November 8, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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माल बाजार नगर पालिका के चेयरमैन स्वप्न साहा के खिलाफ 120 करोड़ के गबन की जांच होगी!

माल बाजार नगर पालिका के चेयरमैन स्वप्न साहा जैसे आसमान से गिरकर खजूर पर अटके हुए हैं. उन्हें इस बात का एहसास जरूर हो गया होगा कि पार्टी से बड़ा नेता नहीं होता है. पहले पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया, अब कानून ने भी उनका साथ छोड़ दिया है. कोलकाता हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के सभी आरोपो की जांच 3 महीने में पूरा करने का निर्देश दिया है.

माल बाजार नगर पालिका के चेयरमैन के रूप में स्वप्न साहा ने खूब पैसा बनाया. यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगा है. उनके खिलाफ मिले सबूत के आधार पर पार्टी ने सितंबर महीने में ही बड़ी कार्रवाई कर दी और उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया. स्वप्न साहा माल बाजार नगर पालिका के चेयरमैन ही नहीं बल्कि जलपाईगुड़ी जिला कमेटी के मेंबर भी रहे हैं. एक समय उनकी माल बाजार नगर पालिका क्षेत्र में काफी धाक देखी जाती थी.

कहा जाता है कि पार्टी के बड़े पद पर रहते हुए स्वप्न साहा ने माल बाजार नगर पालिका क्षेत्र में विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा जारी विभिन्न फंडों के पैसे में घोटाला किया. उन्होंने एक मोटी धनराशि अपने खाते में ट्रांसफर करवायी. इनमें हाउसिंग प्रोजेक्ट, माल बाजार इलाके के सौंदर्यीकरण, सड़क निर्माण, पेयजल प्रकल्प इत्यादि विभिन्न मदों के पैसों में गबन किया और अपने खाते में ट्रांसफर करवाया. आरोप तो यह भी है कि स्वप्न साहा ने सरकारी जमीन की अवैध तरीके से बिक्री की. नगर पालिका क्षेत्र में उन्होंने कई दुकानदारों को अवैध तरीके से दुकान बनवा कर दी. इस तरह से उन्होंने करोड़ों रुपए का घोटाला किया और पार्टी को इसका पता तक नहीं चलने दिया.

बताया जाता है कि किसी समय स्वप्न साहा की मनमानियां इस कदर बढ़ गई थी कि माल बाजार इलाके में उनसे पूछे बगैर कोई काम ही नहीं होता था. टीएमसी के स्थानीय नेताओं पर भी उनका व्यापक प्रभाव था. आरोप है कि स्वप्न साहा ने ठेकेदारों से काम करा कर उनका पैसा नहीं दिया. उन्होंने कई प्रकल्पों को अस्थाई रूप से बंद करवा दिया. स्थानीय लोगों तथा ठेकेदारों से मिली शिकायतों के बाद सुमन सिकदर नामक एक वकील ने कोलकाता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिस पर कोर्ट ने बृहस्पतिवार को सुनवाई की है.

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शिवगणनम तथा न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य ने इस पर सुनवाई करते हुए राज्य के नगर पालिका तथा शहरी विकास विभाग व वित्त विभाग के सचिव को शिकायतों की जांच के आदेश दिए हैं. यह जांच 3 महीने में पूरी करने का भी निर्देश दिया गया है. इससे पहले उनके खिलाफ आरोपों को गंभीर मानते हुए जलपाईगुड़ी जिला प्रेसिडेंट महुआ गोप ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था. यह सितंबर 2024 की बात है. उनके खिलाफ यह फैसला राज्य पार्टी प्रेसिडेंट सुब्रत बख्शी के निर्देश पर लिया गया था.

मिली जानकारी के अनुसार माल बाजार नगर पालिका के चेयरमैन स्वप्न साहा के खिलाफ विभिन्न शिकायतें मिलने के बाद राज्य पार्टी प्रेसिडेंट सुब्रत बख्शी ने उन्हें पार्टी से निलंबित करने का एक लिखित आदेश जारी किया. महुआ गोप ने राज्य पार्टी प्रेसिडेंट के लिखित निर्देश का ही अनुपालन किया. इधर सरकार ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में वित्तीय लेनदेन को लेकर ऑडिट का काम शुरू कर दिया है.

आपको बताते चलें कि स्वप्न साहा के खिलाफ वित्तीय लेनदेन में गड़बड़ी और राज्य सरकार के प्रकल्पों में घोटाले की जानकारी बहुत पहले ही राज्य तृणमूल कांग्रेस प्रेसिडेंट को मिल चुकी थी. कार्रवाई तो अब हुई है. 23 सितंबर तथा 24 सितंबर 2024 को राज्य सरकार का एक 13 सदस्य प्रतिनिधिमंडल अथवा दल ने स्वप्न साहा के खिलाफ शिकायतों के मद्देनजर माल बाजार नगर पालिका का दौरा किया था और उनके खिलाफ आरोपों की जांच शुरू कर दी थी.

प्रतिनिधिमंडल ने स्वप्न साहा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कुछ सबूत भी स्थानीय लोगों से एकत्र किए. जिसमें पता चला कि स्वप्न साहा ने सरकारी योजनाओं के पैसे का गबन किया है. इसके साथ ही स्थानीय लोगों को पैसे के बदले रोजगार अथवा माल बाजार नगर पालिका में नौकरी देने का आरोप भी सामने आया. इन सभी के मद्देनजर स्वप्न साहा के खिलाफ राज्य पार्टी प्रेसिडेंट के निर्देश पर उन्हें पार्टी से बाहर करने की कार्रवाई की गई थी और अब कोलकाता हाई कोर्ट का यह फैसला स्वप्न साहा के जले पर नमक छिड़कने जैसा ही होगा. कोर्ट के फैसले के बाद निश्चित रूप से स्वप्न साहा को आगे की लड़ाई लड़ने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है. क्योंकि पार्टी भी उनके साथ नहीं रही. जनता ने भी उनका साथ छोड़ दिया.

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