December 19, 2024
Sevoke Road, Siliguri
उत्तर बंगाल कालिम्पोंग दार्जिलिंग लाइफस्टाइल

पहाड़ में 12 जनजातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग करेगी संयुक्त कमेटी!

सिक्किम,दार्जिलिंग, कालिमपोंग, डुआर्स आदि क्षेत्रों की 12 जनजातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की मांग कोई नई नहीं है. समय-समय पर यह मांग उठाई जाती रही है. हालांकि इस पर राजनीति खूब होती है. जबकि काम कम होता है. जिस तरह से सिक्किम से लेकर दार्जिलिंग तक, जीटीए से लेकर एक-एक गोरखा तक 12 जनजातियों का मुद्दा महत्वपूर्ण रहता है, ऐसे में समय-समय पर इस मुद्दे पर बैठक या बयान देकर गरमा दिया जाता है. सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने एक बार फिर से सिलीगुड़ी में इस मुद्दे पर बैठक करके और संयुक्त कमेटी का गठन करके मामले को गरमा दिया है.

सिक्किम की सिटीजन एक्शन पार्टी मुख्यमंत्री की सिलीगुड़ी में बैठक और उस बैठक में बंगाल सरकार के प्रतिनिधि को शामिल नहीं करने तथा जीटीए को अलग रखने को लेकर मुख्यमंत्री पर काफी हमलावर है तथा उनके इरादों पर सवाल खड़ा किया है. अब तक इस मुद्दे पर विभिन्न क्षेत्रीय व राजनीतिक संगठनों के नेताओं के द्वारा केवल विचार अथवा आवाज उठाई जाती रही है. लेकिन पहली बार प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में इस पर संयुक्त कमेटी का भी गठन कर दिया गया है और उसे यह अधिकार दे दिया गया है कि वही इस मुद्दे को अगली कतार में ले जाएगा.

सिक्किम से 12 तथा दार्जिलिंग से 11 जनजातियों का मुद्दा हमेशा ही क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करता है. गोरखा समुदाय की ओर से इन 12 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने संबंधी मामले को रजिस्टार जनरल ऑफ इंडिया से खारिज होने के बाद यह मामला सिक्किम और दार्जिलिंग, तराई तथा डुआर्स इलाकों में काफी गरमा गया है. रविवार को सिलीगुड़ी में मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग के नेतृत्व में इस मुद्दे पर एक बैठक हुई थी, जिसमें दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजू बिष्ट, सिक्किम के सांसद इंद्र ह॔ग सुब्बा, राज्यसभा सांसद डीटी लेप्चा, दार्जिलिंग, कालचीनी तथा सिक्किम के विधायक तथा अन्य 12 गोरखा जातियों से उनके प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए थे.

सिटीजन एक्शन पार्टी ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह हैरानी की बात है कि सिक्किम के इस मुद्दे को लेकर सिलीगुड़ी में बैठक होती है. जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार का कोई प्रतिनिधि उपस्थित नहीं होता है. राज्य के मुद्दे को राज्य में ही सुलझाना चाहिए. आखिर प्रेम सिंह तमांग की नीयत क्या है. उन्होंने इस मुद्दे को लेकर बंगाल में बैठक क्यों की? इस बैठक में GTA को शामिल क्यों नहीं किया गया, इत्यादि. बैठक में राजू बिष्ट ने कहा कि यह गोरखाओं की पुरानी मांग है और भाजपा की सूची में भी है .

उन्होंने कहा कि यह गोरखाओं का संविधान के तहत मांग है. उन्होंने इसे ऐतिहासिक बैठक बताया. गोरखा समुदाय की 12 जातियों को संवैधानिक ढांचे के भीतर अनुसूचित जनजातियों के रूप में दर्जा देने की मांग काफी समय पहले से ही की जा रही है. ऐसे में सिलीगुड़ी में हुई यह बैठक और ज्वाइंट एक्शन कमेटी का गठन भविष्य में जनजातियों के मुद्दे को लेकर और प्रखर होगी. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2026 से पहले इन जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा प्रदान करेंगे.

जो भी हो, दसई से पहले पहाड़ में यह मुद्दा गरमाने लगा है. बैठक को लेकर अन्य दलों की प्रतिक्रिया अभी नहीं आई है. लगभग सभी क्षेत्रीय संगठनों की ओर से गोरखाओं के हित में इस मुद्दे को प्राथमिकता दी गई है. ऐसे में यह देखना होगा कि संयुक्त कमेटी इस मामले को लेकर अगली रणनीति क्या तैयार करती है.

(अस्वीकरण : सभी फ़ोटो सिर्फ खबर में दिए जा रहे तथ्यों को सांकेतिक रूप से दर्शाने के लिए दिए गए है । इन फोटोज का इस खबर से कोई संबंध नहीं है। सभी फोटोज इंटरनेट से लिये गए है।)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *