November 26, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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फंड के अभाव में दम तोड़ता गाजलडोबा के भोरेर आलो का सौंदर्यीकरण!

2018 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गाजल डोबा में भोरेर आलो पर्यटन केंद्र का उद्घाटन यह सोच कर किया था कि यहां पर्यटक घूमने आएंगे तो भोरेर आलो की प्राकृतिक और कृत्रिम सुंदरता पर मुग्ध हो जाएंगे. परंतु ऐसा लगता है कि भोरेर आलो को लेकर मुख्यमंत्री की कल्पना अभी सतह पर नहीं उतरी है. बहुत से काम बाकी है. योजनाएं बनाई जा रही है कि इसे किस तरह से मुख्यमंत्री के सपनों का पर्यटन केंद्र बनाया जा सके.

अधिकारी आ रहे हैं. बैठक कर रहे हैं. लेकिन समस्या फंड को लेकर हो रही है. जिन ठेकेदारों को काम दिया गया था, अब तो उन्होंने भी काम छोड़ दिया है. सूत्र बता रहे हैं कि ठेकेदारों को काम के पैसे नहीं मिले हैं. नवान्न से फंड रिलीज करने की उम्मीद की जा रही है. अधिकारियों को लगता है कि प्रदेश सरकार जल्द ही भौरेर आलो के बाकी काम को पूरा करने के लिए फंड रिलीज कर देगी. गाजलडोबा विकास प्राधिकरण भोरेर आलो का सौंदर्यीकरण कर रहा है.

इसके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं. पर्यटकों के लिए पार्किंग जोन बनाया जाना जरूरी है. इसके लिए प्राधिकरण की ओर से पहल भी शुरू हो गई है. जमीन का अलॉटमेंट हो चुका है. जलपाईगुड़ी की जिला अधिकारी शमा परवीन और प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विधायक खगेश्वर राय आदि ने पार्किंग जोन को लेकर इलाके का दौरा किया था. समस्या कहां आ रही है, उसको लेकर बैठक भी शुरू हो चुकी है. शिकारपुर में देवी चौधुरानी मंदिर का रुका हुआ काम कैसे पूरा किया जाए, अधिकारी इस पर भी विचार कर रहे हैं. दो चरणों का काम पूरा हो चुका है.

मंदिर के तीसरे चरण में काम रुका हुआ है. ठेकेदार ने काम तो आगे बढ़ाया था. पर सूत्र बता रहे हैं कि पैसे का भुगतान नहीं होने के कारण उसने काम बंद कर दिया है. एक सबसे अच्छी बात यह है कि फूड स्टॉल का काम पूरा हो चुका है. लेकिन अभी तक उसका वितरण नहीं हुआ है. इसमें अधिकारियों की ढिलाई साफ नजर आ रही है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अधिकारी जल्द ही फूड स्टॉल को वितरित करने की बात कह रहे हैं. इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. भोरेर आलो घूमने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. लेकिन पर्यटक यहां कई तरह की असुविधा पाते हैं. जिसके कारण यह पर्यटन केंद्र अपना आकर्षण खोता जा रहा है.

भवानी पाठक मंदिर की चारदीवारी, गेट, दुर्गा मंडप इत्यादि काम के सौंदर्यीकरण का काम तो शुरू हुआ था, लेकिन फंड के अभाव में बंद कर दिया गया. पिछले दिनों गाजल डोबा के हवामहल में अधिकारियों की एक बैठक हुई थी. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष खगेश्वर राय ने बताया कि तीसरे चरण का बकाया काम शीघ्र पूरा करवाने के लिए राज्य सरकार से अनुरोध किया गया है. पार्किंग जोन भूमि पर काम शुरू करने के लिए राज्य सरकार को सूचित कर दिया गया है.

योजना है कि भोरेर आलो के पक्षी अभ्यारण्य के आसपास नौकायन, पक्षी अवलोकन और सौंदर्यीकरण को विकसित किया जाएगा. इसके अलावा तीस्ता बैराज अथॉरिटी के तहत इको पार्क बंद है. उसे लेकर भी बैठक की जा रही है. कुल मिलाकर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सभी तरह की योजना बना ली गई है. परंतु आधा अधूरा काम होने से पर्यटक कैसे आकर्षित होंगे, इसके लिए आवश्यक है कि बाकी काम शीघ्र पूरा किया जाए ताकि पर्यटकों में भोरेर आलो को लेकर बनी एक सुंदर छवि फिर से जीवित हो उठे.अब देखना होगा कि राज्य सरकार भोरेर आलो पर कब मेहरबान होती है!

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