इस हफ्ते से सावन शुरू हो जाएगा और सावन के साथ ही कांवड़, कावड़ियों और शिव मंदिर की जयघोष शुरू हो जाएगी. सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों से काफी संख्या में श्रद्धालु या तो बाबा धाम यानी देवघर जाते हैं या फिर जलपाईगुड़ी में स्थित जलपेश मंदिर. इस बार अनुमान है कि पिछली बार की तुलना में श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होगी. इसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने जल्पेश मंदिर में साफ सफाई से लेकर व्यवस्था, पूजा, श्रद्धालुओं के प्रवेश करने, पूजा के बाद वापस जाने, श्रावणी मेला के लिए जगह इत्यादि की व्यवस्था को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है.
अगर आप जल्पेश मंदिर में बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाना चाहते हैं तो इस बार जल्पेश मंदिर कमेटी की ओर से कुछ नई व्यवस्था की गई है, जिसे जानना आपके लिए जरूरी होगा. पहली बार जल्पेश मंदिर में श्रद्धालुओं के बीच भेदभाव को खत्म किया जा रहा है. यानी इस बार वीआईपी कल्चर नहीं होगा. मंदिर में प्रवेश करने के लिए अमीर गरीब सभी को एक ही टिकट लेना होगा. जिसका मूल्य ₹50 होगा. आपको याद होगा कि पिछली बार VIP प्रवेश के लिए ₹100 का टिकट लगता था. जबकि सामान्य श्रद्धालुओं के लिए ₹20 का टिकट लेना पड़ता था.
जल्पेश मंदिर में प्रवेश करने के लिए स्काई वाक की व्यवस्था की गई है. यानी श्रद्धालु स्काई वाक के माध्यम से ही मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे. पिछली बार के तल्ख अनुभवों को देखते हुए इस बार प्रशासन ने व्यवस्था को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. पिछली बार श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रवेश करने के लिए पुलिस के ही बैरिकेड्स तोड़ दिए थे. इस बार महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग पंक्ति में ही मंदिर में प्रवेश करना होगा.
महिलाओं और पुरुषों के लिए जो लाइन की व्यवस्था की गई है, उसके बारे में प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं कि मंदिर के दाहिने भाग में गेट से महिलाओं की लाइन शुरू होगी. जबकि बाई तरफ के गेट से पुरुषों की लाइन आरंभ होगी. श्रद्धालु मंदिर में पूजा करने के बाद नहीं रुकेंगे और मंदिर के पीछे से बाहर निकल जाएंगे. किसी को भी मंदिर के सामने खड़े होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसके अलावा यहां दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई है. जर्दा नदी पर दो पुल बनाए गए हैं, जिन्हें श्रावणी मेला से पहले जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
तीस्ता नदी में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन की ओर से घाट पर दुकान लगाने की इजाजत व्यापारियों को नहीं दी गई है. व्यापारी अपनी दुकान तीस्ता ब्रिज से मयनागुड़ी की ओर आते समय सड़क के बायीं ओर ही लगा सकेंगे. पुरुषों की अलग लाइन में जो व्यवस्था की गई है, उसके अनुसार श्रद्धालु हाथी गेट के बाई ओर स्काईवॉक होते हुए मंदिर तक जाएंगे. जबकि महिलाएं दाएं गेट से होकर मंदिर में प्रवेश करेंगी. जल्पेश मंदिर में व्यवस्था का मुआयना करने के लिए पिछले दिनों जलपाईगुड़ी की जिलाधिकारी शमा परवीन, पुलिस अधीक्षक उमेश खंड बहले ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर अहमद तथा जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी गए थे और वे व्यवस्था से संतुष्ट हुए.
श्रावणी मेला में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई कदम उठाए हैं. जिला प्रशासन की ओर से सभी तरह के प्रबंध किए जा रहे हैं.इनमें अग्निशमन विभाग, आपदा विभाग, सिंचाई विभाग, राज्य सरकार के कर्मचारी और सामाजिक संगठनों की भी मदद ली जा रही है. मेला में भगदड़ को रोकने के लिए सभी तरह के कदम उठाए गए हैं. इसमें मेला प्रांगण कमेटी की मुख्य भूमिका होगी और मेला प्रांगण कमेटी के अधिकारियों के द्वारा जारी निर्देशों का पालन लोगों को करना होगा. कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस बार जल्पेश मंदिर में श्रद्धालुओं को एक नया अनुभव होगा.
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