आज अचानक ही विनय तमांग को दिल्ली जाना पड़ा. कांग्रेस हाई कमान ने फरमान जारी किया था. उन्हें आज ही हर हालत में दिल्ली पहुंचना है. विनय तमांग को अचानक दिल्ली बुलाने का कोई कारण उन्हें पहले से नहीं बताया गया है. हाई कमान का आदेश था. इसलिए कोई सवाल भी नहीं कर सकते थे. बागडोगरा हवाई अड्डे पर पहुंचे तो उन्हें सिर्फ इतनी जानकारी मिली कि दिल्ली में आयोजित होने वाले इंडिया गठबंधन के नेताओं के समूह में उन्हें शामिल किया जा सकता है. उड़ती-उड़ती इस खबर पर उन्हें जरूर आश्चर्य हो रहा है. क्योंकि कांग्रेस में बड़े-बड़े नेताओं के बीच उनका उठना बैठना होगा.
विनय तमांग के अचानक दिल्ली जाने से सिलीगुड़ी, पहाड़ और गोरखा समुदाय और नेताओं के बीच उत्सुकताओं एवं संभावनाओं की सरगर्मी बढ़ गई है. उत्तर बंगाल में कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे हैं. इनमें शंकर मालाकार का नाम भी जुड़ा है, जो कांग्रेस के पुराने सिपाही के रूप में जाने जाते हैं.लेकिन हाई कमान ने केवल विनय तमांग को ही दिल्ली बुलाया है. यह वही विनय तमांग हैं, जिन्हें कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी.
समतल और पहाड़ में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी दिल्ली जा रही हैं. वह इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेंगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी 20 दिसंबर को मुलाकात करने वाली है. ममता बनर्जी के दिल्ली जाने से ठीक 72 घंटे पहले विनय तमांग दिल्ली के लिए रवाना हो गए. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सिर्फ इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लेने के लिए ही विनय तमांग को दिल्ली नहीं बुलाया गया है. बल्कि इसके पीछे कुछ और बड़ी वजह हो सकती है. कई लोग तो ममता बनर्जी और विनय तमांग के रिश्ते को भी जोड़ रहे हैं.
ममता बनर्जी शुरू से ही पहाड़ में विनय तामांग का समर्थन करती रही है. विनय तमांग के साथ उनके रिश्ते अच्छे हैं. जानकार मानते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव के समय वोटो का बंटवारा रोकने के लिए ममता बनर्जी विनय तमांग को समर्थन दे सकती हैं. अगर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में विनय तमांग को दार्जिलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़वाती है तो हो सकता है कि ममता बनर्जी इसका विरोध ना करें और ना ही वह अपना कोई उम्मीदवार खड़ा करें. संभवत: इंडिया गठबंधन की बैठक में यह तय हो जाएगा.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम मोर्चा एक बैनर के तले चुनाव लड़े या ना लड़े, परंतु जहां तक दार्जिलिंग लोकसभा सीट की बात है,यहां भाजपा को हराने के लिए तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस हाथ मिला सकती है तथा वाममोर्चा भी संयुक्त उम्मीदवार का समर्थन कर सकता है. तृणमूल कांग्रेस के लिए दार्जिलिंग लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण है और भाजपा से यह सीट छीनने के लिए ममता बनर्जी कुछ भी कर सकती हैं. राजनीतिक विश्लेषकों और संभावनाओं के अनुसार हो सकता है कि दार्जिलिंग लोकसभा सीट के लिए इंडिया गठबंधन में शामिल तीनों दल संयुक्त उम्मीदवार पर सहमत हो जाएं और वह उम्मीदवार संभवत: विनय तमांग ही हो सकते है.
बहर हाल अभी से इस बारे में कुछ कहना ठीक नहीं होगा. फिलहाल विनय तमांग दिल्ली पहुंच गए हैं. अब देखना है कि कांग्रेस हाई कमान के साथ उनकी क्या बातचीत होती है. कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें अचानक दिल्ली क्यों बुलाया है. इन सभी रहस्यों पर से पर्दा बस उठने वाला ही है. तब तक हमें अगली खबर का इंतजार करना होगा.

 
					 
					 
					
 
																		 
																		 
																		 
																		 
																		