November 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल कालिम्पोंग मौसम राजनीति लाइफस्टाइल

तीस्ता पीड़ितों की गुहार कौन सुनेगा ‘सरकार’!

सिक्किम,कालिमपोंग ,दार्जिलिंग ,उत्तर बंगाल और उन सभी क्षेत्रों में जहां से तीस्ता नदी गुजरती है, लोग इस समय काफी परेशान और दुखी हैं. कई इलाकों में पानी घटने से जान में जान लौटी है तो कुछ क्षेत्र अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. जिस तरह का मौसम विभाग का अनुमान है, उसके अनुसार तो खतरा आगे भी गंभीर है. बारिश का कहर कई इलाकों में जारी रह सकता है. मौसम विभाग की चेतावनी, प्रशासनिक अलर्ट और पीड़ितों को समय पर मदद नहीं मिलने से स्थिति लगातार खराब होती जा रही है.

अक्सर देखा जाता है कि प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों को राहत पहुंचाने के नाम पर राजनीति खूब होती है. राजनीतिक दलों के नेता आरोप प्रत्यारोप और एक दूसरे की कमियां निकालने लगते हैं. लेकिन प्रभावित लोगों को इससे कोई मतलब नहीं होता. उन्हें तो सहयोग चाहिए और सहयोग के नाम पर ही राजनीति की जाती है. दार्जिलिंग और कालिमपोंग क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर भी राजनीति शुरू हो गई है. पीड़ितों का ठौर ठिकाना नहीं है. वे सरकार और नेताओं से मदद की अपेक्षा करते हैं. हालांकि प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है. सिक्किम में कई पीड़ितों को प्रशासन की ओर से कम्युनिटी हॉल में जगह दी गई है. मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने एक उच्च स्तरीय बैठक करके प्राकृतिक आपदा से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है.

उधर कालिमपोंग जिले में आज दार्जिलिंग के सांसद राजू बिष्ट और GTA के प्रमुख अनित थापा तीस्ता बाजार पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे. राजू बिष्ट ने तीस्ता बाजार के पीड़ितों का हाल जानने के बाद कहा कि यह राज्य सरकार और जीटीए की पूरी तरह विफलता है. उन्होंने कहा कि एक सांसद होने के नाते मैं पीड़ितों के लिए जितना संभव हो सकेगा, घर तैयार करके दूंगा. उन्होंने कहा कि जब GTA के द्वारा भवन निर्माण का काम किया जाएगा, उस समय उनकी तरफ से पूरा सहयोग मिलेगा. जबकि अनित थापा ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है. केंद्र को भी चाहिए कि स्वयं के स्तर पर पीड़ितों की मदद करे.

ताजा हालात यह है कि प्रभावित परिवारों की मदद के लिए राज्य सरकार की ओर से कुछ क्षेत्रों में सर्वे कराया जा रहा है. लेकिन उन्हें मदद कब मिलेगी. यह उन्हें भी नहीं पता. क्योंकि पिछले साल 4 अक्टूबर की त्रासदी का जख्म अभी भी भरा नहीं है. कई परिवारों को अभी भी मकान और मुआवजा मिलने का इंतजार है. पिछली रात बारिश न होने से सिक्किम और कालिमपोंग के कई इलाकों में थोड़ी राहत जरूर है. लेकिन खतरा अभी बरकरार है. रास्ते ध्वस्त हो चुके हैं. मल्ली बाजार के पास तीस्ता अभी भी विकराल है. वहां फुटपाथ कभी भी टूट सकता है. इसके अलावा सॉन्गखोला के पास सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है.

राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पर आवागमन बंद कर दिया गया है. मल्ली ब्रिज, रविझोड़ा और लिखुभीर के पास रास्ता क्षतिग्रस्त है. इसलिए वाहनों को डायवर्सन के जरिए संचालित किया जा रहा है. रविझोड़ा, तीस्ता बाजार, पेशोक से दार्जिलिंग और इसके विपरीत सभी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित है. कालिमपोंग जिला प्रशासन की विज्ञप्ति के अनुसार भारी माल वाहक, बस, छोटे वाहन, रेशी पेडोंग अलगढा लावा गोरुबथान से सिलीगुड़ी की ओर चलते रहेंगे. कालिमपोंग से दार्जिलिंग और वापस सिलीगुड़ी की ओर जाने वाले सभी वाहन 27 माइल तीस्ता वैली दार्जिलिंग से चलेंगे.

मौसम विभाग की चेतावनी के बाद उत्तर बंगाल के लिए राज्य सिंचाई विभाग ने सतर्कता जारी कर दी है. पहाड़ से काफी मात्रा में पानी समतल क्षेत्र में पहुंच रहा है. डैम फाटक खोल दिए गए हैं. इससे बाढ का खतरा उत्पन्न हो गया है. सिक्किम में बैराजों से पानी छोड़ने से तीस्ता का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसके कारण महानंदा और दूसरी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. हालांकि आज महानंदा के जलस्तर में काफी कमी देखी गई. लेकिन सतर्कता जारी रहेगी. निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर चले जाने का आदेश दे दिया गया है. खैर इन सभी के बीच प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा रहने की जरूरत है.

क्योंकि उनकी कई समस्याएं हैं. बातचीत में उनका दर्द छलक कर बाहर आता है तो आंखें भर आती हैं. कौन पोंछेगा इन आंसुओं को? सवाल यह भी बड़ा है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *