सिलीगुड़ी शहर की पहचान को एक नया स्वरूप मिलने जा रहा है. यह एक ऐसा सिलीगुड़ी शहर होगा, जो शाम होते ही रौशन हो उठेगा. नई लाइट और नए बिजली के खंभे नजर आएंगे. कहीं भी अंधेरा नहीं रहेगा. लाइट जाएगी ही नहीं. अगर शहर के किसी वार्ड में पोल की लाइट में किसी तरह की कोई खराबी आ गई अथवा स्ट्रीट लाइट जल नहीं रही हो तो तुरंत सिलीगुड़ी नगर निगम के बिजली विभाग को शिकायत करें. तुरंत ही उसे ठीक कर दिया जाएगा. कोई भी शिकायत कर सकता है. केवल अपने मोबाइल से ही. कर्मचारी तुरंत ही वार्ड वासियों की सेवा में हाजिर हो जाएंगे…
सिलीगुड़ी शहर को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास चल रहा है. शहर को मेट्रो सिटी का स्वरूप दिया जा रहा है. आधुनिक सिलीगुड़ी शहर की परिकल्पना को मूर्त रूप दिया जा रहा है. बहुत जल्द आप शहर के नए स्वरूप देख सकेंगे. बहुत कुछ परिवर्तन होने वाला है. लाइट से लेकर, सड़क, निर्माण, जल व्यवस्था तक परिवर्तन होगा. बिजली के खंभे बदले जा रहे हैं.
योजना के अनुसार 1000 से अधिक पोल बदले जाएंगे, जो शहर के विभिन्न वार्डों में स्थित है और वर्तमान में जर्जर अवस्था में हैं. इन पोलों पर लाइट नहीं रहती है. इस कारण पोल का किसी को कोई लाभ नहीं मिलता. शहर के कई पोलों पर मकड़ी के जाले की तरह तारों को लपेटा गया है. उन पोलों को भी बदला जा रहा है. शहर के वार्ड नंबर 6 से यह काम शुरू हो चुका है. धीरे-धीरे सिलीगुड़ी नगर निगम के सभी वार्डो में यह काम शुरू होगा.
रात के समय सिलीगुड़ी जगमग जगमग करे, इसके लिए एक बहुउद्देशीय योजना हाथ में ली गई है. जिस तरह की योजना बनाई गई है, उसके पहले चरण में सभी वार्डों में भूमिगत केबल बिछाने का काम शुरू हो चुका है. यह काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. इसके साथ ही योजना के दूसरे चरण में बिजली के खंभे पर नंबर लिखने का काम भी शुरू कर दिया गया है. यह इसलिए कि अगर किसी पोल नंबर में समस्या हो तो तुरंत सिलीगुड़ी नगर निगम के बिजली विभाग को सूचना दी जा सकती है.
जहां-जहां अंडरग्राउंड बिजली का केबल बिछाने का काम हो रहा है, वहां नए पोल लगाने का भी काम शुरू हो चुका है. पोल पर नंबर लिखे जा रहे हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर परिषद सदस्य कमल अग्रवाल ने बताया कि 4700 से ज्यादा ऐसी बिजली पोल है जिन पर एलइडी लाइट नहीं लगाई गई है. वहां एलइडी लाइट लगाई जा रही है. कमल अग्रवाल के अनुसार सभी पांच बोरो स्तर पर कार्य शुरू किए जा चुके हैं. बोरो सदस्यों से कहा गया है कि वह अपनी निगरानी में काम शुरू करें.
कुछ दिन पहले ही टेंडर शुरू किया गया था. अब उन इलाकों में एलईडी लाइट लगाने के साथ ही 3500 नई और लाइट लगाई जा रही है. लोकेशन देखकर 70 वॉट से 120 वॉट तक रोशनी वाली लाइट लगाई जाएगी. जैसे ही अंडरग्राउंड केबल बिछाने का काम पूरा होगा, सिलीगुड़ी नगर निगम क्षेत्र में कम से कम 1000 बिजली के खंभे बदल दिए जाएंगे. योजना का अप्रूवल ब्लूप्रिंट मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भेज दिया गया है. इस कार्य में 7 करोड रुपए खर्च होंगे. सिलीगुड़ी नगर निगम के बिजली विभाग के मेयर परिषद सदस्य कमल अग्रवाल इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
आधुनिकता के साथ तकनीकी परिवर्तन भी देखने को मिल सकते हैं. सिलीगुड़ी नगर निगम के कर्मचारी तो होंगे ही, परंतु लाइट जलाने के लिए और तुरंत ही दोष निवारण के लिए ऐसे तकनीकी यंत्रों को विकसित किया जा रहा है, जो तुरंत ही खराबियों को ठीक कर सकता है. इसके अंतर्गत जियो टैगिंग से लेकर स्मार्ट लाइट मेंटेनेंस सिस्टम तक विकसित किया जा रहा है. जिस तरह की योजना है उसके अनुसार सिलीगुड़ी नगर निगम में बैठकर ही कर्मचारी यह पता लगा सकेंगे कि शहर के किस पोल में लाइट जल रही है और लाइट जल नहीं रही है, तो इसके क्या कारण है. सिस्टम में टाइमर भी लगाया जा रहा है. यानी इस यंत्र के लगाने से लाइट अपने आप जल जाएगी और निश्चित समय के बाद अपने आप बूझ जाएगी.
हालांकि लोगों की प्रतिक्रिया है कि यह सिलीगुड़ी नगर निगम की कथनी है.जब तक इसे वास्तविक जामा नहीं पहनाया जाता, तब तक लोगों को तो ऐसा ही लगेगा. अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कब तक सिलीगुड़ी नगर निगम की इस योजना को हरी झंडी देती है और बाकी कार्यों को पूरा करने के लिए कब तक फंड रिलीज करती है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सिलीगुड़ी नगर निगम मौजूदा कार्य योजना को निश्चित समय पर पूरा करा सके.
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