पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित पासपोर्ट घोटाला कांड की परत खुलकर एक-एक कर सामने आती जा रही है. अब तक पुलिस अंधेरे में रोशनी की तलाश कर रही थी. लेकिन जब अंधेरा चिराग तले हो तो ऐसे चिराग का क्या किया जाए! देर से ही सही, पुलिस ने अंधेरे तले चिराग को ढूंढ निकाला है. कोलकाता पुलिस में सब इंस्पेक्टर ही वह मास्टरमाइंड निकला, जो बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनवाकर उन्हें विदेश भेजने का मार्ग प्रशस्त करता था. कोलकाता पुलिस के खुफिया विभाग ने उत्तर 24 परगना अशोकनगर थाना अंतर्गत हावड़ा से उसे गिरफ्तार किया है. इस सब इंस्पेक्टर का नाम अब्दुल हई है. वह पुलिस का एक सेवा निवृत अधिकारी है.
खुफिया विभाग ने फर्जी पासपोर्ट मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ तथा अन्य सूत्रों के आधार पर खुफिया पुलिस पूर्व सब इंस्पेक्टर तक पहुंची. अब्दुल हयी पासपोर्ट सत्यापन के लिए जिम्मेदार था. हालांकि वह यह काम अकेला नहीं करता था. उसके साथ और भी बहुत से लोग हो सकते हैं. वे लोग कौन-कौन हैं, अब्दुल की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद राज भी सामने आ जाएगा. अब्दुल को अलीपुर कोर्ट में पेश कर दिया गया है.
आपको बताते चलें कि 27 सितंबर 2024 को भवानीपुर थाने में पासपोर्ट घोटाले की पहली घटना सामने आई थी. उसके बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई. घटना की जांच के बाद कोलकाता पुलिस ने लोगों की गिरफ्तारी शुरू कर दी. बाद में पासपोर्ट घोटाले के मास्टरमाइंड कहे जाने वाले मनोज गुप्ता को उत्तरी 24 परगना से गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद पासपोर्ट पुलिस वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे. आखिर पासपोर्ट वेरिफिकेशन के बाद इतने फर्जी पासपोर्ट कैसे बने? इसके बाद कोलकाता पुलिस के कमिश्नर मनोज वर्मा ने एक्शन लिया और कहा कि अब से सिर्फ पुलिस स्टेशन में बैठकर पासपोर्ट वेरीफिकेशन की ड्यूटी नहीं होगी. बल्कि जिस व्यक्ति के पासपोर्ट का सत्यापन किया जा रहा है, पुलिस कर्मियों को उसके घर और पड़ोस में जाकर पता लगाना चाहिए.
इसी जांच क्रम में खुफिया विभाग की पुलिस पूर्व एस आई अब्दुल तक पहुंची है. अब्दुल हई के बारे में जानकारी मिली है कि वह कई बेईमान पासपोर्ट डीलरों को भारी रकम के बदले अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान करवाता था. कहा तो यह भी जा रहा है कि यह सेवा निवृत पुलिस अधिकारी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को भारत में प्रवेश का भी मार्ग प्रशस्त करता था. 61 वर्षीय अब्दुल हई को रात लगभग 11:45 बजे उसके आवास से गिरफ्तार किया गया. उसकी गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने अब तक फर्जी पासपोर्ट रैकेट में 9 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
इससे पहले कोलकाता पुलिस ने 48 वर्षीय धीरेन घोष को नदिया के चकदह के मदनपुर स्थित उसके किराए के घर से गिरफ्तार किया. कई दस्तावेज भी उसके कब्जे से जब्त किये. धीरेन घोष की गिरफ्तारी मास्टरमाइंड मनोज गुप्ता से पूछताछ के दौरान हुई थी. खुफिया पुलिस ने रैकेट के जिन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, इनमें एक कॉलेज छात्र और उसके पिता रिपन विश्वास भी शामिल हैं. अन्य लोगों में समरेश विश्वास, मुख्तार आलम, तारक नाथ सेन और दीपंकर दास के नाम शामिल है.
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