November 14, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल दार्जिलिंग लाइफस्टाइल सिलीगुड़ी

इस बार पूजा में क्या खास है? लेकिन पर्यटक टॉय ट्रेन का मजा नहीं ले सकेंगे!

इस बार सिलीगुड़ी से लेकर पहाड़ तक, रेलवे से लेकर चाय बागान तक पूजा का एक खास उत्साह देखा जा रहा है. बोनस मिलने और बाजारों में खरीदारी बढ़ने से पूजा का वातावरण बन चुका है. हालांकि इस बार पर्यटकों को टॉय ट्रेन पर घूमने का शौक पूरा नहीं होगा.

इस बार दुर्गा पूजा की सबसे ज्यादा खुशी किसे है, यह बताना मुश्किल है. रेलवे कर्मचारी और चाय श्रमिकों को बोनस तो मिला है. पर इसकी खुशी उनके चेहरे पर पढ़ना मुश्किल काम है. रेलवे कर्मचारियों को पूजा का बोनस दिया गया है. इसी तरह से पहाड़ के चाय बागानों के श्रमिकों के खाते में भी 16% बोनस ट्रांसफर कर दिया गया है. हालांकि चाय श्रमिक नाराज बताए जा रहे हैं. ठीक रेलवे कर्मचारियों की तरह ही. लेकिन दुख की बात यह है कि इस बार पूजा घूमने आए पर्यटकों को एनजेपी से दार्जिलिंग के लिए टॉय ट्रेन का लुत्फ उठाने का अवसर नहीं मिलेगा.

भारतीय रेलवे ने अपने कर्मचारियों को 78 दिनों का पूजा बोनस दिया जरूर है. परंतु उनमें असंतोष भी देखा जा रहा है. रेल मंत्रालय ने अपने 1.17 मिलियन रेलवे कर्मचारियों को बोनस दिया है. इसका गैर राजपत्रित रेलवे कर्मचारी, ट्रैक मेंटेनेंस, लोको पायलेट्स, ट्रेन प्रबंधक, स्टेशन मास्टर तथा दूसरे तकनीकी कर्मचारी लाभ उठा सकेंगे. हालांकि रेलवे की ओर से अधिकतम बोनस का भुगतान 17,951 रुपए प्रति कर्मचारी तय किया गया है.

रेलवे यूनियन की ओर से सरकार की घोषणा पर ऐतराज जताया गया है. क्योंकि यह लाभांश 6th पे कमीशन के आधार पर तय किया गया है, जो यूनियन संगठनों को मंजूर नहीं है. आईआरएसटीएम यू के महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश के अनुसार रेलवे कर्मचारियों को सातवें वेतन अनुसूची के अनुसार 46159 रुपए बोनस मिलना चाहिए. जो भी हो बोनस मिलने से कहीं ना कहीं उन्हें खुशी तो जरूर होगी.

उधर पहाड़ के चाय बागान श्रमिक 20% बोनस भुगतान की मांग कर रहे थे. लेकिन उनके खाते में 16% की दर से बोनस का भुगतान कर दिया गया है. दार्जिलिंग इंडियन टी एसोसिएशन जिसके अंतर्गत पहाड़ के 17 चाय बागान है, उसके द्वारा बोनस का भुगतान कर दिया गया है. संभवत: यह पहला मौका है, जब चाय श्रमिकों को पूजा का एक मुश्त बोनस मिला है. इससे पहले पिछले दो साल के आंकड़ो पर गौर करें तो श्रमिकों को एक बार में बोनस का भुगतान नहीं किया गया है. कम ही सही, लेकिन एक बार में श्रमिकों को पूरा बोनस मिल गया है. इस बीच राज्य श्रम विभाग ने कहा है कि पूजा के बाद एक और त्रिपक्षीय बैठक होगी, जिसमें चाय श्रमिकों के मुद्दों पर विचार किया जाएगा.

इस तरह से रेलवे कर्मचारी हो या चाय श्रमिक, पूजा से पहले बोनस मिल जाने से उन्हें जरूर राहत मिली होगी. जहां तक रेलवे कर्मचारियों का प्रश्न है, रेलवे की ओर से जो बोनस दिया जा रहा है, उससे वह खुश नहीं है. बोनस उन्हें भी मिला है, अथवा मिलने जा रहा है जो सिलीगुड़ी में छोटी बड़ी फर्मो अथवा दुकानों में काम करते हैं. कर्मचारियों को बोनस मिलने से पूजा का बाजार भी चहक रहा है. दुकानदार व्यस्त हैं. सबसे ज्यादा भीड़ कपड़ों और एसेसरीज की दुकानों में देखी जा रही है. सेवक रोड पर स्थित मॉल में शाम में लोगों की ज्यादा भीड़ देखी जाती है.

उधर टोटो वाले भी खूब कमाई कर रहे हैं. लोग खरीदारी करने के लिए घरों से निकल रहे हैं. ऐसे में पिछले कई महीनो से खाली बैठे टोटो को अच्छी सवारी मिल रही है. इससे उनकी कमाई बढ़ गई है. इस तरह से छोटी बड़ी गाड़ियों में यात्रियों की भीड़भाड़ अधिक देखी जा रही है. हर टोटो वाला एक दूसरे से ज्यादा कमाई करने की होड़ में निकल रहा है. लेकिन सबसे ज्यादा हिमालयन रेलवे घाटे में है. इस बार पूजा में टॉय ट्रेन नहीं चलेगी. पूजा के समय टॉय ट्रेन पर घूमने के लिए दूर दराज के इलाकों से पर्यटक आते हैं. परंतु सुकना और कर्सियांग के बीच कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण टॉय ट्रेन का मार्ग ध्वस्त हो गया है. जिस वजह से हिमालयन रेलवे को टॉय ट्रेन की सेवा 15 अक्टूबर तक रोक देनी पड़ी है. निश्चित रूप से इस बार हिमालयन रेलवे को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

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