November 22, 2024
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क्या दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से फिल्म एक्टर गोविंदा भाजपा के उम्मीदवार होंगे?

एक तरफ तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की नजर दार्जिलिंग संसदीय सीट पर गड़ चुकी है और यह सीट वह भाजपा से छीन लेना चाहती है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस भी पूरे दमखम के साथ यह सीट बीजेपी से छीनने के लिए बिसात बिछा रही है.भाजपा हर कीमत पर दार्जिलिंग संसदीय सीट बरकरार रखना चाहती है. पहाड़ की राजनीति हर दिन एक नई करवट ले रही है. विनय तमांग कांग्रेस से जुड़ चुके हैं और चर्चा यह भी है कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग संसदीय सीट से विनय तमांग को टिकट दे सकती है.

इन सभी के बीच भाजपा की तरफ से एक महत्वपूर्ण खबर आ रही है, जो टीएमसी और कांग्रेस के पैरों तले की धरती खिसका देने के लिए पर्याप्त है. पहाड़ में चर्चा है कि फिल्म एक्टर गोविंदा भाजपा की तरफ से दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार होंगे. ऐसे में जाहिर है कि दूसरे दल भी इस सीट से फिल्मी सितारे को ही टिकट देंगे. क्योंकि फिल्मी सितारे का मुकाबला तो कोई फिल्मी सितारा ही कर सकता है. जैसा कि संकेत मिल रहा है, यह सीट लोकसभा चुनाव में खासी दिलचस्प होने जा रही है. या तो ग्लैमर का डंका बजेगा या फिर भूमि पुत्रों का अखाड़ा जमेगा!

कुछ समय पहले दार्जिलिंग संसदीय सीट से कांग्रेस के कई भूमि पुत्रों का नाम चर्चा में था. दबी जुबान से चर्चा थी कि कांग्रेस इस बार एक नया चेहरा मैदान में उतार सकती है. अधीर रंजन चौधरी के द्वारा पहाड़ के कद्दावर नेता विनय तमांग को कांग्रेस की सदस्यता दिलाए जाने के बाद यह चर्चा शुरू हो गई थी कि विनय तमांग ही कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.लेकिन विनय तमांग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल कांग्रेस कार्यकर्ता है. पार्टी का जो फैसला होगा, उसी के अनुसार वह एक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहेंगे. तृणमूल कांग्रेस के भीतर संभावित उम्मीदवार की चर्चा शुरू हो गई है.यह नाम कौन होगा, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ही तय करेंगी.

भाजपा की तरफ से वर्तमान सांसद राजू बिष्ट के अलावा हर्षवर्धन श्रींगला के नाम भी चर्चा में है. हर्षवर्धन श्रींगला ने पहले ही अपने नाम को लेकर उठ रही चर्चा को बकवास करार दिया है. लेकिन राजू बिष्ट ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा है कि भाजपा की तरफ से अगले उम्मीदवार वही होंगे और वह चुनाव जीत कर दिखाएंगे. अब गोविंदा का नाम दबी जुबान से लिया जा रहा है. गोविंदा यानी फिल्म एक्टर गोविंदा, जो एक समय कांग्रेस के सांसद भी रह चुके हैं. अगर राजनीति से संन्यास ले चुके गोविंदा इसके लिए तैयार होते हैं तो फिर दार्जिलिंग संसदीय सीट से भाजपा की स्थिति काफी मजबूत हो जाएगी. हालांकि इस तरह की चर्चा 2019 के लोकसभा चुनाव में भी हुई थी और इस बार भी इस शख्सियत की चर्चा शुरू हो गई है. यहां से अंतिम समय में भाजपा ने राजू बिष्ट के रूप में अपना उम्मीदवार उतारा था. क्या इस बार भी ऐसा ही होगा? या फिर ग्लैमर वर्ल्ड से जुड़े फिल्मी सितारों का दार्जिलिंग में अखाड़ा होगा?

अफवाहों और चर्चाओं के बीच खबर तो यह भी है कि दार्जिलिंग संसदीय सीट से तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस का संयुक्त उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा. हालांकि मौजूदा स्थिति में यह संभव नहीं लगता. क्योंकि अधीर रंजन चौधरी जितना ही भाजपा पर हमलावर हैं, उतना ही तृणमूल कांग्रेस को भी कोस रहे हैं. लेकिन राजनीति में एक ही स्थिति हर समय कायम नहीं रहती. पहाड़ में चर्चा है कि भाजपा की ओर से फिल्म एक्टर गोविंदा तक बात पहुंचा दी गई है और उन्हें भाजपा हाई कमान की ओर से दिल्ली बुलाया गया है. लेकिन गोविंदा की ओर से अभी इस पर कोई जवाब सामने नहीं आया है. ताजा घटनाक्रम विनय तमांग के कांग्रेस ज्वाइन करने के बाद सामने आया है. विनय तमांग के कांग्रेस में चले जाने के बाद पहाड़ की राजनीतिक हलचल तेज हो गई है.

अगर ऐसा होता है तो बदली हुई स्थितियों मे तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वाम मोर्चा की ओर से भी उम्मीदवारों के चयन का तरीका बदल जाएगा. क्योंकि पहाड़ में फिल्मी सितारों का ग्लैमर हमेशा बोलता रहा है. अगर गोविंदा भाजपा की पेशकश को स्वीकार कर लेते हैं तो निश्चित रूप से दूसरे दल भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए फिल्मी सितारों को ही मौका देंगे. फिलहाल तो दार्जीलिंग के लिए भूमिपुत्र और बाहरी का द्वंद चल रहा है.

आपको बताते चलें कि फिल्म एक्टर गोविंदा कांग्रेस के सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में मुंबई पश्चिम सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और भाजपा उम्मीदवार राम नाईक को भारी अंतर से हराया था. हालांकि बाद में उन्होंने राजनीति छोड़ दी और एक बार फिर से फिल्मों में सक्रिय हो गए. इस बार दार्जिलिंग में भूमिपुत्र बनाम बाहरी की लड़ाई चल रही है. पहाड़ के स्थानीय नेता इसी मुद्दे को हवा दे रहे हैं.अगर भूमिपुत्र की बात करें तो गोविंदा का दार्जिलिंग में अपना मकान भी है. यह भी कहा जाता है कि उनकी पत्नी सुनीता का यहां मायका भी है. हालांकि सुनीता आहूजा नेपाल की रहने वाली है.

गोविंदा का दार्जिलिंग से गहरा लगाव है. उन्होंने अपनी अधिकतर फिल्मों की शूटिंग दार्जिलिंग में ही की है. इसके अलावा गोविंदा कई बार दार्जिलिंग आ चुके हैं. दार्जिलिंग के लोग उन्हें खूब पसंद आते हैं. क्योंकि उन्हें सादगी और प्रकृति से गहरा लगाव है. गोविंदा ने कई बार दार्जिलिंग की खूबसूरती की चर्चा भी की है. इस तरह से भूमिपुत्र की कसौटी पर भी गोविंदा खरे उतर रहे हैं. दार्जिलिंग के प्रति उनके प्रेम, समर्पण और सादगी का भाव भी उन्हें विजय श्री दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. लेकिन यह महज एक सुनी सुनाई बात है और शायद हर्षवर्धन श्रींगला की तरह ही है, जो कुछ समय के बाद विराम भी लग सकता है.

पहाड़ में चल रही चर्चा के अनुसार गोविंदा संभवत: दार्जिलिंग आ सकते हैं. उन्हें दार्जिलिंग आने के लिए बुलावा भेजा गया है. अगर गोविंदा दार्जिलिंग आते हैं तो यह बात सत्य साबित होगी कि फिल्म एक्टर गोविंदा ही भाजपा के दार्जिलिंग संसदीय सीट से उम्मीदवार होंगे. फिलहाल फिल्म एक्टर गोविंदा के नाम की पहाड़ की वादियो में चर्चा हो रही है. हालांकि यह कितना सही है, समय आने पर ही पता चलेगा. क्योंकि जब गोविंदा कांग्रेस के सांसद थे, तभी उन्हें राजनीति से घृणा होने लगी थी. और उन्होंने एक बार कहा भी था कि उन्हें दोबारा राजनीति में नहीं जाना है.अब देखना होगा कि क्या गोविंदा एक बार फिर से राजनीति में किस्मत आजमाते हैं या यह बात महज एक अफवाह मात्र रह जाएगी?

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