November 17, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

सिलीगुड़ी में साग-सब्जियों का भाव आसमान छू रहा!

एक ही हफ्ते में सिलीगुड़ी के बाजार में साग सब्जियों के दाम में लगभग दुगुने का इजाफा हो चुका है. साधारण लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि सब्जी खाएं अथवा भात दाल से ही काम चला लें. सब्जियों की आसमान छूती कीमतों को देखते हुए कई साधारण वेतन भोगी लोगों ने घर में अचार रखना शुरू कर दिया है. उनके घर में बहुत कम सब्जियां बनती है. कई मध्यम वर्गीय परिवारों में रोज हरी सब्जियां नहीं खाई जा रही है. कभी राजमा, कभी चना, कभी सोयाबीन से तड़का लगा लिया जाता है. ज्यादातर लोग नाश्ते में पराठे के साथ अचार से ही काम चला लेते हैं. लगभग एक हफ्ते से यह स्थिति देखी जा रही है.

सिलीगुड़ी के विभिन्न फुटकर और थोक बाजार में जाकर देखिए तो सब्जियों के भाव में आग लगी हुई है. कोई भी हरी सब्जी ₹80 किलो से नीचे नहीं है. एक हफ्ते पहले भिंडी को कोई नहीं पूछता था. यहां तक कि खुदरा बाजार में 15 से ₹20 किलो भिंडी मिल जाती थी. आज इसका भाव ₹80 किलो खुदरा बाजार में हो चुका है. चार दिन पहले बैंगन की कीमत 40 से 50 रुपए प्रति किलो होती थी. आज बाजार में यह ₹80 प्रति किलो बिक रहा है. इसी तरह से करेला भी महंगा हुआ है.

खीरा का भाव केवल चार दिन में ही तीन गुना ज्यादा महंगा हुआ है. एक हफ्ते पहले खीरा सिलीगुड़ी के खुदरा बाजार में ₹25 से लेकर ₹30 किलो बिकता था. आज सिलीगुड़ी के खुदरा बाजार में ₹80 प्रति किलो हो गया है. इसी तरह से आलू ₹35 किलो बिक रहा है. प्याज के दाम में भी ₹5 से लेकर ₹10 तक प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. यानी सभी तरह की सब्जियों के भाव में भारी इजाफा हुआ है.

टमाटर का भाव काफी तेजी से बढ़ रहा है. 10 दिन पहले टमाटर खुदरा बाजार में 20 से ₹25 प्रति किलो बिक रहा था. आज थोक बाजार में ही उसकी कीमत 80 से 90 रुपए प्रति किलो हो गई है. सिलीगुड़ी की थोक मंडी सिलीगुड़ी रेगुलेटेड मार्केट का यह हाल है. ऐसे में खुदरा बाजार में टमाटर ₹100 प्रति किलो के नीचे नहीं है. हरी सब्जियों के विक्रेता रेगुलेटेड मार्केट से सब्जी खरीदते हैं. वहां से सब्जी लाने का भाड़ा, उनकी मेहनत, समय आदि का हिसाब लगाकर ₹60 वाली सब्जी ₹80 प्रति किलो या इससे ज्यादा की हो जाती है. ग्राहकों को सब्जी की खरीद में उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा निकल जाता है. इससे लोग काफी परेशान हैं.

यह सच है कि बरसात में सब्जियों के भाव बढ़ जाते हैं. इस साल मानसून की शुरुआत में ही सिलीगुड़ी और आसपास के इलाकों में अच्छी बरसात हुई है. इसका सब्जियों की खेती पर विपरीत असर पड़ा है. या तो सब्जियां खेत में ही नष्ट हो गई अथवा जल जमाव के कारण तबाह हो गई. अगर पिछले चार-पांच सालों के मानसून की बात करें तो बरसात के समय में सब्जियों के भाव इतने ज्यादा नहीं होते थे जितना कि इस मौसम में देखा जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि टमाटर और प्याज की कीमतें तो पहले भी बढी हैं लेकिन सारी सब्जियों के भाव एकदम से ऐसे बढ़ जाए, ऐसा पहली बार देखा जा रहा है.

एक दुकानदार ने बताया कि अधिकांश सब्जियां दूसरे राज्यों से आती हैं. सिलीगुड़ी के आसपास में सब्जियों की खेती जरूर होती है लेकिन बारिश के कारण खेत में पानी जमा हो गया. निकासी नहीं होने से सब्जियां खेत में ही नष्ट हो गई. जलपाईगुड़ी में सब्जियों की सबसे ज्यादा खेती होती है. लेकिन नदी, बरसात और बाढ़ के कारण सब्जियां नष्ट हो गई.ऐसे में लोगों को बाहर से आने वाली सब्जियों पर ही आश्रित रहना पड़ता है. जब सब्जियां उद्गम स्थल से ही महंगी आ रही है तो यहां तो और ज्यादा महंगी होगी ही. जो भी हो सब्जियां महंगी होने से साधारण लोगों की क्रय शक्ति से बाहर हो चुकी है. ऐसा लगता है कि सब्जियों की कीमतों में निकट भविष्य में भी कमी नहीं होने वाली है, क्योंकि अभी तो बरसात शुरू ही हुई है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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