स्मार्ट मीटर को लेकर राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध किया जा रहा था, देखा जाए तो स्मार्ट मीटर के विरोध में कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी सड़कों पर उतर चुके थे , वे लगातार स्मार्ट मीटर के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे | वहीं एक बार फिर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्मार्ट मीटर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है, बता दे कि, राज्य की मुख्यमंत्री ने जनता के विरोध के बाद घरों में स्मार्ट मीटर लगवाने के काम को रोक दिया गया है | देखा जाए तो राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य की जनता से जुड़ी हुई है और वे जनता की मांगो और उनके हितों के बारे काफी सोच विचार करने के बाद ही सटीक फैसला लेती है | एक बार फिर मुख्यमंत्री ने लोगों के हित को महत्व दिया है | बता दे कि, पिछले कुछ दिनों से घरों में आधुनिक तकनीक वाले स्मार्ट मीटर लगवाने को लेकर कई जिलों से विरोध की खबर आ रही थी, कैबिनेट की बैठक में इस मामले पर चर्चा भी हुई थी, खुद बिजली मंत्री अरूप विश्वास ने भी राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विस्तार से पूरे मामले की जानकारी दी थी | अब मुख्यमंत्री ने काफी सोच विचार के बाद अब घर में स्मार्ट मीटर लगवाने के काम को रोक दिया है | हालांकि राज्य बिजली वितरण निगम ने पिछले कुछ महीनों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, सरकारी कार्यालयों और दूरसंचार टावरों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सफलतापूर्वक स्मार्ट मीटर लगाए हैं।
बिजली विशेषज्ञों का इस मामले में कहा है कि, अगर दिल्ली और मुंबई जैसे कई महानगरों की तरह हर जगह ये आधुनिक तकनीक वाले मीटर लगाए जाएं तो बिजली की लागत काफी कम और नियंत्रण में होगी। राज्य बिजली विभाग प्रयोग के तौर पर ही आधुनिक तकनीक वाले स्मार्ट मीटर कुछ घरों में लगा रहे हैं |
लेकिन जब से स्मार्ट मीटर लगवाने पर जोर दिया गया, तब से ही स्मार्ट मीटर को लेकर विभिन्न शिकायत मिलने लगी और शिकायतें मिलने के कारण बिजली वितरण निगम ने सोमवार को अधिसूचना जारी कर कहा कि, आवश्यक कदम उठाने के लिए घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम फिलहाल रोक दिया गया है। बिजली विशेषज्ञों ने स्मार्ट मीटर लगने से राज्य के बिजली उपभोक्ताओं को मिलने वाले अतिरिक्त लाभ के बारे में विभिन्न जानकारी दी है।
विशेषज्ञों ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि, स्मार्ट मीटर का इस्तेमाल करना प्रीपेड मोबाइल फोन को रिचार्ज करने जैसा है। बिजली विभाग के अनुसार साधारण मीटर में अब तक जो सिक्योरिटी डिपॉजिट होता था, उसका इस्तेमाल स्मार्ट मीटर में भी शुरू से किया जा सकेगा। वहीं बिजली वितरण निगम के आला इंजीनियरों ने इस बात की पुष्टि की है कि, प्रीपेड पैसे खत्म होने पर बिजली सेवा तुरंत बंद नहीं की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि, स्मार्ट मीटर के ग्राहक 300 रुपया तक अधिक बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं। बिजली विशेषज्ञों का दावा है कि, अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि स्मार्ट मीटर से बिल अधिक आएगा, वे झूठी हैं और वैज्ञानिक आधार पर आधारित नहीं हैं | जिस तरह से स्मार्ट मीटर को लेकर लगातार विरोध किया जा रहा था अब मुख्यमंत्री के फैसले ने उन विरोधों को रोक दिया है |
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