हो चुका है कि प्राइवेट वाहन चालकों को संभल कर गाड़ी चलानी पड़ रही है. पहाड़ से विस्तृत खबर आने का इंतजार है.
समतल की हालत सबसे ज्यादा खराब है. सिलीगुड़ी और निकटवर्ती इलाकों में बारिश का सैलाब लोगों के घरों तक पहुंच गया है. मेडिकल के नजदीक बस्ती क्षेत्रों में जगह-जगह जल जमाव के कारण लोगों के रोजी रोजगार पर भी व्यापक असर पड़ा है. महानंदा और सहायक नदियां अपने सब्र के बांध को तोड़ने पर आमादा है. तेज बहाव और भीषण गर्जना से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि आज की बारिश ने क्या कहर मचाया है.
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