November 21, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जलपाईगुड़ी लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

क्या दीपावली की रात तंत्र सिद्धि के लिए सैकड़ों कबूतरों की बलि की योजना थी? सिलीगुड़ी से बरामद कबूतरों की तस्करी का मामला गरमाया!

चावल की छह बोरियों में सैकड़ों कबूतरों की टांग बांधकर उन्हें रखने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. एनजेपी थाना की पुलिस ने नाका चेकिंग के दौरान इन कबूतरों को फुलबारी बाईपास से एक ट्रक से बरामद किया था. ट्रक कोलकाता जा रहा था. इस मामले में जो लोग पकड़े गए हैं, उनमें ट्रक के ड्राइवर मोहम्मद फिरदौस और खलासी अख्तर हुसैन हैं. दोनों कूच बिहार के रहने वाले हैं.

मिली जानकारी के अनुसार दोनों आरोपी वन विभाग की कस्टडी में है. लेकिन उन्होंने अभी तक कबूतरों की तस्करी के बारे में कुछ नहीं बताया है. वन विभाग के अधिकारी आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं. उन्होंने दोनों ही आरोपियों को जलपाईगुड़ी कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में लिया है. एनजेपी पुलिस ने आरोपियों को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया था. क्योंकि यह मामला वन्य जीवों की तस्करी का है. इसलिए वन विभाग ही इस मामले को देख सकता है.

तरह-तरह की आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं. आखिर इतनी बड़ी तादाद में कबूतरों को चावल की बोरियों में भरकर कहां ले जाया जा रहा था. इन कबूतरों की तस्करी का प्रयोजन क्या था. चर्चा यह भी शुरू हो गई है कि कहीं इन कबूतरों की तस्करी के पीछे तंत्र-मंत्र की बात तो नहीं है? क्या इन कबूतरों की बलि दी जानी थी? क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि दीपावली अथवा अमावस्या की रात में अनेक तांत्रिक अथवा जादू टोना करने वाले सिद्धि के लिए कबूतरों की बलि देते हैं. जांच अधिकारी इस एंगल से भी मामले की जांच कर रहे हैं.

चर्चा तो यह भी है कि कई बीमारियों के निदान में कबूतरों का मांस खाया जाता है. अक्सर तांत्रिक अथवा जादू टोना करने वाले या लोक वैद्य झाड़ फूंक अथवा इलाज के क्रम में रोगी को कबूतर का मांस खाने की सलाह देते हैं. क्या इसके लिए कबूतरों की तस्करी की जा रही थी? जांच अधिकारी यह भी पता करने में जुट गए हैं. हालांकि अभी तक किसी नतीजे पर वन विभाग के अधिकारी पहुंच नहीं सके हैं.

आपको बताते चलें कि चावल से लदा ट्रक कूचबिहार से कोलकाता जा रहा था. रविवार की रात एनजेपी थाना की पुलिस फुलबारी बाईपास पर नाका चेकिंग कर रही थी. इस दौरान ट्रक की तलाशी के क्रम में एनजेपी पुलिस ने ट्रक के पीछे लदी बोरियों में कुछ हलचल देखी. इसके साथ ही गुटूर गू की आवाज भी सुनी गई. पुलिस को आश्चर्य हुआ. इसके बाद जब चावल की बोरियों की तलाशी ली गई तो बोरियों में से कबूतर निकले, जिनकी टांगे बांध दी गई थी और टाट की बोरियों में उन्हें भरा गया था. पुलिस ने कुल 6 बोरी बरामद की जिनमें सैकड़ो कबूतरों को रखा गया था.

पुलिस अधिकारियों ने कानूनी कार्रवाई करते हुए कबूतरों को लेकर परमिट मांगा तो उनके पास कोई कागज उपलब्ध नहीं था. ट्रक में ट्रक चालक के अलावा खलासी भी था. आवश्यक कागजात नहीं दिखाने के बाद पुलिस ने चालक और खलासी दोनों को हिरासत में ले लिया और ट्रक को जब्त कर लिया. चूंकि यह मामला वन विभाग के अधीन आता था. इसलिए पुलिस ने डाबग्राम रेंज को इसकी जानकारी दी. अगली सुबह पुलिस ने इस मामले को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया.

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार यह पता करने की कोशिश की जा रही है कि इन कबूतरों की तस्करी में कितने लोग शामिल हैं. वन विभाग का मानना है कि एक दिन में इन कबूतरों का स्टॉक नहीं किया गया होगा. कई दिनों से कबूतरों को जमा किया जा रहा होगा. इसमें एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं. फिलहाल जितने मुंह उतनी बात.अफवाहों की माने तो इन कबूतरों को दीपावली की रात बलि दी जानी थी. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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