क्या ऐसा भी होता है कि कोई आपके मकान के कागजात की नकल लेकर ही आपको मकान से बेदखल कर दे? आपने लोन लिया नहीं लेकिन एक दिन लोन ऑफीसर आपके दरवाजे पर आपसे लोन की किस्त की उगाही करने पहुंच जाए? केवल इतना ही नहीं मकान के कागजात की नकल से ही कोई फाइनेंस कंपनी उस व्यक्ति को लोन दे दे, जो मकान का मलिक ही नहीं है… आप कहेंगे कि ऐसा तो होता नहीं है. सच्चाई भी यही है कि ऐसा कहीं नहीं होता. लेकिन इस सच से भी बड़ा एक और सत्य सामने आया है जिसे जानकर पैरों तले की धरती खिसक जाएगी!
कई बार लोगों को बिजली बिल अथवा जरूरी कागजात के लिए जमीन की रजिस्ट्री की नकल संबंधित विभाग में जमा करनी पड़ती है. लेकिन उस तरह का कोई फ्रॉड नहीं होता है, जो हुआ है. भारत के किसी अन्य शहर में ऐसा हो या नहीं हो, परंतु यह सिलीगुड़ी शहर है, यह वह शहर है, जहां कहीं नहीं होता, वह इस शहर में होता है. सिलीगुड़ी शहर के 22 नंबर वार्ड स्थित अरविंद पली में रहते हैं एक वृद्ध दंपति. लिपिका सरकार और उनके पति तरुण सरकार. परिवार में दो लोग ही हैं. इस दंपति का एक बेटा बेंगलुरु में रहता है. वह बेंगलुरु में ही काम करता है.
यहां सिलीगुड़ी में पति पत्नी अकेले रहते हैं. ऊपर से उम्र हो चली है.घर में उदासी सी बिखरी रहती है. बेटा कहता है कि मकान बेचकर बेंगलुरु उनके साथ रहने के लिए आ जाएं. पहले तो सरकार दंपति ने बेटे के सुझाव पर विचार नहीं किया. फिर सोचा कि बेटा सही कह रहा है. एक दिन मकान बेचने के ख्याल से सरकार दंपति ने आसपास के लोगों को बताया. कुछ दिनों के बाद एक व्यक्ति उनका मकान खरीदने के लिए उनसे संपर्क करता है. बातचीत के क्रम में वह अपना नाम संजय घोष बताता है. सरकार दंपति ने संजय घोष के मांगने पर अपने मकान के कागजात की नकल दे दी. संजय घोष ने सरसरी नजर से कागजात देखा और कहा कि इसकी जांच करने के बाद वह जल्दी उनसे संपर्क करेगा.
बात आई गई हो गई. कुछ दिन बीत गए. लेकिन संजय घोष दोबारा तरुण सरकार के पास नहीं आया और ना ही फोन करके इस बारे में कोई बात की. तरुण सरकार ने सोचा कि संजय घोष उनका मकान लेने का इच्छुक नहीं है. फिर वह कोई और ग्राहक की तलाश करने लगे. इसी दौरान एक दिन चोला मंडलम नामक एक फाइनेंस कंपनी का एक आदमी उनके घर आया और कहा कि उन्होंने अपने मकान पर 42 लाख रुपए का लोन ले रखा है. इसकी पुष्टि के लिए ही वह वहां आया था. पहले तो सरकार दंपति को लगा कि कोई उनके साथ मजाक कर रहा है. लेकिन जब फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी ने लोन के कागजात दिखाए तो उनके होश उड़ गए. लिपिका सरकार तो मूर्छित होकर गिर पड़ी. यह कैसे संभव हुआ, जबकि उन्होंने फाइनेंस कंपनी से कोई लोन लेने की बात कौन करे, इस कंपनी के बारे में वह जानते तक नहीं थे.
ताकि कोई और झमेला ना हो जाए, सरकार दंपति तुरंत ही सिलीगुड़ी थाना पहुंच गए और अपने साथ हुए इस धोखे की बात थाना प्रभारी को बताई. उनकी लिखित शिकायत पर सिलीगुड़ी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी. उधर ठीक एक ऐसा ही मामला माटीगाड़ा थाने में फाइनेंस कंपनी की ओर से दर्ज कराया गया. चोलामंडलम नामक उक्त फाइनेंस कंपनी ने इस गड़बड़ झाला के लिए चार लोगों को आरोपी बनाया. उनमें से एक उक्त फाइनेंस कंपनी का एक सदस्य भी था.
माटीगाड़ा थाना के पुलिस अधिकारी पीयूष कांति सेन ने मामले की छानबीन शुरू कर दी. पुलिस अधिकारी ने सर्वप्रथम चोलामंडलम नामक फाइनेंस कंपनी से ही अपनी खोज पडताल शुरू की. पुलिस को पता चला कि फाइनेंस कंपनी का एरिया क्रेडिट मैनेजर शीलम़ंत घोष इसमें शामिल है. विगत 9 अप्रैल को पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के एरिया क्रेडिट मैनेजर को गिरफ्तार कर लिया. उसे अदालत में प्रस्तुत कर पुलिस ने पांच दिनों के रिमांड पर लिया. रिमांड अवधि के दौरान माटीगाड़ा पुलिस को पता चला कि शीलम़ंत ही वह शख्स है, जिसकी मिलीभगत से 42 लाख रुपए का लोन पास कराया गया था. रिमांड की अवधि पूरी होने के बाद आरोपी को दोबारा सिलीगुड़ी कोर्ट में प्रस्तुत करके पुलिस ने विस्तृत पूछताछ के लिए उसे रिमांड में लिया है.
जिन लोगों ने फाइनेंस कंपनी से लोन लिया है, वे चार लोग हैं. लेकिन उनमें से किसी एक को भी पुलिस अब तक पकड़ नहीं सकी है. चारों आरोपी फरार हैं. एडिशनल सब रजिस्टार ने भी जाली रजिस्ट्री को लेकर सिलीगुड़ी थाने में एक वकील समेत चार लोगों के नाम पर लिखित शिकायत दर्ज कराई है. इस मामले में भी पुलिस छानबीन कर रही है. पुलिस तो एक न एक दिन आरोपियों को धर दबोच लेगी, परंतु आश्चर्य का विषय यह है कि आखिर किसी मकान के नकल कागजात से ही कोई अनजान व्यक्ति किस तरह से उस मकान की रजिस्ट्री करा सकता है. वह भी तब, जब उस मकान मालिक के पास पूरे असल कागजात हैं और उसे इस बारे में कुछ पता ही नहीं है. बहरहाल सिलीगुड़ी में घटी यह सनसनीखेज घटना अपनी तरह की पहली घटना है, जो सुर्खियों में है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)