इन दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पूरे राज्य में जिला स्तर पर टीएमसी का फर्जी वोटर पता करने का अभियान शुरू कर दिया गया है. सिलीगुड़ी में सिलीगुड़ी नगर निगम के मेयर गौतम देव तथा डिप्टी मेयर रंजन सरकार के साथ-साथ कई टीएमसी नेताओं के मार्गदर्शन में यह अभियान प्रत्येक वार्ड में चलाया जा रहा है. टीएमसी यह आरोप लगाती आ रही है कि केंद्र सरकार और भाजपा की मिली भगत से फर्जी वोटरों को बढ़ाया जा रहा है.
दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी और सिलीगुड़ी के भाजपा विधायक शंकर घोष ने स्पष्ट कर दिया है कि फर्जी वोटर का मामला सिर्फ टीएमसी का एक वहम है.इसमें कोई सच्चाई नहीं है. उन्होंने आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर टीएमसी को लगता है कि फर्जी वोटर का मामला है तो टीएमसी अदालत में अपनी बात रख सकती है. उन्होंने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि टीएमसी का भाईपो या पीसी भूत है.
शंकर घोष ने सवाल उठाया कि राज्य में मतदाता सूची तैयार करने का अधिकार राज्य के अधिकारियों को है. बूथ लेवल के ऑफिसर इनमें संलग्न होते हैं. राज्य के डीएम का निर्देशन होता है. अगर टीएमसी को लगता है कि कहीं कुछ गड़बड़ी हो रही है तो उसे चाहिए कि बूथ लेवल के अधिकारियों और जिला मजिस्ट्रेट से पूछताछ करे. इसके अलावा चुनाव आयोग का दरवाजा खुला है. चुनाव आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज कराए.
वास्तव में जो सूचना प्राप्त हो रही है, उसमें अब तक के टीएमसी के अभियान में दो बड़ी विसंगतियां सामने आई है. रंजन सरकार ने बताया कि एक एपिक नंबर से दो दो लोगों के नाम जुड़े हैं. एक व्यक्ति सिक्किम का निवासी बताया जा रहा है, जिसका एपिक नंबर सिलीगुड़ी में वोट देने वाले व्यक्ति के एपिक नंबर से जुड़ा है. यह कैसे हो सकता है. ठीक इसी तरह से एक अन्य मामला सिलीगुड़ी के डाब ग्राम दो ग्राम पंचायत के खुदीराम पली का है, जहां एक मतदाता का एपिक नंबर मध्य प्रदेश की रहने वाली शीला देवी नामक एक महिला से भी जुड़ा है.
इन घटनाओं को लेकर टीएमसी ने संग्राम छेड़ दिया है और केंद्र सरकार तथा भाजपा पर हमलावर है. रंजन सरकार ने कहा कि इन्हीं फर्जी वोटो के आधार पर भाजपा ने दिल्ली और महाराष्ट्र में चुनाव जीता है. उन्होंने संबंधित चुनाव आयोग अधिकारियों से मांग की है कि मतदाताओं की संशोधित सूची तैयार करे और उसे सार्वजनिक करे. सिलीगुड़ी के डाबग्राम दो स्थित खुदीराम पली में रहने वाले बिलाल मियां के एपिक नंबर से भोपाल की रहने वाली शीला देवी का नाम जुड़ा है.
बिलाल मियां पिछले 25 सालों से वोट दे रहे हैं. पहले वह धूपगुडी में वोट देते थे. बाद में उन्होंने सिलीगुड़ी में रहना शुरू किया तो यहीं पर अपना वोट ट्रांसफर करवा लिया. एक दिन लोन के किसी काम से बिलाल मियां बैंक गए तो पता चला कि उनके वोटर कार्ड के एपिक नंबर पर मध्य प्रदेश की रहने वाली शीला देवी का नाम जुड़ा था. उन्होंने यह बात अपने इलाके के पंचायत को बताई. उसके बाद उनके मतदाता पहचान पत्र के एपिक नंबर की छानबीन की गई. जब ऑनलाइन मतदाता सूची देखी गई तो वहां पता चला कि बिलाल मियां के साथ-साथ इस एपिक नंबर पर भोपाल की रहने वाली शीला देवी का भी नाम जुड़ा है.
इस संबंध में डाबग्राम 2 ग्राम पंचायत के तृणमूल क्षेत्रीय अध्यक्ष शंकर राय ने बीएलओ और चुनाव आयोग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने कहा है कि भाजपा यहां अपने मकसद में कामयाब नहीं होगी. सिलीगुड़ी से लेकर कोलकाता तक इस समय फर्जी वोटर के मुद्दे पर राजनीतिक घमासान जारी है. पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी की अनुपस्थिति में तृणमूल की कोर कमेटी की फर्जी वोटर मामले में एक बैठक हुई थी. यह बैठक आगे भी चलेगी.चर्चा है कि 15 मार्च को अभिषेक बनर्जी इस मामले में दल के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेंगे और उसके बाद टीएमसी आगे की रणनीति पर विचार करेगी.
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