October 6, 2024
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21 फरवरी को बंगाल के 21 लाख मनरेगा श्रमिक होंगे ‘मालामाल’!

लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी ने एक ऐसा मास्टर स्ट्रोक खेला है, जिसको लेकर राजनीतिक विश्लेषक और पंडित तरह-तरह की भविष्यवाणियां करने लगे हैं. कुछ लोग इसे ममता बनर्जी का वक्त से पहले ही खेला बता रहे हैं तो कई लोग एक ऐसी चाल बता रहे हैं जो भाजपा की जीती हुई बाजी को भी पलट सकता है. राज्य के मनरेगा श्रमिकों को जिसका एक मुद्दत से इंतजार था, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उनके हक में घोषणा करके उनका दिल जीतने की कोशिश की है. पर अभी यह देखना होगा कि इसका लोकसभा चुनाव में पार्टी को कितना लाभ होता है!

ममता बनर्जी धरने पर बैठी है. रेड रोड पर धरने का उनका दूसरा दिन है. वह लगातार केंद्र पर हमलावर हैं. कहती हैं कि केंद्र उनका पैसा नहीं दे रहा है. मजदूर मनरेगा का पैसा पाने के लिए व्याकुल हो रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार बंगाल के मजदूरों की उपेक्षा कर रही है. लेकिन वह बंगाल के लोगों के लिए जीती है. राज्य सरकार 21 फरवरी को 21 लाख मजदूरों के बकाए का भुगतान करने जा रही है.

राजनीतिक विश्लेषक और पंडित इसे ममता बनर्जी का मास्टर स्ट्रोक बता रहे हैं. उनका मानना है कि लोकसभा चुनाव से पहले ही ममता बनर्जी ने एक सोची समझी योजना के तहत भाजपा का खेल बिगाड़ दिया है. ममता बनर्जी ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार अब केंद्र सरकार की राह नहीं दिखेगी और राज्य के जिन 21 लाख लोगों का 100 दिन का वेतन बकाया है, उसका भुगतान राज्य सरकार करेगी. ममता बनर्जी ने कहा कि 21 फरवरी को राज्य के 21 लाख मनरेगा मजदूरों के बैंक खाते में पैसा पहुंच जाएगा.

ममता बनर्जी अपनी इस घोषणा के जरिए राज्य के मजदूरों को अपने पक्ष में करना चाहती है. उन्हें यह बताना चाहती है कि केंद्र सरकार उनका भला नहीं कर सकती. वह इसके जरिए ग्रामीण मतदाताओं को साधना चाहती है. ऐसे में उनके बकाए वेतन का भुगतान करने की घोषणा करके उन्हें अपने पक्ष में करने की चाल चल दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के धरना मंच पर 100 दिन के काम के मजदूरों का जमावड़ा रहता है. ममता बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी. लेकिन वह राज्य के मजदूरों के पैसे का भुगतान कर देगी.

आपको बताते चलें कि ममता बनर्जी के धरने को लेकर राज्य भाजपा और माकपा दोनों ही पार्टियों ने नाटक करार दिया है. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि अगर कैग की रिपोर्ट गलत है तो मुख्यमंत्री उसे विधानसभा में पेश कर चर्चा क्यों नहीं करा रही है. उन्होंने दावा किया कि यह सब वोट के लिए किया जा रहा है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि जिस बकाया की वह मांग कर रही है, अगर वह वैध है तो मुख्यमंत्री अदालत क्यों नहीं जा रही है?

उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी बार-बार केंद्र सरकार से मांग कर रही है. दिल्ली में वह प्रधानमंत्री से भी मिल चुकी है. केंद्र बार-बार हिसाब देने की मांग कर रहा है. मुख्यमंत्री केंद्र को जवाब क्यों नहीं देती? बकाए भुगतान को लेकर इससे पहले अभिषेक बनर्जी भी दिल्ली में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं.

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