यह सभी जानते हैं कि बरसात के दिनों में सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल के कई इलाके जल में डूब जाते हैं.खासकर Dooars और भूटान से सटे भारतीय इलाके, जहां भूटान की बरसाती नदियां भारतीय सीमा पर स्थित इलाकों में अचानक बाढ़ ला देती हैं और जानमाल को भारी नुकसान पहुंचाती है. यह हर साल की स्थिति रहती है. लेकिन अब जो खबरें आ रही है, जलपाईगुड़ी प्रशासन ने भूटान से सटे तटवर्ती भारतीय इलाकों को बाढ़ की तबाही से बचाने का रास्ता ढूंढ लिया है.
प्रश्न उठता है कि क्या इस बार Dooars में जल प्लावन की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी? इस प्रश्न का उत्तर देना आसान नहीं है क्योंकि अभी प्रारंभिक चरण में भूटान सरकार और जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन की तैयारी चल रही है.ऐसी जानकारी मिल रही है कि भूटान में होने वाली बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान के बारे में जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन को जानकारी दी जाएगी. इससे Dooars इलाके में होने वाली बाढ़ से काफी हद तक जान-माल को बचाया जा सकेगा.
DOOARS इलाके में कई इलाके बाढ़ व बरसात के मद्देनजर संवेदनशील माने जाते हैं. इनमें बानरहाट, नागराकाटा, मैटिली इत्यादि इलाके हैं. यह सभी भूटान से सटे हुए इलाके हैं. भूटान में होने वाली वर्षा भारत में तबाही ला देती है.भूटान में मानसून बारिश के दौरान बानरहाट के हाथीनाला से सटे भारतीय क्षेत्रों में बाढ़ आ जाती है. भूटान में होने वाली बारिश के कारण लिस, घिस,चेल, रेती, सुकृति, दयाना, मूर्ति आदि नदियों में बाढ़ आ जाती है. इसका परिणाम यह होता है कि दुआरस इलाके में बाढ़ और तबाही आने लगती है.
जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन ने सामसी भूटान जिला प्रशासन के साथ मिलकर अब इस समस्या का समाधान ढूंढना शुरू कर दिया है. भूटान के अधिकारी जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन को हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं तथा भूटान में मौसम पूर्वानुमान की जानकारी जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन को देंगे. हालांकि यह सब प्राथमिक चरण में है. क्योंकि इस संदर्भ में अभी तक कोई ठोस योजना नहीं बनी है. क्योंकि बाढ के वास्तविक समय, मौसम की भविष्यवाणी, जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन को सूत्र उपलब्ध कराना और यहां तक कि किसी भी तरह की रूपरेखा भी स्पष्ट नहीं है, परंतु इतना तय हो चुका है कि भूटान का सामसी जिला प्रशासन जलपाईगुड़ी जिला प्रशासन के साथ बाढ़ व विनाश को रोकने के लिए तैयार है.
पिछले दिनों जलपाईगुड़ी और भूटान के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की जलपाईगुड़ी सर्किट हाउस में एक बैठक हुई थी. इसी बैठक में Dooars में अचानक आने वाली बाढ से Dooars के लोगों को बचाने की कवायद शुरू की गई थी. अभी इस पर और बातचीत और बैठक हो सकती है. इस बैठक में जलपाईगुड़ी के पुलिस अधीक्षक उमेश गणपत, सामसी जिला पुलिस अधीक्षक उगेन छेरिंग, जलपाईगुड़ी के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट तथा दोनों जिलों के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए थे. दोनों देशों के पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की अगली बैठक में वास्तविक तस्वीर क्या सामने आती है, यह देखना होगा. तब तक Dooars के लोग बाढ व तबाही का सामना करने के लिए अभिशप्त ही रहेंगे.