सिलीगुड़ी और पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के मामले हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. निजी स्कूल अभिभावकों को प्रत्येक साल फीस बढ़ोतरी के नाम पर परेशान करते रहे हैं. इसको लेकर सिलीगुड़ी समेत पूरे राज्य में अभिभावकों द्वारा हंगामा और प्रदर्शन किया जाता रहा है. लेकिन अब यह सब नहीं चलेगा.
दरअसल उनकी मनमानी पर खासकर फीस बढ़ोतरी की मनमानी पर रोक लगाने के लिए पश्चिम बंगाल निजी स्कूल नियामक विधेयक 2022 को राज्य कैबिनेट द्वारा स्वीकृति दे दी गई है जिसे पश्चिम बंगाल प्राइवेट स्कूल रेगुलेटरी बिल भी कहते हैं. इसको पास करने के लिए विधानसभा में रखा जाएगा. बिल पास होने के बाद निजी स्कूल फीस बढ़ोतरी को लेकर मनमानी नहीं कर सकेंगे.
राज्य सरकार ने हाई कोर्ट की फटकार के बाद एक आयोग का गठन किया है. यह आयोग निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के मामले को देखेगा.राज्य के शिक्षा मंत्री बसु ने कहा है कि राज्य में अनियमित फीस बढ़ोतरी की ढेर सारी शिकायतें मिलने के बाद इस आयोग का गठन किया गया है. यही आयोग तय करेगा कि निजी स्कूल कितनी फीस बढ़ाएंगे.एक तरह से कहा जा सकता है कि आयोग के दिशा निर्देश पर ही निजी स्कूलों को चलना होगा. बहुत जल्द राज्य सरकार इसके संबंध में और मजबूत पहल करने वाली है.
सिलीगुड़ी में फीस बढ़ोतरी को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी हमेशा ही अप्रैल से मई तक देखी जाती है.अभिभावक परेशान हो जाते हैं. प्रत्येक साल नये सत्र में निजी स्कूलों के द्वारा विभिन्न मदों में पैसे वसूले जाते हैं. जिसको लेकर अभिभावक पक्ष भी विरोध पर उतारू हो जाता है. परंतु इस संबंध में निजी स्कूलों को संविधान में लाने का कोई उपयुक्त आयोग नहीं था. ऐसे में सरकार भी मजबूर थी. लेकिन अब यह मजबूरी दूर हो चुकी है. ऐसे में समझा जाता है कि निजी स्कूल भी फीस बढ़ोतरी में आयोग की गाइडलाइंस मानेंगे और अभिभावकों पर अपनी मनमानी नहीं थोपेंगे.