June 27, 2025
Sevoke Road, Siliguri
मौसम अलीपुरद्वार जलपाईगुड़ी

भूटान की बड़ी पहल: अब 72 घंटे पहले मिलेगी बारिश की चेतावनी, सीमावर्ती भारत में तबाही से मिलेगी राहत!

हर साल जब मानसून भूटान की वादियों में दस्तक देता है, तो उसका कहर सीमापार भारत के डुआर्स, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के गांवों तक पहुंचता है। अचानक नदियों का उफान, रातों-रात घर उजड़ना, और जान-माल की भारी तबाही , ये सब अब एक सामान्य दृश्य बन चुका था। लेकिन इस विनाशलीला पर अब लगाम लग सकती है। भूटान सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लेते हुए अब 72 घंटे पहले बारिश की सटीक चेतावनी देने की व्यवस्था शुरू कर दी है।

यह निर्णय केवल मौसम की सूचना नहीं, बल्कि सैकड़ों जानों की सुरक्षा की नई उम्मीद है। अब बाढ़ आने से पहले ही प्रशासन को मिल जाएगी चेतावनी, और लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सकेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि, भूटान के इस निर्णय से भारत के सीमावर्ती इलाकों में आपदा प्रबंधन को एक नई धार मिलेगी। तिस्ता, तोरसा और संकोश जैसी उफनती नदियों पर अब कड़ी नजर रखी जा सकेगी।

भूटान के साथ समन्वय में भारत के आपदा प्रबंधन तंत्र ने अब कमर कस ली है। डुआर्स के गांव, जो अब तक हर बारिश में जलमग्न हो जाया करते थे, अब अलर्ट मिलने के साथ सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर पाएंगे।

गौरतलब है कि, बीते सालों में अचानक आई बाढ़ से सैकड़ों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा था, कई घर तबाह हुए और जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया था। अब भूटान की ओर से मिलने वाला यह 72 घंटे का ‘जीवनदायक अलर्ट’ समय रहते बड़ी आपदाओं को रोक सकेगा।

भूटान की इस पहल को सीमावर्ती भारत के लिए एक “पूर्व चेतावनी की संजीवनी” माना जा रहा है। यह केवल एक मौसम रिपोर्ट नहीं, बल्कि दो देशों के बीच सहयोग और मानवता का पुल है, जो विनाश की जगह अब जीवन बचाने का काम करेगा।

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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