April 27, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल जुर्म लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

क्या रात्रि 9:00 बजे के बाद महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है सिलीगुड़ी?

यह सवाल एक ऐसी युवती का है, जो अपने भाई के साथ सिलीगुड़ी के सेवक रोड स्थित एक पिज़्ज़ा की दुकान में पिज़्ज़ा खाने गई थी. जहां उसके साथ एक शर्मनाक हादसा हुआ है. यह घटना रात 8:30 बजे की है, जब सिलीगुड़ी के खोलाचांद पापड़ी की रहने वाली निकिता (काल्पनिक) अपने भाई मोहित (काल्पनिक) के साथ जंक फूड की प्रसिद्ध दुकान में पिज़्ज़ा खाने गई थी. रात का समय था. दुकान के सामने लगी बेंचों पर कुछ ग्राहक बैठे स्नैक्स खा रहे थे. निकिता और मोहित भी खड़े-खड़े पिज़्ज़ा खा रहे थे. वहीं दो लड़के पास में ही खड़े थे, जो अपने मोबाइल से सेल्फी ले रहे थे.

प्रत्यक्ष दर्शियों व अन्य सूत्रों के अनुसार उस समय निकिता अकेली थी. उसका भाई मोहित वॉशरूम के लिए गया था. इसी बीच सेल्फी ले रहे लड़के ने निकिता को अपने मोबाइल में कैद करना शुरू कर दिया. निकिता का ध्यान खाने पर टिका था. अत: मोबाइल से फोटो खींच रहे लड़के की ओर देख नहीं रही थी. लेकिन कुछ ही देर में महसूस हुआ कि वह लड़का उसके शरीर के खास पार्ट्स को अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर रहा था. निकिता ने इस पर विरोध जताया. उसने यह बात वहां आसपास खड़े दुकानदार और दूसरे ग्राहकों को भी बतायी. लेकिन कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. इतने में मोहित वहां आया तो निकिता ने उसे यह बात बता दी. लेकिन इसी बीच मोहित को गरमाते देखकर वह लड़का वहां से खिसकने लगा.

वे दो लड़के थे. उनमें से एक लड़का जिसका नाम शंकर सरकार था, सालूगाड़ा का रहने वाला था. वही अपने मोबाइल से सुंदर युवतियों की अश्लील तस्वीर खींच रहा था. लेकिन यह काम वह इतनी खूबसूरती से कर रहा था कि पहली नजर में किसी महिला को एहसास नहीं हो सकता था कि उसके शरीर के गोपनीय अंगों को मोबाइल में कैद किया जा रहा है. निकिता को एहसास हुआ कि उस लड़के ने उसके शरीर के बॉडी पार्ट्स का वीडियो बना रखा है, ऐसे में लड़के को पकड़कर उसका मोबाइल छीनने तथा फुटेज डिलीट करने के लिए दोनों भाई-बहन उसके पीछे दौड़ पड़े. यह सारा घटनाक्रम पलक झपकते के साथ ही घटा था. इसलिए लोग कुछ समझ रहे थे तो कुछ नासमझ बने थे.

जिस समय यह घटना घटी थी, उस समय कई लोग थे, जो चाहते तो ऐसे हादसे को रोक सकते थे. लेकिन जैसा कि हमारा स्वभाव रहा है, हम दूसरों के मामले में टांग अड़ाना पसंद नहीं करते हैं और इसी का फायदा अपराधी तत्व उठाते रहे हैं. शंकर को ढूंढ निकालने के लिए दोनों भाई-बहन इधर-उधर दौड़ते रहे. लेकिन इस बीच उनकी मदद के लिए कोई भी प्रत्यक्षदर्शी आगे नहीं आया. आखिरकार दोनों भाई-बहन ने शंकर को ढूंढ निकाला और उसका मोबाइल छीनकर उसे जबरन भक्ति नगर पुलिस स्टेशन ले जाने लगे. सड़क पर आते जाते लोगों ने भी इस मंजर को देखा. इस दौरान भी यह जानने के लिए भी कोई आगे नहीं आया कि माजरा क्या है.

यह है हमारा शहर सिलीगुड़ी और सिलीगुड़ी के लोग. कोई भी किसी के मामले में पड़ना नहीं चाहता. अपराध, अत्याचार होते लोग देखते जरुर हैं लेकिन अपराधी के डर से अथवा पुलिस के झमेले में नहीं पड़ने के लिए अपनी जुबान बंद रखते हैं और आंखें मूंद लेते हैं. यह कहीं ना कहीं अपराध और अपराधी तत्वों को प्रोत्साहन देता है. यह घटना कुछ इसी दिशा में ले जाती है, जहां एक नागरिक को अपने कर्तव्य और धर्म का पालन करने के लिए सजग करती है. गांधी जी ने कहा है कि अपराध और अत्याचार होते देखना अपराध करने से भी ज्यादा गंभीर अपराध है. फिलहाल यह मामला भक्ति नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कर दिया गया है और भक्ति नगर पुलिस ने प्राथमिकी के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

बहरहाल, सिलीगुड़ी में यह कोई पहला मामला नहीं है. पूर्व में भी ऐसे हादसे हो चुके हैं. महिलाओं के साथ छेड़खानी और उत्पीडन जैसी घटनाओं को कम करने अथवा उस पर नियंत्रण पाने के लिए सिलीगुड़ी मेट्रोपोलिटन पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है. लेकिन इसके बावजूद ऐसे हादसे होते हैं तो कहीं ना कहीं प्रशासन, सिलीगुड़ी के नागरिक , माॅल, शॉपिंग कंपलेक्स की सुरक्षा, दुकानदारों की जिम्मेदारी इत्यादि पर भी सवाल उठते हैं. इस घटना के जरिए भुक्तभोगी पक्ष ने सिलीगुड़ी में महिला सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठाया है. क्या रात में अकेली महिलाओं के लिए शॉपिंग करना अथवा घूमना फिरना सुरक्षित नहीं है?

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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