दक्षिण पश्चिम मानसून निकोबार दीप समूह पहुंच चुका है. 31 मई तक इसके केरल पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. इस बीच पूरे भारत में भीषण गर्मी और धूप से लोगों का जीना बेहाल है. बीच-बीच में मौसम अंगड़ाई लेता है, तो कहीं बारिश, कहीं तूफान, तो कहीं विनाश भी देखा जा रहा है. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में पिछली रात जमकर बारिश हुई और सुबह तक जारी रही. बीच-बीच में बिजली भी कड़कती रही. इससे लोग डर गए.
पहाड़ में भी अच्छी खासी बारिश हुई है. सिलीगुड़ी में महानंदा, पंचनई आदि नदियों में पानी का प्रवाह बढा है. नौका घाट के पास सुबह नदी में तेज जलधारा देखी गई. यह इसका प्रमाण है कि पहाड़ और समतल में अच्छी खासी बारिश हुई है. कालिमपोंग जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण तीस्ता नदी के किनारे रहने वाले लोग सहमे हुए हैं. नदी में प्रवाह बढ़ गया है. तीस्ता नदी में पानी बढ़ने के कारण मल्ली बाजार, नदी के किनारे भारी कटाव देखा गया. इससे लोग डरे हुए हैं.
उत्तर बंगाल के कई इलाकों में पिछली देर रात और आज सुबह तक बारिश, तूफान और बिजली गिरने की कई घटनाएं सामने आई हैं. इससे जान माल और संपत्ति का भी नुकसान हुआ है. चाकुलिया विधानसभा के कई इलाकों में विनाशकारी तूफान और बारिश के साथ अचानक बिजली गिरने से यहां के लोग आतंकित हो गए. रविवार की देर रात लगभग 1:00 बजे बारिश और आकाशीय बिजली ने गांव वालों को दहशत में डाल दिया. सुबह लगभग 5:00 बजे तक तूफान और मूसलाधार बारिश जारी रही.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चाकुलिया के कई गांव जैसे बालीगुडा, बैलांचा, बेलगाछी, चाकुलिया के पूर्वी भाग और ग्रामीण बस्तियों में भीषण तूफान का सामना गांव वालों को करना पड़ा. इससे सड़क संपर्क, बिजली संपर्क टूट गया. कई लोगों के मकान की टीनें उड़ गई. सड़कों पर बड़े-बड़े पेड़ और दरख्त उखड़ कर गिर गए. जिसके कारण यातायात अवरुद्ध हो गया. सबसे अधिक क्षति बैलांचा गांव में हुई है. यहां के कई घर तूफान में ध्वस्त हो चुके हैं.
इस गांव के मोहम्मद शफीक ने बताया कि उसके घर की छत गिर गई. टिन की छत थी. तूफान उसे उड़ा ले गया. जबकि ईट की दीवार उसके घर वालों पर गिर गई. मोहम्मद शफीक ने बताया कि घर में उसके दादा और सास थी. उनके ऊपर दीवार गिर गई. दोनों घायल हो गए. लेकिन रास्ता अवरुद्ध होने के कारण दोनों का इलाज नहीं हो सका है. नजदीक में स्वास्थ्य केंद्र है. लेकिन वहां तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है. गांव वाले काफी परेशान हैं. शेष भाग से संपर्क कट चुका है. यहां मोबाइल नेटवर्क भी नहीं है, ताकि ग्वाल पोखर ब्लॉक के वीडियो से संपर्क किया जाता.
यहां के लोग खेती-बाड़ी करते हैं. यही उनकी आजीविका का स्रोत है. लेकिन तूफान और भारी बारिश के चलते खेतों में या तो पानी लग गया है या फिर फसलों को व्यापक क्षति पहुंची है. खेतों में मकई और धान की फसल लगी हुई है. अब फसल कटने में वक्त लगेगा. तब तक उनकी कमाई भी प्रभावित होगी. मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार मौसम इसी तरह से करवट लेता रहेगा. कभी बारिश, कभी तूफान तो कभी उच्च तापमान का चक्र चलता रहेगा. गर्मी का सितम जारी रह सकता है. लेकिन पहाड़ का मौसम अत्यंत खुशनुमा बन चुका है.
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