याद कीजिए 2016 का सिलीगुड़ी शहर, जब यहां यात्रियों की आवाजाही सुगम करने के लिए उत्तर बंगाल बस परिवहन संस्थान की ओर से सिटी बसें चलाई गई थी. उस समय सिलीगुड़ी आज की तरह विकसित नहीं था. फिर भी सिलीगुड़ी के विभिन्न इलाकों से एनजेपी के लिए सरकारी बस सेवा शुरू की गई थी. लेकिन कुछ ही समय बाद सरकारी बस सेवा को सिलीगुड़ी की सड़कों से उठा दिया गया. ये कौन लोग थे?
उस समय एनजेपी और कोर्ट मोड़ से सिलीगुड़ी हाशमी चौक, सिलीगुड़ी मार्केट, एयर व्यू मोड, सिलीगुड़ी जंक्शन दार्जिलिंग मोड़ और सिटी सेंटर तक बसें चलती थी. जबकि एनजेपी और कोर्ट मोड़ से चंपासारी, देवी दंगा, मिलन मोड, सालूगाड़ा तथा बंगाल सफारी तक की बसों का प्रचलन था. उस जमाने में उत्तर बंगाल परिवहन निगम की एक दर्जन से ज्यादा बसें सिलीगुड़ी की विभिन्न सड़कों पर चलती थी. उनका किराया ₹10 से लेकर ₹20 तक अधिकतम होता था. उत्तर बंगाल परिवहन निगम के चेयरमैन पार्थ प्रतिम राय ने उम्मीद की है कि अधिक संख्या में यात्री सिटी बस का लाभ उठाएंगे.
मौजूदा हालात में चुनाव को देखते हुए सिलीगुड़ी की जनता और यात्रियों को लगता है कि लोकसभा चुनाव से पहले सिलीगुड़ी नगर निगम द्वारा सिलीगुड़ी की जनता और यात्रियों के लिए महज एक लॉलीपॉप है. हालांकि सिलीगुड़ी में सरकारी बस चलाने के लिए मेयर गौतम देव ने काफी प्रयास किया है. गौतम देव ने विश्वास जताया है कि इस बार सिटी बस बिना किसी बाधा के चलेगी.
लेकिन दूसरी ओर सिलीगुड़ी में परिवहन विभाग में सिंडिकेट राज की मनमानी शुरू से ही चलती रही है. यह सभी सिंडिकेट के लोग थे. आज तेजी से विकास की ओर अग्रसर सिलीगुड़ी शहर में सिंडिकेट राज काफी मजबूती से जड़ जमा चुका है. ऑटो,टोटो तथा निजी बसों के यूनियन संगठनों की ही सिलीगुड़ी में चलती है. जब यहां सरकारी बस चल रही थी तो सरकारी बस का किराया ₹10 से लेकर ₹20 तक होता था.लेकिन जैसे ही बस सेवा बंद हुई तो टोटो, सिटी ऑटो और निजी बसों के सिंडिकेट ने मनमाने तरीके से यात्रियों को लूटना शुरू कर दिया. आज सिलीगुड़ी में ऑटो, टोटो इत्यादि वाहनों का भाड़ा सबसे अधिक है. इन वाहनों पर चढते ही ₹10 किराया शुरू हो जाता है जो अधिकतम 30 से ₹40 तक हो सकता है. और कभी-कभी तो सिटी ऑटो भी ₹50 तक भाड़ा वसूल कर लेते हैं.
सिलीगुड़ी की आबादी बढ़ने तथा सिंडिकेट राज द्वारा यात्रियों से मनमाने किराया वसूली के चलते पिछले काफी समय से यह मांग की जा रही थी कि यहां सिटी बसें चलनी चाहिए. सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने भी यह महसूस किया था कि शहर में आबादी बढ़ने और जनता की सुविधा के लिए एक बार फिर से सिटी बसें यहां चलाई जानी चाहिए. पिछली बार उन्होंने घोषणा की थी कि जल्द ही सिलीगुड़ी की सड़कों पर सिटी बसें दौड़नी शुरू कर देगी. आज से सिलीगुड़ी में सिटी बसें चलनी शुरू हो गई है.
इस कड़ी में दो सिटी बसें चलाई जा रही है. दोनों ही सरकारी बस न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से सालूगाड़ा और मिलन मोड़ के बीच चलाई जा रही है. ट्रायल के तौर पर इन बसों को चलाया जा रहा है. सफलता मिलने के बाद सिलीगुड़ी के शेष इलाकों के लिए भी सरकारी बसें चलाई जाएंगी. पहली बस सेवा एनजेपी से सालूगाड़ा तक वाया गेट बाजार, हाशमी चौक, हिलकार्ट रोड, सिलीगुड़ी जंक्शन तथा चंपासारी होते हुए मिलन मोर तक चलाई जा रही है. जबकि दूसरी बस न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन से शुरू होकर देशबंधुपाडा, हाशमी चौक, विधान मार्केट, सेवक रोड ,चेक पोस्ट होते हुए सालूगाड़ा तक जाएगी.
उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार सिलीगुड़ी प्रशासन सख्ती से सिंडिकेट से निपटने की कोशिश करेगा और धीरे-धीरे बस सेवाओं का यहां विस्तार होगा. सिटी बसें चलने से ट्रैफिक में भी काफी सुधार होगा. टोटो और छोटी गाड़ियां सिलीगुड़ी की सड़कों पर कम चलेगी और प्रशासन इन पर नकल कसेगा. आने वाले कुछ दिनों में नौकाघाट, जलपाई मोड, एस एफ रोड होते हुए भी सालूगाड़ा तक के लिए सरकारी बस शुरू की जा सकती है.
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