May 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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निजी स्कूलों की मनमानी पर नियंत्रण लगाएगी ममता सरकार!

सिलीगुड़ी समेत पश्चिम बंगाल के निजी स्कूलों की मनमानी पर गाज गिरने जा रही है. इन दिनों सिलीगुड़ी के निजी स्कूल दाखिले के नाम पर अभिभावकों से अनाप-शनाप पैसा वसूल कर रहे हैं.आपने सुना और देखा भी होगा कि कुछ दिनों पहले सिलीगुड़ी के कई निजी स्कूलों ने अभिभावकों को लूटने का पूरा इंतजाम कर लिया है. इसको लेकर अभिभावक पक्ष ने शोर-शराबा भी किया था.

सिलीगुड़ी के निजी स्कूलों में कभी कोचिंग फीस तो कभी दाखिले की फीस. अगर स्कूल की गाड़ी बंद रहती है तो भी अभिभावकों से पैसा वसूला जाता है. इसके अलावा कुछ पुस्तक विक्रेताओं से मिलकर निजी स्कूल मोटी कमाई करते हुए बच्चों को मोटी और महंगी किताबें उपलब्ध करा रहे हैं. बच्चे और अभिभावक महंगी पुस्तकें खरीदने के लिए मजबूर हैं. हाल ही में कुछ निजी स्कूलों की कारगुजारी सामने आने के बाद इस पर काफी आलोचना और हंगामा भी हुआ था.

बहरहाल यह कोई पहला मामला नहीं है. निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावकों से लेकर समाज के सभी वर्गों की शिकायतें शिक्षा आयोग को बराबर मिलती रही है. इस बार ममता बनर्जी की सरकार निजी स्कूलों पर इसलिए खफा है कि निजी स्कूलों ने सरकारी गाइडलाइन का पालन नहीं किया. कुछ दिनों पहले ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य में गर्मी व लू की अधिकता को देखते हुए 1 हफ्ते के लिए स्कूलों तथा कॉलेजों को बंद कर दिया था. परंतु उस दौरान कई निजी स्कूलों ने स्कूल बंद नहीं रखा जबकि कई निजी स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई हो रही थी.

ऐसे में राज्य सरकार को लग रहा है कि निजी स्कूल मनमानी कर रहे हैं.इसलिए सरकार निजी स्कूलों पर नियंत्रण चाहती है. शिक्षा विभाग और शिक्षा मंत्री बसु ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को निजी स्कूलों की मनमानी की जानकारी दी है. ममता बनर्जी की सरकार ने निजी स्कूलों को नियंत्रण में लेने के लिए राज्य शिक्षा आयोग के गठन पर बल दिया है.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मुख्य सचिव से कहा है कि वे इस बात का पता लगाएं कि निजी स्कूलों के नियमन के लिए राज्य शिक्षा आयोग का गठन किया जा सकता है या नहीं. ममता बनर्जी के निर्देशानुसार शिक्षा आयोग स्कूलों में सटीक जानकारी उपलब्ध करा रहा है.विशेषज्ञों की भी राय ली जा रही है. अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो सरकार को एक बड़ी कामयाबी मिलने की संभावना है. सरकार शिक्षा आयोग गठन की योजना पर काम कर सकती है.

इसमें कोई शक नहीं कि सिलीगुड़ी के कई निजी स्कूलों में पुस्तक और कापी के नाम पर अभिभावकों को लूटा जा रहा है .इसके अलावा स्कूल फीस ,दाखिला फीस और तमाम तरह की फीस अभिभावकों से वसूली जा रही है. अभिभावक बेबस हैं.क्योंकि उन्हें इस बात की आशंका है कि अगर स्कूलों की मांग को नहीं माना जाता तब उनके बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है.

फिलहाल यह देखना होगा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार राज्य के निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए कौन सी नई योजना लेकर आती है और उक्त योजना का निजी स्कूलों पर क्या असर पड़ता है!

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