पश्चिम बंगाल के लिए एक बात मशहूर है कि यहां बरसात कब हो जाए, इसकी सटीक भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. कब मौसम किस करवट ले ले, यह दावा नहीं किया जा सकता है.ठीक उसी तरह से यहां की राजनीति को लेकर भी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है. आज जो तस्वीर है, कल वह नहीं रहेगी. इसका अब संकेत भी मिल रहा है.
पश्चिम बंगाल में 10 सीटों का चुनाव संपन्न हो चुका है. शेष 32 सीटों के लिए चार चरणों में मतदान संपन्न होंगे. हर पार्टी अथवा दल चुनाव जीतने के लिए नई-नई रणनीतियां अपना रहा है.तृणमूल कांग्रेस और भाजपा भी बाजी पलटने के लिए चाल पर चाल चल रही हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का शुरू किया गया तकिया कलाम खेला होबे की बंगाल की राजनीति में सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है.
यहां हर दिन तस्वीर बदल रही है. खासकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच शह और मात का खेल जारी है. कल तक भाजपा संदेश खाली के मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस को घेर रही थी. संदेश खाली मामला चुनाव की दशा और दिशा बदलने के लिए तैयार है. संदेश खाली की घटना ने बंगाल की राजनीति को हिला कर रख दिया. भारतीय जनता पार्टी ने इसे तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ एक अस्त्र के रूप में इस्तेमाल किया है.
लेकिन अब टीएमसी की ओर से संदेश खाली पर बाजी पलटी जा रही है. तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने राजनीतिक लाभ के लिए महिलाओं से शिकायत करने को कहा था. वहीं दूसरी तरफ संदेशखाली की तीन महिलाओं में से एक ने यू टर्न ले लिया है. उक्त महिला ने दावा किया है कि उसके साथ शाहजहां शेख के लोगों ने कोई मारपीट नहीं की थी. स्थानीय भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने उस महिला से कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने और पुलिस में शिकायत करने के लिए उस पर दबाव बनाया था.
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस की ओर से संदेश खाली को लेकर एक वीडियो भी जारी किया गया था, जिसे भाजपा ने निराधार कहा है. और तृणमूल कांग्रेस की इसे साजिश करार दिया है. राज्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल सी वी आनंद बोस के बीच 36 का आंकड़ा है. राज्यपाल इस समय राज भवन में काम करने वाली महिला के कथित छेड़छाड़ के आरोप के बीच घिर चुके हैं. सच्चाई तो जांच के पश्चात सामने आएगी, लेकिन फिलहाल तृणमूल कांग्रेस यही देख रही है कि चुनाव में इसका लाभ कैसे उठाया जाए.
अब राज्यपाल महोदय राजभवन परिसर के 2 मई के सीसीटीवी फुटेज को लगभग 100 लोगों को दिखा चुके हैं. राज्यपाल ने राज भवन में सच के सामने कार्यक्रम की शुरुआत करने की घोषणा की है.आपको बता दें कि राजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने राजभवन में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी. महिला की शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है.
जांच का परिणाम जो भी हो, लेकिन फिलहाल राज्य के दोनों प्रमुख दलों की ओर से किसी न किसी बहाने वोटो का राजनीतिकरण किया जा रहा है. अब विष्णुपुर से भाजपा उम्मीदवार सौमित्र खान ने एक नया शगुफा छोड़ दिया है, जिसकी चर्चा शुरू हो गई है. सौमित्र खान ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस चुनाव कार्य में बाहर से आए अधिकारियों को फसाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल कर सकती है.उन्होंने अधिकारियों को तृणमूल कांग्रेस की इस साजिश से सावधान रहने की सलाह दी है. उनके इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस की ओर से ‘मात’ चलने की प्रतीक्षा की जा रही है.
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि राजनीति का स्तर और नीचे गिरने वाला है. अभी तो तीन चरण के ही चुनाव हुए हैं. चार चरणों के चुनाव बाकी हैं. चुनाव खत्म होते-होते बंगाल की राजनीति इतना नीचे गिर चुकी होगी कि चुनाव परिणाम के बाद इसके विस्फोटक नतीजे भी सामने आ सकते हैं.
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