November 20, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग राजनीति सिलीगुड़ी

कड़कड़ाती सर्दी में गरमाता पहाड़! आखिर गोरखाओं को कौन दिलाएगा उनका हक?

दार्जिलिंग लोकसभा चुनाव में इस बार धरतीपुत्र, पहाड़ और गोरखा का मुद्दा हावी रहेगा. पहाड़ में सर्दी के बीच जगह-जगह यही चर्चा चल रही है कि आखिर गोरखाओं को उनका हक कौन दिलाएगा? पहाड़ के लोग मान रहे हैं कि अगर उनके बीच का कोई नेता सांसद चुना जाता है तो यहां के मुद्दे को अच्छी तरह समझ कर गोरखा लोगों को उनका हक दिलवा सकता है.

लोकसभा चुनाव भाजपा बनाम इंडिया गठबंधन के बीच लड़ा जाएगा. सवाल यह है कि पहाड़ में 11 जाति गोष्टी को जनजाति की स्थाई मान्यता कौन दिला सकता है? पहाड़ के लोगों ने भाजपा को 15 साल दिया है. पिछले लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलीगुड़ी की एक जनसभा में कहा था कि गोरखाओं का सपना उनका सपना है. हालांकि यहां के राजनीतिक नेताओं के अनुसार नरेंद्र मोदी ने गोरखा लोगों का सपना अभी तक पूरा नहीं किया है. तो क्या उन्हें लगता है कि नरेंद्र मोदी गोरखाओं का सपना पूरा नहीं कर सकते.

ऐसा कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि अभी भी पहाड़ में राजनीतिक संगठनों के नेताओं और आम गोरखाओं को नरेंद्र मोदी की गारंटी पर भरोसा दिख रहा है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन अपने अंतर्कलह से जूझ रहा है. गठबंधन के नेता एक दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं. उनकी राजनीति की दशा और दिशा अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. ऐसे में ऐसे गठबंधन पर भरोसे की बात कम से कम इस समय तो नहीं दिख रहा है. लोग समय का इंतजार कर रहे हैं.

सिलीगुड़ी, समतल और Dooars में कड़कड़ाती ठंड के बीच पहाड़ में राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है. हाम्रो पार्टी के अध्यक्ष अजय एडवर्ड राहुल गांधी की न्याय यात्रा में भाग ले रहे हैं. पिछले दिनों मणिपुर जाकर उन्होंने राहुल गांधी की शान में कसीदे गढ़े और उन्हें भारत का भविष्य तक बता दिया.

पहाड़ के ही कांग्रेस नेता विनय तमांग भी राहुल गांधी की न्याय यात्रा में खूब पसीना बहा रहे हैं. विनय तमांग अलीपुरद्वार से न्याय यात्रा में भाग लेंगे और वहां से सिलीगुड़ी होते हुए बिहार की सीमा तक न्याय यात्रा के साथ जाएंगे. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष विमल गुरुंग की राजनीति अभी साफ नहीं हुई है. वह कभी गोरखालैंड तो कभी सेपरेट स्टेट की बात करते हैं. पिछले दिनों उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ मन घीसिंग और राजू बिष्ट की मुलाकात पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बहुत ही सधा हुआ बयान दिया है.

विमल गुरुंग ने कहा है कि दिखावे की राजनीति अच्छी नहीं होती. अगर भाजपा और केंद्र सरकार 11 जाति गोष्ठी को जनजाति की मान्यता देती है तो मैं इसका स्वागत करूंगा. उनके इस बयान से भी पता चलता है कि अभी उन्होंने कोई पत्ता नहीं खोला है. जिस तरह से कि अजय एडवर्ड जैसे नेता कांग्रेस के पक्ष में खुलकर ताल ठोक रहे हैं.

पिछले दिनों कर्सियांग के भाजपा विधायक विष्णु प्रसाद ने कहा था कि दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से धरतीपुत्र को ही टिकट दिया जाना चाहिए. विष्णु प्रसाद ने कहा था कि अगर भाजपा किसी बाहरी उम्मीदवार को मैदान में उतारती है तो वह इसका विरोध करेंगे. हालांकि विष्णु प्रसाद के बयान को राज्य भाजपा ने कोई बड़ा मुद्दा नहीं बनाया है. परंतु बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने विष्णु प्रसाद को अपने बयान पर संयम रखने की चेतावनी भी दे दी है.

पहाड़ में धरतीपुत्र की मांग विभिन्न राजनीतिक दलों की ओर से हो रही है. भाजपा की ओर से हर्षवर्धन श्रींगला ने भी खुद को दार्जिलिंग का बेटा बताया है. उन्होंने कहा है कि दार्जिलिंग और पहाड़ के लोगों को क्या चाहिए, उनसे ज्यादा अच्छा और कौन समझ सकता है. हर्षवर्धन श्रींगला दार्जिलिंग के रहने वाले हैं. सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग दोनों जगह उनका अपना मकान है. उन्होंने एक लंबे अरसे तक विदेश सेवा की है. अब दार्जिलिंग की सेवा के लिए वह जगह-जगह जा रहे हैं.

जा तो राजू बिष्ट भी रहे हैं. भाजपा टिकट किसे देगी, यह कोई नहीं जानता. लेकिन टिकट की आस में भाजपा के दोनों बड़े नेता लोगों से संपर्क बढ़ा रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस तो अपनी जीत पक्की करने के लिए पहाड़ और समतल में अच्छा तालमेल बिठा रही है. लेकिन गठबंधन को लेकर यहां पेच फंसा हुआ है. ममता बनर्जी राज्य में कांग्रेस को अधिक से अधिक दो से तीन सीट ही देना चाहती है. दो सीटिंग सांसद के अलावा तीसरी सीट दार्जिलिंग हो सकती है. वर्तमान राजनीतिक पृष्ठभूमि में पहाड़ के गोरखा भविष्य पर नजर टिकाए हुए हैं. अगले कुछ दिनों में तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी कि पहाड़ के गोरखाओं का भविष्य किस राजनीतिक दल में छिपा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *