आज पहाड़ में भाजपा का दिन था. दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र से राजू बिष्ट ने अपना नामांकन दाखिल किया तो उनके समर्थन में सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ता और गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता हाथों में पार्टी के झंडे लहराते नजर आए. दार्जिलिंग के चौरस्ता में राजू बिष्ट के समर्थन में एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया था. मंच पर राजू बिष्ट, विमल गुरुंग, नीरज जिंबा और गोरखा जन मुक्ति मोर्चा के अन्य नेता उपस्थित थे. विमल गुरुंग ने जय जय गोरखालैंड के नारों के साथ ही पहाड़ में समां बांध दिया.
भाजपा विधायक नीरज जिंबा ने आज सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी. उन्होंने भीड़ को अपने ही अंदाज में संबोधित किया और विपक्षी उम्मीदवार गोपाल लामा को चार्ली चैपलिन तक कह डाला. नीरज जिंबा यहीं तक नहीं रुके. खबर समय को दिए गए एक बयान में उन्होंने कर्सियांग के भाजपा विधायक बी पी बजगई की तुलना एक कुत्ते से कर दी.
आज पहाड़ में भाजपा, राजू बिष्ट, गोरखालैंड की आवाज गूंजती रही. पहाड़ का मौसम भी रमणीक था. राजू बिष्ट के नामांकन को कवर करने के लिए सिलीगुड़ी और अनेक क्षेत्रों से काफी संख्या में पत्रकार भी आए थे. नामांकन दाखिल करने से पहले राजू बिष्ट ने महाकाल मंदिर में जाकर पूजा अर्चना की. उसके पश्चात अपने समर्थकों की भीड़ के साथ दार्जिलिंग जिला निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में जाकर नामांकन दाखिल किया. राजू बिष्ट के साथ विमल गुरुंग, नीरज जिंबा, रोशन गिरी, पहाड़ के प्रमुख व्यक्ति, नागरिक और अनेक भाजपा नेता तथा क्षेत्रीय दलों के नेता और कार्यकर्ता साथ नजर आए.
कार्यकर्ताओं में भारी उत्साह था. राजू बिष्ट की रैली में भाजपा, गोरखा जन मुक्ति मोर्चा और गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के झंडे लहरा रहे थे. राजू बिष्ट के समर्थक काफी खुश नजर आ रहे थे. वे नाचते गाते हुए जा रहे थे. राजू बिष्ट का पूरा लाव लश्कर तैयार था.
चौरस्ता में आयोजित जनसभा में गोरखालैंड के जरिए विमल गुरुंग ने बड़ी ही खूबसूरती से पहाड़ के गोरखाओं को इमोशनल करने की कोशिश की. यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर विपक्षी पार्टियां भी सहमत होती हैं. यहां छोटे दलों की राजनीति का केंद्र बिंदु भी गोरखालैंड है. नेताओं का कहना था कि अगर कोई गोरखालैंड का सपना साकार कर सकता है तो वह है केंद्र सरकार. नीरज जिंबा ने कहा कि गोरखालैंड से बंगाल का विभाजन नहीं होता है. उन्होंने कहा कि गोरखालैंड बंगाल का कभी हिस्सा था ही नहीं. नीरज जिंबा ने कहा कि जब तक सूरज चांद रहेगा गोरखालैंड की मांग उठती रहेगी
नीरज जिंबा ने राजू बिष्ट को योग्य उम्मीदवार बताते हुए विपक्षी उम्मीदवार गोपाल लामा को पहाड़ के लिए एक मजाक तक बता दिया. उन्होंने प्रश्न किया कि दार्जिलिंग के लिए क्या एक कठपुतली उम्मीदवार चाहिए या फिर राजू बिष्ट जैसा एक नेता चाहिए. गोपाल लामा एक नौकरशाह है. गोरखाओं की आवाज तो राजू बिष्ट हैं.
बीपी बज गई के उम्मीदवार बनने के प्रश्न पर नीरज जिंबा ने कहा कि बीपी बजगई की हैसियत इतनी भी नहीं है कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में जितने वोट हासिल किए थे, इतने वोट दोबारा हासिल कर सकें. उन्होंने कहा कि बीपी बजगई से तो ज्यादा एक कुत्ता भी प्रभाव डाल सकता है. आपको बता दूं कि कर्सियांग के भाजपा विधायक बी पी बज गई ने राजू बिष्ट से बगावत करके दार्जिलिंग सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
खबर समय ने गोरखा लैंड के मुद्दे पर विभिन्न नेताओं की नब्ज टटोलने की कोशिश की. हर नेता का यही बयान था कि गोरखालैंड एक मुद्दा था. गोरखालैंड एक मुद्दा है और गोरखालैंड भविष्य में भी एक मुद्दा रहेगा. राजू बिष्ट के नामांकन के अवसर पर जनसभा तथा मीडिया संबोधन का भी कार्यक्रम था. राजू विष्ट ने मीडिया को संबोधित करते हुए दार्जिलिंग के महत्व पर रोशनी डालने की कोशिश की और बताया कि पहाड़ के गोरखा कट्टर राष्ट्रभक्त हैं और वे उनके प्रतिनिधि हैं.
आज राजू बिष्ट पूरे आत्मविश्वास में नजर आ रहे थे. उन्होंने मीडिया के हर सवाल का बड़ी ही चतुराई से नपे तुले अंदाज में जवाब दिया. जब मीडिया ने गोरखालैंड का मुद्दा उठाया तो राजू बिष्ट ने जवाब दिया, मुझे क्या करना है. यह मैं देखूंगा. लेकिन मैं आप लोगों को कोई भी ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं दूंगा. आज राजू बिष्ट पूरे मूड में नजर आ रहे थे. उन्होंने जीटीए के कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. इसके अलावा उन्होंने पहाड़ की विभिन्न समस्याओं के बारे में बातें की और जनता को भरोसा दिया कि पहाड़ में चल रहे अधूरे विकास कार्यों को उनके दूसरे कार्यकाल में पूरा कर लिया जाएगा. रा
राजू बिष्ट ने कहा कि जीटीए में घोटाला हुआ है. पहाड़ के लोग विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त हैं. यहां नल तो है,लेकिन नल से पानी नहीं आता है.यहां के नौजवानों को राज्य सरकार नौकरी नहीं देती है. राजू बिष्ट ने कहा कि जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस के मंत्री और विधायक विभिन्न घोटालों में लिप्त हैं, ठीक उसी तरह से जीटीए में भी सीबीआई और ईडी को लाए जाने की जरूरत है. इसके अलावा राजू बिष्ट ने गोरखा अस्मिता, गोरखा संस्कृति और गोरखा सम्मान की भी बात की.
इस तरह से सुबह से लेकर शाम तक दार्जिलिंग में राजनीतिक गहमागहमी देखी गई. गोरखा जन मुक्ति मोर्चा नेता रोशन गिरि से लेकर कल्याण देवान और दूसरे नेताओं ने राजू बिष्ट के समर्थन में अपने वक्तव्य रखें और पूरे विश्वास के साथ कहा कि एक बार फिर पहाड़ में कमल का फूल खिलने वाला है. नामांकन के साथ ही पहाड़ में राजू बिष्ट का बाकायदा चुनाव प्रचार शुरू हो गया है तेज हो गया है |
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