April 18, 2024
Sevoke Road, Siliguri
Uncategorized

₹2000 के गुलाबी नोट कहीं बंद तो नहीं हो जाएंगे!

सिलीगुड़ी समेत देश भर के बाजारों में ₹2000 के गुलाबी नोट नहीं मिल रहे हैं. अफवाह तो यह भी है कि सरकार ने ₹2000 के गुलाबी नोट को बंद कर दिया है. यह भी कहा जा रहा है कि ₹2000 के नोटों का उपयोग अवैध कार्यों के लिए किया जा रहा है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की माने तो मादक पदार्थ, धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण समेत कई अपराधों में इन नोटों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हो रहा है. इस तरह से ₹2000 के नोट को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है. सच्चाई तो यह है कि ₹2000 के नोट भले ही बाजार से गायब हो गए हैं, परंतु सरकार ने उसे अभी तक बंद नहीं किया है. हां, उसकी छपाई बंद हो चुकी है. परंतु सवाल ये है कि ₹2000 के नोट अचानक कहां गायब हो गए?

केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा की थी. इसके अंतर्गत ₹500 और ₹1000 के नोटों को अवैध घोषित कर दिया था. इसके बाद कुछ दिनों के अंतराल पर ₹500 और ₹2000 के नए नोट जारी किए गए थे. बाजार में ₹500 के नोट तो मिल जाते हैं लेकिन ₹2000 के नोट बहुत कम देखे जा रहे हैं. हालांकि आरबीआई ने 2019 के बाद से ही ₹2000 के नोटों को छापना बंद कर दिया है. सड़क, गलियों से होते हुए अब यह मुद्दा संसद तक पहुंच चुका है और सरकार से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है. आखिर देश की जनता को यह हक है कि वह सरकार से सवाल कर सके कि आखिर ₹2000 के नोट कहां गायब हो गए.

क्या ₹2000 के नोटों का आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है? क्या ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल अवैध व्यापार में किया जा रहा है? चर्चा तो यही है और शंका भी व्यक्त की जा रही है. अब तो राजनेता भी इस बात का दावा कर रहे हैं. भाजपा के ही एक प्रखर नेता सुशील मोदी ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है. लोगों में चर्चा हो रही है कि ₹2000 के नोट जमा किए जा रहे हैं और इनका इस्तेमाल अवैध व्यापार में किया जा रहा है. लोगों का यह भी मानना है कि ₹2000 के नोट ब्लैक में या फिर प्रीमियम पर बिक रहा है. यही कारण है कि ₹2000 के नोट को बंद करने की मांग उठने लगी है.

तर्क दिए जा रहे हैं कि जब दुनिया की अर्थव्यवस्थाओं में बड़े नोटों का प्रचलन बंद हो गया है तो फिर भारत में ₹2000 के नोट को क्यों नहीं बंद कर दिया जाता? यह सच है कि अमेरिका में अधिकतम $100 हैं वहां $1000 के नोट नहीं है. चीन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय संघ में भी नोटों के अधिकतम मूल्य 200 तक ही है. जबकि भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और श्रीलंका में 5000 के नोट प्रचलन में हैं.

क्योंकि भारत विकसित राष्ट्रों से मुकाबला कर रहा है और अर्थव्यवस्था को उन्नत बनाने के लिए यह जरूरी है कि बड़े नोटों का प्रचलन ना हो, ऐसे में अगर आने वाले समय में ₹2000 के नोट बंद करने की घोषणा कर दी जाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा. जानकार तो यह भी मानते हैं कि जिस तरह से भारत में डिजिटल लेनदन को बढ़ावा दिया जा रहा है, ऐसे में सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से बंद करने का फैसला कर सकती है. हालांकि ना तो भारत सरकार और ना ही रिजर्व बैंक की ओर से इस पर कोई स्पष्टीकरण अब तक सामने आया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

DMCA.com Protection Status