May 14, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी समेत बंगाल और सिक्किम में सीबीआई के ताबड़तोड़ छापे!

पहले कोलकाता और आसपास के क्षेत्रो में ही सीबीआई की कार्रवाई की बात सुनी जाती थी. लेकिन अब उत्तर बंगाल, सिलीगुड़ी और सिक्किम भी सीबीआई के चंगुल में फंसता नजर आ रहा है. इससे एक तरफ गलत काम करने वालों के होश उड़े हुए हैं तो दूसरी तरफ दलालों में भी दहशत देखी जा रही है. सीबीआई ने उत्तर बंगाल में अपनी यात्रा कूचबिहार से एक फाइनेंस कंपनी के घोटाले की जांच से शुरू की थी और अब फर्जी पासपोर्ट के मामले की जांच तक पहुंच चुकी है.

सीबीआई की टीम ने पासपोर्ट फर्जीवाड़ा के मामले में अब तक 24 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. गिरफ्तारी के लिए सीबीआई के अधिकारियों ने सिलीगुड़ी और आसपास के क्षेत्रों जैसे नक्सलबाड़ी से लेकर सिक्किम तक 50 ठिकानों पर छापेमारी की है. सिलीगुड़ी के पासपोर्ट सेवा लघु केंद्र के एक वरिष्ठ अधीक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसके साथ ही एक दलाल भी सीबीआई के हत्थे चढ़ चुका है. उधर दक्षिण बंगाल में खासकर कोलकाता और आसपास के क्षेत्र में सीबीआई द्वारा छापेमारी की कार्रवाई पहले से ही चल रही है. तृणमूल कांग्रेस के कई मंत्री और नेता सीबीआई के रडार क्षेत्र में हैं.

सीबीआई की टीम शनिवार की सुबह हावड़ा के उलूबेरिया के एक व्यक्ति के घर पहुंची. उसका नाम सहानूर है. सहानूर वीजा और पासपोर्ट का काम करता था. उसका ऑफिस साल्ट लेक में बताया जा रहा है. करीब 6 घंटे तक उससे पूछताछ की गई. लेकिन सीबीआई के अधिकारी उसके जवाब से संतुष्ट नहीं हो सके. रूबी इलाके में स्थित पासपोर्ट कार्यालय में सुबह 7:00 बजे सीबीआई की टीम पहुंच गई. इस समय फर्जी पासपोर्ट का मामला सुर्खियों में है. सीबीआई के अधिकारी जगह-जगह छापेमारी कर रहे हैं. इसी सिलसिले में सीबीआई की टीम ने सिलीगुड़ी और सिक्किम में लगभग 50 स्थानो पर छापेमारी की है.

बता दें कि सीबीआई ने 8 अक्टूबर को कोलकाता नगर निगम भर्ती मामले में कथित अनियमित के संबंध में मंत्री फिरहाद हकीम तथा तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा के आवास पर दबिश दी थी. इससे पहले भी लगभग 2 साल पहले फिरहाद हकीम नारदा स्कैम में सीबीआई के चंगुल में फंस चुके हैं. 2021 में फिरहाद हकीम और मदन मित्रा दोनों गिरफ्तार हुए थे. 2014 में सीबीआई ने शारदा चिट फंड मामले में मदन मित्रा को गिरफ्तार किया था. कोलकाता हाई कोर्ट ने 21 अप्रैल को सीबीआई को नगर निगम भर्ती घोटाला मामले की जांच अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था. उसके बाद से ही यह कार्रवाई चल रही है. सीबीआई को मामला सौंपने के पीछे ईडी का प्रार्थना पत्र बताया जा रहा है. ईडी ने कोलकाता हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था. उसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था.

ताजा मामला फर्जी पासपोर्ट को लेकर है. आरोप है कि पासपोर्ट भवन में रिश्वत का बाजार गर्म था. फर्जी दस्तावेजों के जरिए अधिकारी बिना जांच-पड़ताल के किसी को भी पासपोर्ट जारी कर देते थे. इसका परिणाम यह होता था कि जो योग्य और सक्षम व्यक्ति है, उसका तो पासपोर्ट नहीं बन पाता था. लेकिन जो अयोग्य व्यक्ति होता था, रिश्वत के बल पर वह अपना काम कर लेता था. गंगटोक में छापे के अंतर्गत सीबीआई ने पासपोर्ट अधिकारी और बिचौलिए को हिरासत में लिया है. सीबीआई की यह कार्रवाई कब तक जारी रहेगी यह देखना होगा.

इसके साथ ही यह संभावना जताई जा रही है कि दूसरे क्षेत्रों में भी अब तक हुए घोटाले की जांच के क्षेत्र में भी सीबीआई दखलअंदाजी कर सकती है. इसलिए आशंका व्यक्त की जा रही है कि सीबीआई फर्जी पासपोर्ट के अलावा अन्य विभाग में भी आरोपी लोगों को अपने शिकंजे में कस सकती है. फिलहाल फर्जी पासपोर्ट मामला सुर्खियों में है. अब देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले और कौन सा नया मामला सामने आता है. जहां सीबीआई और ईडी की दखलअंदाजी बढ़ने वाली है. जो भी हो, सीबीआई अधिकारियों की यह कार्रवाई विभिन्न क्षेत्रों में गलत काम करने वालों के होश उड़ाने के लिए पर्याप्त है.

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