अक्सर यह कहा जाता है कि हवालात में पुलिस की पूछताछ में बड़े-बड़े मुजरिमों की सिटी पिट्टी गुम हो जाती है. बड़े-बड़े बदमाश भी पुलिस के डंडे के आगे सर झुका लेते हैं और जितने दिनों तक पुलिस उन्हें रिमांड पर रखती है, वह एक सज्जन व्यक्ति की तरह पेश आते हैं. लेकिन एक ऐसा कैदी भी है, जो पुलिस अधिकारियों को कुछ नहीं समझता. बल्कि उन्हें धमकाता है. नाश्ते में काजू पिस्ता खाने के लिए मांगता है और बोतल बंद पानी ही पीता है.
यह कैदी कहीं दूर का नहीं है और जिस थाने में उसे रखा गया, वह थाना भी कोई दूर नहीं है. जी हां, सिलीगुड़ी थाने की बात हो रही है. और इस थाने की हवालात में जिस कैदी को रखा गया था, उसका नाम गुड लक है. कदाचित पहली बार पुलिस अधिकारियों को ऐसे कैदी से पाला पड़ा है, जो हवालात में पुलिस वालों को ही धमकाता है. उन्हें जान से मार डालने की धमकी देता है. नाश्ते में खाने के लिए काजू पिस्ता की डिमांड करता है. उसे पीने के लिए साधारण जल नहीं चाहिए, बल्कि डिब्बाबंद मिनरल वाटर चाहिए.
पुलिस अधिकारी परेशान हो चुके हैं. स्पेशल टास्क फोर्स की टीम हवालात में बंद कैदी से कुछ राज उगलवाना चाहती है. लेकिन कैदी इतना ढीठ है कि पुलिस वालों को तो कुछ बताना दूर की बात रही, उल्टा उनकी जेब ही ढीली कर रहा है. उसकी फरमाइशों से एसटीएफ के अधिकारी परेशान हो चुके हैं. सिलीगुड़ी कोर्ट ने 10 दिनों की रिमांड पर एसटीएफ को सौपा था. लेकिन इस कैदी की फरमाइश तथा उसकी बढ़ती डिमांड से परेशान होकर 2 दिन पहले ही एसटीएफ ने उसे कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से कैदी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
यह कैदी नाइजीरिया का है. नाम गुड लक. लेकिन एसटीएफ के लिए यह बैड लक साबित हो रहा है. एसटीएफ के अधिकारियों ने कैदी से राज उगलवाने के लिए काफी मशक्कत की थी. इसी कैदी ने अपने एक बयान में कहा था कि सिलीगुड़ी गलियारे को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है. एसटीएफ के अधिकारी जानना चाहते थे कि वह साजिश क्या थी और उसके पीछे कौन-कौन लोग थे. अगर अंतरराष्ट्रीय साजिश थी तो एसटीएफ के अधिकारी उसका पर्दाफाश करना चाहते थे. लेकिन कैदी ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया.
जब जब एसटीएफ के अधिकारियों ने कैदी से कड़ाई से पूछताछ की तो कैदी ने उल्टा उन्हें ही धमकी दे डाली. कहा, आई विल किल यू और फरमाइश भी ऐसी कि लोगों को घर पर भी उस तरह का खाने को नहीं मिलता. सुबह में नाश्ते में काजू पिस्ता चाहिए. पीने के लिए मिनरल वाटर चाहिए और नखरे इतने कि जैसे वह ससुराल में आया हो और यहां मौज कर रहा हो. उसने एसटीएफ की नाकों में दम कर दिया था. यह कैदी रोज सुबह लॉकअप में ही लगभग एक घंटा तक कसरत करता था. पुलिस के लोग नाश्ते में उसके लिए खतरा, सेब तथा दूसरे फल लेकर खड़े रहते थे.
गुड लक ने अब तक एसटीएफ को जो जो बताया है, वह सभी बेकार गया. उसने कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों के भी नाम बताए. एसटीएफ ने ऐसे लोगों के नाम और पते की जांच की.जानकारी हासिल की. सिक्किम में भी एसटीएफ के अधिकारी गए. कई स्थानों पर छापेमारी की. लेकिन हाथ कुछ नहीं लगा. तब जाकर एसटीएफ के लोगों को पता चला कि कैदी तो उनसे भी ज्यादा चालाक निकला. वह उन्हें गुमराह कर रहा था.
आपको बताते चलें कि 11 जनवरी को एसटीएफ ने सिलीगुड़ी के 6 नंबर वार्ड से सरताज आलम को उसके घर से 93 ग्राम कोकीन के साथ गिरफ्तार किया था. उसकी निशानेदेही पर एसटीएफ ने दार्जिलिंग से पासंग मोक्तान नामक एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार किया.उसने एसटीएफ को जानकारी दी. उसके आधार पर एसटीएफ ने 2 फरवरी को हरियाणा के गुरुग्राम इलाके से इस नाइजीरियाई व्यक्ति गुड लक को पकड़ा था. उसके बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया.
विस्तृत पूछताछ के लिए कोर्ट ने उसे 10 दिनों की रिमांड पर एसटीएफ को सौंपा था. कैदी को सिलीगुड़ी थाना के लॉकअप में रखा गया था. लेकिन 8 दिन रिमांड पर रखने के बाद भी एसटीएफ की टीम उससे कुछ नहीं उगलवा पाई तो उसे 2 दिन पहले ही सिलीगुड़ी कोर्ट में पेश कर दिया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
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