भारत और चीन के बीच सीमा पर लगातार तनाव बना रहता है. एक तरफ भारत यह दावा करता है कि चीन ने उसकी जमीन पर कोई कब्जा नहीं किया है, तो दूसरी तरफ सूत्र बता रहे हैं, चीन सीमा के नजदीक तेजी से निर्माण कार्य कर रहा है. लेकिन यह ऐसी स्थिति में है कि पता नहीं चल रहा कि भारत में है या फिर चीन अपने सीमा क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रहा है. वास्तव में यह जगह एक ढलान है, जहां निर्माण हुआ है. वह दो हिस्सों में बंटा है.
पहला भाग प्रशासकीय क्षेत्र और दूसरा ऑपरेशनल क्षेत्र है. परछाइयों के अध्ययन से पता चलता है कि इमारतें एक और दो मंजिला ऊंची है. कुछ छोटी इमारतें भी हैं. बड़ी इमारत में प्रशासनिक काम होता है. निर्माण जिस तरह से किया गया है, उसके अनुसार यह इलाका हमले से सुरक्षित रखा जा सकता है. निर्माण में सीढ़ी नुमा तरीकों का इस्तेमाल किया गया है. चीन ने सोची समझी योजना के तहत यह निर्माण कराया है. तक्षशिला इंस्टीट्यूशन में जिओस्पेशियल प्रोग्राम की प्रमुख प्रोफेसर डॉक्टर नित्यानंदनम के अनुसार चीन इस इलाके में 100 से ज्यादा इमारतें बना रहा है.
भारत को यह दिखाई क्यों नहीं देता है? इसका कारण यह है कि बहुत अधिक ऊंचाई पर स्थित होने और पहाड़ों के बीच होने की वजह से निर्माण को सुरक्षा मिल रही है. जिस तरीके से यह बनाया गया है, उसे सामान्य नजरों से देखना भी संभव नहीं है. सर्विलेंस सिस्टम से इसे देखना तो और भी मुश्किल है. इसकी जानकारी तभी हो सकती है, जब आसमान से इसे देखा जाए. वर्तमान में भारत के लिए यह संभव नहीं है. यह काफी गुप्त व रहस्यमय है.
चीन जहां निर्माण कर रहा है, वह इलाका पैंगोंग झील के नजदीक है. इसके उतरी छोड़ पर निर्माण कार्य चल रहा है. वर्ष 2020 में इस जगह पर भारत और चीन के जवानों के बीच काफी संघर्ष हुआ था. उस जगह से मात्र 38 किलोमीटर की दूरी पर ही यह निर्माण कार्य हुआ है. यहीं पर चीन और भारत के बीच सीमा विवाद भी है. दोनों अपने-अपने दावे कर रहे हैं.हालांकि जानकार मानते हैं कि यह क्षेत्र चीन के स्वामित्व वाले तिब्बत में है.
एक अमेरिकी कंपनी मिक्सर टेक्नोलॉजी ने 9 अक्टूबर 2024 को सेटेलाइट तस्वीर भेजी थी. इसमें दर्शाया गया है कि लगभग 17 हेक्टेयर जमीन पर चीन निर्माण कार्य कर रहा है. इसको लेकर भारत में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. भारत तिब्बत फ्रंटियर के ऑब्जर्वर नेचर देसाई के अनुसार यह इलाका तिब्बती खानाबदोश लोगों के लिए है. चीन की सरकार तिब्बती खानाबदोशों के लिए पिछले दो दशकों से घर बनाकर दे रही है.
जो भी हो सैटेलाइट तस्वीरों ने, भारत की राजनीति की हलचल को बढ़ा दिया है. यह देखना होगा कि नई तस्वीर आने के बाद विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया सामने आती है. साथ ही सरकार इस निर्माण को लेकर क्या तर्क प्रस्तुत करती है.
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