May 30, 2025
Sevoke Road, Siliguri
International

क्या भारत को चीन पर एयर स्ट्राइक करना चाहिए?

भारत के साथ टकराव में पाकिस्तान का अंजाम क्या हुआ, यह सभी जानते हैं. अगर पाकिस्तान गिड़गिड़ाया नहीं होता तो आज पाकिस्तान का भूगोल बदल चुका होता. पिछले कुछ दिनों से चीन भी अपनी झूठी हेकड़ी दिखा रहा है. वह पाकिस्तान की तरह ही भारत को उकसाना चाहता है. उसने अरुणाचल प्रदेश के 2 दर्जन से अधिक स्थानों के चीनी नाम दे दिए हैं. इनमें आवासीय क्षेत्र के साथ पहाड़ और नदियां भी हैं. चीन अरुणाचल को पहले ही चीनी नाम दे चुका है. जाहिर है कि वह भारत से टकराव चाहता है.

. हाल ही में भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध में चीनी मिसाइल की हवा निकाल दी है. पाकिस्तान भी समझ चुका है कि चीन ऊपर से तो खुद को दमदार दिखाता है, लेकिन अंदर से वह खोखला है. चीन ने पाकिस्तान को जो हथियार तथा युद्धास्त्र बेचे, पाकिस्तान को वह काम नहीं आया. भारत ने जिस तरह से चीनी हथियारों को धोया है, उसके बाद चीन अपनी झेंप मिटाने के लिए भारत से तनाव बढ़ाना चाहता है. लेकिन भारत किसी तरह के चीनी उकसावे में पड़ना नहीं चाहता. भारत को यह फर्क नहीं पड़ता कि चीन अरुणाचल में स्थानों के नाम बदल रहा है. भारत को तो अपनी जमीन से मतलब है, जो अरुणाचल के रूप में भारत का अंग है.

यह सच्चाई सार्वभौमिक है और भारत के नक्शे पर अंकित है. इसलिए भारत को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर की तपिश से बचाने के लिए हर संभव कोशिश की. लेकिन चीन नाकाम रहा. ऑपरेशन सिंदूर ने चीनी हथियार को दोयम दर्जे का साबित किया है और यह पाकिस्तान के लिए मुसीबत बन गया. अमेरिका सहित विश्व के सभी विकसित देशों में चीनी हथियारों की हवा निकल गई है. इसलिए चीन काफी बौखलाया हुआ है.भारत ने चीन की एयर डिफेंस सिस्टम, ड्रोन ,मिसाइल आदि सभी हथियारों की सच्चाई को उजागर कर दिया है. इस तरह से भारत ने चीन को सरेआम नंगा कर दिया है.

चीन को दुनिया के बाकी निर्धन देशों में हथियार बेचने में भी दिक्कत आएगी. भारत की सेना ने पाकिस्तान के साथ ही चीन पर भी तगडी चोट की है. उसके बाद से ही चीन बौखलाया हुआ है. हालांकि भारत ने अभी तक चीन के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की है. लेकिन इसके बावजूद चीन को लगता है कि भारत ने उसे वैश्विक बाजार में नंगा कर दिया है. इसलिए वह भारत से तनाव बढ़ाना चाहता है. सिलीगुड़ी के नजदीक बांग्लादेशी एयर बेस लालमोनिरहाट को चीनी इस्तेमाल के लिए एक्टिव करना चीन की उकसावे वाली रणनीति का एक अंग है.

अब तक भारत ने धैर्य से काम लिया है. लेकिन अब समय आ गया है कि चीनी हरकत का जवाब देना ही होगा. जैसे कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया है, इसी तरह से चीन को भी सबक सिखाने की जरूरत है. 1962 के भारत चीन युद्ध के बाद चीन को यह भ्रम हो गया है कि भारत को वह कभी भी पटखनी दे सकता है. लेकिन चीन यह भूल रहा है कि भारत 1962 का भारत नहीं है. भारत सामरिक रूप से काफी सक्षम है. वह चीन को करारा जवाब दे सकता है.

अगर चीन इसी तरह से अपनी हरकतें जारी रखे रहा तो भारत को उसके खिलाफ एक्शन लेने में देरी नहीं करनी चाहिए. क्योंकि एक बार दुश्मन को अपनी ताकत दिखाना जरूरी होता है. अन्यथा किसी की गलती को लगातार सहते जाना यह भ्रम उत्पन्न करता है कि सामने वाला काफी कमजोर है. भारत भले ही चीन से आर पार की लड़ाई ना करे, परंतु वह कुछ और रणनीति और कूटनीति इस्तेमाल कर सकता है. उदाहरण के लिए दक्षिण चीन सागर को दक्षिण पूर्व एशिया सागर कहने की जरूरत है. इसके अलावा भारत को चीन के साथ अपनी तिब्बत नीति पर भी नए सिरे से विचार करने की जरूरत है.

इसी तरह से व्यापार के मामले में भी चीन को झटका देने की जरूरत है. चीनी वस्तुओं पर निर्भरता को घटाना होगा. मेक इन इंडिया अभियान को और तेज करना होगा. भारत को आत्मनिर्भर बनाने की पहल मजबूत होगी तो चीनी आयात में खुद ही कमी आनी शुरू हो जाएगी. भारत के प्रधानमंत्री कोशिश कर रहे हैं कि भारत आत्मनिर्भर बन सके, इसके लिए कई तरह की योजनाएं लाई जा रही हैं. भारतीय उद्योग जगत को भी चीन के साथ दो टूक बात करनी चाहिए और चीन की हरकत का जवाब देना चाहिए. हालांकि कई लोगों का यह मानना है कि अब समय आ गया है कि भारत चीन के खिलाफ एयर स्ट्राइक करे, पर इतना तो तय है कि अगर भारत चीन के खिलाफ व्यापार से लेकर नीति तक में बदलाव लाता है तो यह एयर स्ट्राइक से भी ज्यादा हमला चीन पर होगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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