पर्वतों और हरियाली से घिरे प्रदेश सिक्किम की अद्भुत छटा पूरे विश्व में पर्यटकों के सर चढ़कर बोलती है. बरसात के तीन-चार महीने को छोड़कर पूरे वर्ष तक यहां पर्यटन का मौसम रहता है.सिक्किम की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा भाग पर्यटन भी है.
सिक्किम में पर्यटकों की आवक को देखते हुए अनेक लोगों ने अपने घर में ही होम स्टे बना रखा है. होम स्टे के निर्माण में सरकार सब्सिडी पर मालिकों को लोन प्रदान करती है. सिक्किम में अनेक व्यवसाईयों ने सरकार से सब्सिडी पर लोन लेकर घर में ही होम स्टे बनाया. अनेक परिवारों की रोजी-रोटी होम स्टे से होने वाली कमाई पर चलती है. पर्यटक सिक्किम घूमने आते हैं तो वह होम स्टे में रुकना ज्यादा पसंद करते हैं. क्योंकि एक तो होम स्टे में रुकने से उनके पैसे की बचत होती है. इसके साथ ही घर जैसी सुविधाएं भी मिलती हैं. यही कारण है कि पर्यटकों में होम स्टे की काफी डिमांड है.
पिछले काफी समय से शिकायत आ रही थी कि सिक्किम के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित होम स्टे का दुरुपयोग किया जा रहा है. अनेक लोग होम स्टे को किराए या लीज पर तीसरी पार्टी को दे रहे हैं. जबकि 2013 की सिक्किम होम स्टे स्थापना नियमों के अनुसार होम स्टे पंजीकरण के समय मालिकों से यह करार करवाया जाता है कि वे होम स्टे का स्थानीय उद्यमियों के लिए ही उपयोग होने देंगे तथा इसका दुरुपयोग नहीं करेंगे. इस समझौते के नियम एवं शर्तों के उलट कुछ व्यवसाई और होमस्टे के मालिक अपने होम स्टे को किसी तीसरी पार्टी को लीज या किराए पर दे रहे थे.
होम स्टे एसोसिएशन ऑफ़ सिक्किम ने सिक्किम सरकार से कई बार इसकी शिकायत की. अब जाकर सिक्किम सरकार ने होम स्टे एसोसिएशन ऑफ़ सिक्किम की मांग को मानते हुए उनके हक में फैसला दिया है. राज्य सरकार ने अपने आदेश में स्पष्ट रूप से कहा है कि होमस्टे के मालिक किसी तीसरी पार्टी को अपना होम स्टे किराए पर नहीं देंगे और ना ही लीज पर दे सकेंगे. सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि सिक्किम में होमस्टे पट्टे पर नहीं दिये जाएंगे. अगर कोई होम स्टे मलिक ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
राज्य सरकार पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के बाद सिक्किम और खासकर गंगटोक के होम स्टे मालिकों में खलबली मच गई है. जो होम स्टे को गुप्त रूप से तीसरी पार्टी को देकर मोटी कमाई कर रहे थे. सिक्किम में ऐसे अनेक लोग होमस्टे को तीसरी पार्टी को पट्टे पर अथवा लीज पर देने की योजना भी बना रहे थे. इस तरह से वे स्थानीय उद्यमियों के पेट पर लात मार रहे थे. उन सभी में बेचैनी और छटपटाहट देखी जा रही है. अब सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि होम स्टे को स्थानीय उद्यमी ही चला सकेंगे.
आपको बताते चलें कि सिक्किम में पर्यटन के उद्योग में स्थानीय हित धारकों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सिक्किम सरकार की ओर से राज्य में होम स्टे की स्थापना के लिए सब्सिडी पर ऋण प्रदान किया जाता है!