सिलीगुड़ी और उत्तर बंगाल का महत्वपूर्ण हवाई अड्डा बागडोगरा लगातार विकास की ओर उन्मुख है. बागडोगरा हवाई अड्डा कितना महत्वपूर्ण है, अब तो सरकार भी इसे भली-भांति समझ रही है. उत्तर बंगाल के साथ ही यह हवाई अड्डा सीमावर्ती बिहार ,नेपाल ,बांग्लादेश, भूटान ,सिक्किम, असम आदि के लोगों के लिए एकमात्र हवाई अड्डा है, जो जल्द ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में परिणत हो जाएगा.
फिलहाल भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण बागडोगरा एयरपोर्ट में सिविल एनक्लेव के विकास की योजना बना रहा है. जिस पर लगभग 18 84 करोड़ का खर्च आएगा. बागडोगरा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ ही यहां सिविल एंक्लेव के विकास का श्रेय भी दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट को जाता है.
राजू बिष्ट ने शुरू से ही बागडोगरा हवाई अड्डे के विकास के लिए केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के दरवाजे खटखटाए तथा अपने सपने को साकार करने के लिए उन्होंने खूब पसीने भी बहाए. कई बार उन्होंने संसद में इस बारे में अपनी आवाज बुलंद की. अब भारतीय विमान प्राधिकरण की ओर से बागडोगरा एयरपोर्ट में सिविल एंक्लेव के विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है.उम्मीद की जा रही है कि इसी महीने यहां काम शुरू हो जाएगा.
राजू बिष्ट का एक सपना यह भी है कि बागडोगरा, दार्जिलिंग और कालिम्पोंग के बीच नियमित रूप से हेलीकॉप्टर सेवा शुरू की जाए. ताकि इन इलाकों में पर्यटन के साथ ही आपातकालीन सेवा स्थिति बेहतर हो सके. सांसद राजू बिष्ट ने आज केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से अपनी इच्छा भी व्यक्त की. हालांकि यह इतना आसान भी नहीं है
हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने का अलग नियम और शर्तें पूरी करनी पड़ती है. इसमें राज्य सरकार, एयरपोर्ट ऑपरेटर्स ,यूटीएस आदि की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. सबसे बड़ा रोल राज्य सरकार का रहता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ऐसा करने के लिए हेलीकाप्टर पॉलिसी की बात की. राज्य सरकार, संघ क्षेत्र इकाइयां, यूटीएस सभी को अपनी अपनी भूमिका का पालन करना होगा.
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने कहा कि सरकार देशभर में हवाई अड्डे पर हेलीकॉप्टर को बढ़ावा देना चाहती है. परंतु उसके लिए कुछ नियम और शर्तें हैं. जिनको पूरा करने के लिए राज्य ,एयर ट्रेफिक कंट्रोल और एयरपोर्ट ऑपरेटर के बीच परस्पर तालमेल और सहमति आवश्यक है. तथा पूरी प्रक्रिया वैधानिक तरीके से संपन्न की जाती है. इसमें हेलीपोर्ट को विकसित करना भी शामिल है. इस तरह से विभिन्न चरणों में कार्य होने के बाद ही यह संभव हो सकता है. सांसद राजू बिष्ट ने उम्मीद व्यक्त की है कि राज्य सरकार और संबंधित इकाइयां तकनीकी टीम आदि जल्द ही इस दिशा में सभी औपचारिक कदम उठाएगी.