पहाड़, मिट्टी और संस्कृति की पहचान सिलीगुड़ी हर साल दुर्गा पूजा में अपनी अनोखी भव्यता और रचनात्मकता के लिए पहचाना जाता है। इस बार शहर की मशहूर पूजा समिति स्वस्तिका युवक संघ अपने 68वें वर्ष में इतिहास रचने जा रही है। समिति उत्तरबंगाल में पहली बार 51 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा बना रही है, जो अब तक की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जा रही है।
इस भव्य प्रतिमा का निर्माण सुप्रसिद्ध कलाकार मोंटू पाल के निर्देशन में हो रहा है। प्रतिमा की डिजाइन और ढांचा पूरी तरह से तैयार है, और आने वाले दिनों में कलाकारों द्वारा माटी का काम शुरू किया जाएगा। आयोजकों ने जानकारी दी है कि 21 सितंबर को महालया के दिन से पहले ही प्रतिमा पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगी, ताकि 28 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलने वाले दुर्गा पूजा पर्व में श्रद्धालुओं को दर्शन का पूरा अवसर मिल सके।
51 फीट की इस विशाल प्रतिमा को लेकर निर्माण के हर चरण में विशेष सतर्कता और निगरानी रखी जा रही है। सुरक्षा मानकों का ध्यान रखते हुए इसे बांस, कपड़ा, मिट्टी और स्टील स्ट्रक्चर की मदद से आकार दिया जा रहा है।
इस बार सिर्फ प्रतिमा ही नहीं, पूजा पंडाल और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भी खास तैयारियां की जा रही हैं। बंगाल के मशहूर ढाक वादक मना दास को भी इस वर्ष सिलीगुड़ी बुलाया जा रहा है, जिनकी ताल और लय पूजा में एक अलग ही भक्तिमय वातावरण रचने वाली है।
पूजा समिति की ओर से बताया गया है कि पंडाल की थीम जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और पूरी सजावट पर्यावरण-संवेदनशील सामग्री से की जाएगी। आयोजकों का मानना है कि यह दुर्गा पूजा पूरे उत्तरबंगाल के लिए गर्व का विषय बनेगा।
हर साल की तरह इस बार भी सिलीगुड़ी की दुर्गा पूजा रचनात्मकता और भक्ति की मिसाल बनेगी, लेकिन 2025 की पूजा को स्वस्तिका युवक संघ की यह 51 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा लंबे समय तक याद रखी जाएगी।