June 15, 2025
Sevoke Road, Siliguri
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क्या माटीगाड़ा बालासन-सेवक रोड परियोजना का कार्य समय पर पूरा हो सकेगा?

यह सवाल इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि माटीगाड़ा बालासन नदी से सेवक आर्मी कैंटोनमेंट तक बनने वाली एलिवेटेड रोड परियोजना का काम बहुत ही धीमी गति से चल रहा है और जब यहां बरसात शुरू हो जाएगी, तब तो काम बिल्कुल भी नहीं होगा. ऐसे में यह परियोजना समय पर कैसे पूरा होगी? यह चिंता का विषय है. खासकर स्थानीय लोग यह सवाल कर रहे हैं और एक दूसरे से पूछ रहे हैं कि आखिर परियोजना के कार्यों में विलंब क्यों हो रहा है? क्योंकि आरंभ में जिस तेजी से काम हो रहा था, उस तेजी से अब काम नहीं हो रहा है.

कई लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या फंड की कमी हो गई है? क्या केंद्र सरकार ने परियोजना के लिए बाकी फंड रिलीज नहीं किया? या फिर इस परियोजना को जानबूझकर आगामी बंगाल चुनाव तक टाला जा रहा है? मौजूदा हालत यह है कि जिस तरह से यह काम चल रहा है, वह 2026 के राज्य विधानसभा चुनाव तक भी पूरा नहीं होगा. हालांकि इस परियोजना को अमली जामा पहनाने से लेकर उसे पूरा करने के लिए एक पैर पर खड़े सांसद राजू बिष्ट काफी आशान्वित हैं. वे कहते हैं कि यह परियोजना समय पर ही पूरा होगी. जो तकनीकी दिक्कत है, उसे समय पर ठीक कर लिया जाएगा. सांसद राजू विष्ट ने देरी के कारण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पहले राज्य सरकार द्वारा जमीन अधिग्रहण में देरी हुई थी. लेकिन अब जमीन उपलब्ध हो चुकी है.

राजू बिष्ट के अनुसार इस परियोजना का लगभग 52 से 54% काम पूरा हो चुका है और इसे 1 वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा. हालांकि इस परियोजना के प्रोजेक्ट निदेशक आर के सिंहा इस संबंध में कुछ भी नहीं कहते हैं. इसका यही अर्थ लगाया जा सकता है कि यह परियोजना समय पर पूरा होने वाली नहीं है. अभी तो शालूगाड़ा में ब्रिज निर्माण का काम चल रहा है. यह काम कब पूरा होगा, यह कहना कठिन है. जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार जब यह काम शुरू हुआ था तो उसके बाद से परियोजना के डिजाइन में कई बार बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण काम में देरी हुई है. आमतौर पर बरसात के महीने में काम धीमा हो जाता है. मानसून शुरू हो चुका है. ऐसे में सितंबर अक्टूबर तक ऐसे ही काम चलता रहेगा.

आपको बता दें कि यह 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड हाईवे है. इस एलिवेटेड रोड की मुख्य विशेषता फ्लाईओवर है. इसके लिए कई जगहों पर कंक्रीट के ख॔भे लगाए जा चुके हैं और पुल निर्माण का काम भी चल रहा है. सालूगाड़ा बाजार तक ब्रिज पर सड़क ढलाई का काम भी चल रहा है. लेकिन काम में तेजी नहीं देखी जा रही है. इसलिए स्थानीय लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है.

माटीगाड़ा से लेकर दार्जीलिंग मोड होते हुए शालूगाड़ा बाजार तक रोजाना जाम लगना स्वाभाविक है. इसे देखते हुए ही और जाम के स्थायी निवारण के लिए दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना का खाका तैयार किया और सीधे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की. फिर उनके ही प्रयास से 2022 में इस एलिवेटेड रोड का शिलान्यास नितिन गडकरी के हाथों किया गया.

लगभग 1000 करोड रुपए की लागत वाली इस परियोजना का काम मई 2023 में प्रारंभ हुआ और वर्ष 2023 में बाकायदा काम शुरू हुआ. आरंभ में धीमी गति से काम शुरू हुआ था. लेकिन 2024 में काम में तेजी आई, जब बालासन नदी पर नया पुल बनकर तैयार हुआ और उसे चालू भी कर दिया गया. पर जैसे-जैसे यह काम चेक पोस्ट होते हुए शालूगाड़ा बाजार की तरफ जा रहा है, काम में अपेक्षित प्रगति नहीं देखी जा रही है. इंजीनियर और टेक्नीशियन नए-नए डिजाइन ला रहे हैं, जिससे काम में बाधा आ रही है. एक ही काम को बार-बार करना पड रहा है.

जो भी हो, लोगों को थोड़ा धैर्य रखने की जरूरत है. निर्माणाधीन परियोजना को लेकर इस क्षेत्र के लोगों को लगातार जाम का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन जब प्रोजेक्ट का काम पूरा हो जाएगा, तब दार्जिलिंग मोड़ से लेकर चेक पोस्ट और शालूगाड़ा बाजार तक के लोगों के चेहरे खिल उठेंगे. उस दिन तक का इंतजार करना ही पड़ेगा. इसके अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है. हमारी खबर समय की टीम ने भी चेक पोस्ट से लेकर शालूगाडा बाजार तक वस्तु स्थिति का मुआयना किया है. जिस तरह की डिजाइन और रूपरेखा तैयार की जा रही है और उसमें बदलाव किया जा रहा है, उसे मूर्त रूप देने में समय लगेगा और ऐसा लगता है कि प्रोजेक्ट पूरा होने में कुछ और विलंब हो सकता है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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