May 3, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल राजनीति सिलीगुड़ी

सिक्किम में NDA बनाम NDA की होगी लड़ाई!

सिक्किम के बारे में कहा जाता है कि केंद्र में जिस पार्टी की सरकार होती है, सिक्किम पर उसका ही अधिकार होता है. सिक्किम की क्षेत्रीय पार्टियां केंद्र सरकार से बगावती रुख अपना नहीं सकती.वर्तमान में सिक्किम में दो मुख्य राजनीतिक दल हैं.एक सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जबकि पवन चामलिंग की विपक्षी पार्टी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट है.

सिक्किम में राष्ट्रीय पार्टी भाजपा भी है. लेकिन यहां क्षेत्रीय पार्टियों का ही वर्चस्व है. सिक्किम पहला प्रदेश है जहां राष्ट्रीय पार्टी भाजपा के हाथ में दो-दो लड्डू होते हैं. हालांकि भाजपा यहां खुद के दम पर कोई प्रभाव छोड़ने में नाकाम रही है. परंतु एसकेएम तथा एसडीएफ दोनों राजनीतिक दल भाजपा की कभी बुराई नहीं कर सकते और ना ही उसके खिलाफ जा सकते हैं. जबकि दूसरी ओर क्षेत्रीय पार्टियों अथवा दल एक दूसरे की आलोचना कर सकते हैं. एक दूसरे के खिलाफ रणनीति बना सकते हैं. मोर्चा तैयार कर सकते हैं. लेकिन वह भाजपा के खिलाफ कभी नहीं जा सकते.

दूसरी तरफ भाजपा सिक्किम में कमजोर होकर भी क्षेत्रीय पार्टियों से काफी ऊपर और महत्वपूर्ण है. लड़ाई तो क्षेत्रीय पार्टियां करती हैं जबकि भाजपा को दोनों ही पार्टियों से लाभ होता है. एसकेएम जीते तो भी भाजपा अथवा एनडीए के साथ जबकि एसडीएफ का उम्मीदवार जीतता है तो वह भी बीजेपी या एनडीए के साथ हो जाता है. ऐसे में सिक्किम में भाजपा को चुनाव जीतने के लिए ज्यादा पसीना बहाने की जरूरत नहीं होती है. इस तरह से लोकसभा चुनाव में सिक्किम की सीट सरकार के लिए पक्की हो जाती है.

सवाल यह है कि जब सिक्किम की दोनों ही क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा या एनडीए के बैनर तले चुनाव लड़ती हैं तो फिर भाजपा किसके लिए चुनाव लड़े. केंद्र सरकार को सिक्किम की सीट चाहिए और वह सीट बड़ी आसानी से सरकार को हासिल हो जाती है.

सिक्किम की राजनीति में वर्तमान में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. सिक्किम की मौजूदा सरकार के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग खुद अथवा अपनी पार्टी को शुरू से ही एनडीए का हिस्सा बताते हैं. केंद्र सरकार के हर अच्छे बुरे फैसले में NDA का साथ देते हैं. पिछले दिनों 19 जुलाई को एनडीए की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए सिक्किम के मुख्यमंत्री दिल्ली गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए के सांसदों तथा महत्वपूर्ण भागीदारों को संबोधित किया था. सम्मेलन के बाद स्वयं गोले ने कहा था कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात है. जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सानिध्य प्राप्त किया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ की थी और कहा था कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है और आगे भी रहेगी.

दूसरी ओर 8 अगस्त 2023 को सिक्किम की मुख्य विपक्षी पार्टी एस डी एफ के राज्यसभा सांसद हिस्से लाचुंगपा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एनडीए को दिए गए रात्रि भोज में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. इस आयोजन में भाग लेने के लिए एसडीएफ के राज्यसभा सांसद दिल्ली गए थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री पीयूष गोयल व विभिन्न एनडीए के सांसदों के साथ रात्रि भोज किया था.

इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के दिशा निर्देशों पर अपना महत्वपूर्ण वक्तव्य रखा था. रात्रि भोज संपन्न होने के बाद विपक्षी पार्टी एसडएफ के सांसद हिस्से लाचुंगपा ने कहा था कि उनकी पार्टी भी एनडीए का एक हिस्सा है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की काफी तारीफ की. इस तरह से सिक्किम की राजनीति में क्षेत्रीय पार्टियों का वर्चस्व रहते हुए भी उन्हें केंद्र की सरकार के साथ ही आगे बढ़ना होता है.

सिक्किम एक कृषि प्रधान क्षेत्र था, जहां पशुधन की संख्या अत्यधिक थी. 16 मई 1975 को सिक्किम भारत का 22 वां राज्य बना था. तभी से सिक्किम अपने विकास के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर रहता है. केंद्रीय सरकार सरकार सिक्किम को विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करती रही है

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