May 14, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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चंपासारी व्यापारी अपहरण कांड: उधारी रिश्तो पर पड़ती है भारी!

आखिरकार सिलीगुड़ी के चंपासारी व्यापारी अपहरण कांड का सच सामने आ ही गया! नींबू व्यापारी प्रभाकर अपहरण कांड ने व्यापार और कारोबार करने वाले लोगों को कई सबक भी दिए हैं. सबसे बड़ा सबक यह है कि चाहे वह कितना ही करीबी क्यों ना हो, किसी को भी कारोबार में ज्यादा उधारी ना दें अन्यथा रिश्तो में दरार आती है. कभी- कभी मनमुटाव व दुश्मनी की आग प्रभाकर अपहरण कांड की तरह ही खतरनाक मोड़ पर ले जाती है.

. सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बहुत कम समय में प्रभाकर अपहरण कांड की सच्चाई सबके सामने ला दी है. प्रभाकर अपहरण कांड में शामिल सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी मात्र 14 दिन में ही करके पुलिस ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण भावना को उजागर किया है. पुलिस के आरंभिक सूत्रों पर आधारित इस कांड के पीछे की सच्चाई कुछ इस प्रकार है.

मास्टरमाइंड नवलेश कुमार और प्रभाकर सिंह दोनों व्यापारी हैं और दोनों ही नींबू का व्यवसाय करते हैं. उनके आपस के रिश्ते भी काफी घनिष्ठ थे. यह कह सकते हैं कि दोनों के बीच दोस्ती भी थी. नवलेश कुमार प्रभाकर सिंह से नींबू खरीद कर बिक्री करता था. कभी पैसा देता तो कभी उधारी में ही नींबू ले जाता था. प्रभाकर सिंह इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता था. धीरे-धीरे नवलेश पर प्रभाकर सिंह का काफी बकाया हो गया. इसके बाद प्रभाकर सिंह का दिमाग खटका. उसने नवलेश पर तगादा बढ़ाना शुरू कर दिया.

नवलेश आज कल में पैसे लौटाने की बात करने लगा. कभी वह पैसा नहीं होने अथवा अन्य तरीके से बहाने करके प्रभाकर को शांत कराने की चेष्टा करता, तो कभी इसी बात को लेकर दोनों में गर्मा गर्मी भी हो जाती. जल्द ही दोनों की दोस्ती मनमुटाव और दुश्मनी में बदलती चली गई. यह भी बताया जाता है कि कई बार प्रभाकर ने नवलेश को अपमानित भी किया था. धीरे-धीरे नवलेश और प्रभाकर के बीच रिश्तो की दरार इतनी ज्यादा बढ़ गई कि उसे किसी भी तरह से पाटना संभव नहीं नजर आ रहा था.

इसके बाद ही नवलेश कुमार ने प्रभाकर से बदला लेने तथा उसे सबक सिखाने की खतरनाक साजिश रची. अपनी इस साजिश में उसने शमशेर अली को शामिल किया. नवलेश कुमार ने प्रभाकर सिंह का अपहरण करने के लिए शमशेर को सुपारी दी थी. शमशेर अली प्रभाकर के अपहरण की पृष्ठभूमि तैयार करने में जुट गया. उसने इस काम के लिए कुछ लड़कों की मदद ली तथा उन लड़कों को प्रभाकर के पीछे लगा दिया, ताकि वे उसकी दिनचर्या के बारे में महत्वपूर्ण सूचना दे सकें.

शमशेर अली के लड़कों ने कुछ दिनों तक प्रभाकर पर नजर रखते हुए उसकी दिनचर्या के बारे में गुप्त रूप से सारी जानकारी एकत्र कर ली और शमशेर अली को अवगत करा दिया. शमशेर अली ने प्रभाकर का अपहरण करने की पूरी तैयारी कर ली. इसी बीच 24 जून को जैसे ही प्रभाकर सिंह अपनी दुकान जाने के लिए घर से बाहर निकला, उसका अपहरण कर लिया गया.

प्रभाकर अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने में सिलीगुड़ी मेट्रोपॉलिटन पुलिस के कई अधिकारियों का काफी योगदान रहा है. एसओजी प्रधान नगर की टीम ने काफी सहयोग किया है. सीसीटीवी फुटेज के सहारे पुलिस एक-एक करके अपहरण कांड में शामिल छोटे-छोटे प्यादों को धर दबोचती है. मात्र 10 दिनों के अंदर पुलिस अपहरण कांड में शामिल 5 लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त करती है.

उनसे पूछताछ और प्राप्त सबूतों तथा एक एक-एक कडियों को जोड़ते हुए पुलिस की टीम इस अपहरण के मास्टरमाइंड रेगुलेटेड मार्केट के नींबू व्यवसायी नवलेश कुमार तक पहुंच जाती है. पूछताछ के बाद आखिरकार इस अपहरण कांड के मास्टरमाइंड का राज खुल जाता है. नवलेश कुमार फिलहाल पुलिस के 10 दिनों के रिमांड में है. उसके बाद इस कहानी का शेष सच सामने आ जाएगा. नवलेश कुमार समेत इस अपहरण कांड में शामिल सभी अपराधी जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए हैं.

बुरे काम का हमेशा बुरा नतीजा होता है. व्यापार में ज्यादा उधारी एक तरफ जहां रिश्तो को खराब तो करती ही है, तो दूसरी ओर व्यापार के लिए भी यह ठीक नहीं है. व्यापार में स्वस्थ प्रतियोगिता होनी चाहिए, ना कि हिंसा का भाव. व्यापार में साख का मतलब यह नहीं है कि व्यापारी को नुकसान पहुंचाया जाए. यह कहानी प्रारंभिक पुलिस सूत्रों पर आधारित है.

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