सिलीगुड़ी शहर में हवा में व्याप्त प्रदूषण का स्तर जल्द ही कम होगा. लेकिन डंपिंग ग्राउंड से यह प्रदूषण नहीं हो रहा है. इसलिए शहर के लोग चिंतित ना हो. जल्द ही समस्या का समाधान होगा. इस मौसम में जंगलों में आग लग जाती है. यह धुंध जंगल में आग लगने के चलते ही शहर में फैली है. हर साल पतझड़ के समय ऐसा ही होता है. सुकना के अलावा सिलीगुड़ी शहर के आसपास काफी जंगल है. वन क्षेत्र में आग लग जाती है. यह एक वैज्ञानिक और प्राकृतिक कारण है…
आज सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव ने पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर शहर के प्रत्येक कोने से उठ रही आवाज के मद्देनजर यह बात कही है. उन्होंने कहा कि डंपिंग ग्राउंड कोई आज से नहीं है. पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था. दरअसल सिलीगुड़ी में धुंध बढ़ने का कारण जंगल में लगी आग है. जिसके कारण हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. कुछ दिनों में समस्या समाधान हो जाएगा. इसके लिए प्रयास किया जा रहा है.
मेयर गौतम देव सिलीगुड़ी नगर निगम के हाल में वन विभाग और अन्य लोगों के साथ एक बैठक कर रहे थे. पिछले कुछ दिनों से शहर में धुंध बढ़ रही है. आंखों में जलन होती है. लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है. खासकर सांस संबंधी रोगों के शिकार व्यक्ति इस तरह की कठिनाइयां महसूस कर रहे हैं.चारों तरफ से उठ रही आवाज को ध्यान में रखकर आज गौतम देव ने यह बैठक बुलाई. उन्होंने कहा कि कारण ढूंढ लिया गया है. आपको बताते चले कि कल ही खबर समय में शहर में वायु प्रदूषण और धुंध की समस्या को लेकर एक रिपोर्ट प्रसारित किया गया था.
गौतम देव ने कहा कि डंपिंग ग्राउंड में कूड़े के निपटान का जो सिस्टम विकसित किया गया है, उस पर काम जारी है. लेकिन वर्तमान में आचार संहिता लागू हो गई है. इसलिए काम को आगे बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग की अनुमति की जरूरत होती है. हम प्रयास कर रहे हैं कि चुनाव आयोग से अनुमति मिल जाए तो इसी महीने काम शुरू हो जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है तो जून में बाकी काम को पूरा कर लिया जाएगा.
पिछले कई दिनों से सिलीगुड़ी शहर के विभिन्न इलाकों और ईस्टर्न बाईपास के नजदीकी स्थानो में शाम होते ही वातावरण में धुंध छाने लगती है. रात के समय में घर के आसपास हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है. कई लोगों ने सामान्य रूप से सांस लेने में कठिनाई की शिकायत की है. सेवक रोड, इस्कॉन मंदिर रोड, पायल सिनेमा के आसपास और शहर के विभिन्न क्षेत्रों से हवा में प्रदूषण के लिए डंपिंग ग्राउंड को ही जिम्मेवार बताया गया. इस पर मेयर गौतम देव स्पष्टीकरण दे रहे थे.
गौतम देव ने माना कि पिछले कुछ दिनों से सिलीगुड़ी शहर में वायु गुणवत्ता स्तर में गिरावट आई है. 180 से 190 तक AQI का स्तर सही रहता है. लेकिन जब यह 200 को पार कर जाता है तो हवा की गुणवत्ता स्तर में गिरावट आने लगती है. हम कोशिश कर रहे हैं कि वायु प्रदूषण के बढे स्तर को किस तरह से कम किया जा सके. इसके लिए एजेंसी से संपर्क किया जा रहा है, जो वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने का तकनीकी उपाय करती है.
देखा जाए तो पिछले दो साल से इस मौसम में सिलीगुड़ी के लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. अस्थमा के मरीज इस तरह की स्थिति में बेचैनी महसूस करने लगते हैं. क्योंकि उन्हें सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है. गौतम देव ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए वे अपने सहयोगियों और संस्थाओं के जरिए काफी प्रयास कर रहे हैं. जंगल में लगी आग पर काबू पाना थोड़ा मुश्किल काम होता है. सूखी पत्तियों में आग फैल जाती है. जंगल में लगी आग पर काबू पाने के उपाय पर भी मंथन चल रहा है. पुलिस कमिश्नर और अग्निशमन विभाग को भी दायित्व दिया गया है. उम्मीद की जानी चाहिए कि जल्द ही मौजूदा समस्या का अंत होगा. आज हवा में AQI का स्तर सिलीगुड़ी के बाबूपाडा में 224 दर्ज किया गया है.
(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)