सिलीगुड़ी में यह कोई पहला मौका नहीं है, जब इस प्रकार की डकैती को दिनदहाड़े अंजाम दिया गया है. केवल 20 मिनट में ज्वेलरी शोरूम से करोड़ों रुपए लूट लिए गए. सभी डकैत ग्राहक बनकर शोरूम में दाखिले हुए थे. पहले एक महिला और दो युवक शोरूम में दाखिल हुए. बाद में बाकी डकैत भी धमक आए थे. उन्होंने बंदूक के बल पर वारदात को अंजाम दिया था. वे संख्या में 6 थे. उनमें से दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. उनके कब्जे से तीन बंदूक, 10 गोलियां, एक मोटरसाइकिल और लूट के कुछ अन्य सामान बरामद किए गए हैं. उन्हें आज कोर्ट में प्रस्तुत कर दिया गया.
इससे पहले भी मुथूट फाइनेंस कंपनी, ज्वेलर्स की दुकानों समेत कई प्रतिष्ठानों में डकैतियां हुई हैं. इसलिए पुलिस की कार्यशैली और सिलीगुड़ी में कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. लोगों का मानना है कि सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति में गिरावट आई है. और यही कारण है कि बदमाशों का हौसला लगातार बढ़ता जा रहा है.
भक्ति नगर थाना, प्रधान नगर थाना, माटीगाड़ा थाना और एनजेपी थाना की पुलिस के द्वारा आए दिन बदमाशों को पकड़ा जाता है. पहले पुलिस अपराध के सिलसिले में स्थानीय बदमाशों को पकड़ती थी. सिलीगुड़ी में कुछ समय पहले तक पकड़े जाने वाले बदमाश या तो सिलीगुड़ी के आसपास के होते थे. या फिर इसी राज्य के निवासी. लेकिन अब तो शहर और राज्य से बाहर के बदमाश सिलीगुड़ी को टारगेट करने लगे हैं. जैसे ज्वेलरी शोरूम कांड में जिन दो बदमाशों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनमें से एक बिहार का व्यक्ति और दूसरा राजस्थान का रहने वाला है.
आखिर यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई. इस पर प्रशासनिक अधिकारियों को भी विचार करना चाहिए. यह चिंता का विषय है. ना कि घटना के मूल विषय को छोड़कर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने का. जैसा कि इस कांड को लेकर सिलीगुड़ी के राजनीतिक गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है. सिलीगुड़ी में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर माकपा और टीएमसी एक दूसरे पर जुबानी हमला कर रहे हैं. माकपा की ओर से पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया जा रहा है और कानून व्यवस्था संभाल नहीं सकने का आरोप लगाकर पुलिस कमिश्नर के इस्तीफे की मांग की जा रही है.
माकपा की ओर से नुरुल इस्लाम ने आरोप लगाया है कि सिलीगुड़ी शहर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. प्रशासन की निष्क्रियता और विफलता के कारण बदमाशों के हौसले बुलंद हो रहे हैं. इसके जवाब में सिलीगुड़ी के मेयर गौतम देव कहते हैं कि माकपा क्यों भूल रही है कि जब वह सत्ता में थी, तब उसके कार्यकाल में राज्य में लाल आतंक का बोलबाला था.खूनी राजनीति करने वालों के मुंह से ऐसी बातें शोभा नहीं देती हैं.
यह समय एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का नहीं है. बल्कि सिलीगुड़ी में कानून एवं व्यवस्था को बनाए रखते हुए पुलिस और प्रशासन के प्रति सिलीगुड़ी के नागरिकों का भरोसा बढ़ाना है. इसमें कोई शक नहीं है कि सिलीगुड़ी में बदमाशों के हौसले बढे हुए हैं. अब लोग तो कड़ी प्रतिक्रिया देंगे ही कि अगर सिलीगुड़ी में आपराधिक घटनाएं बढ़ रही हैं, तो इसका कारण क्या है? सिलीगुड़ी पुलिस प्रशासन, नागरिक प्रशासन, सिलीगुड़ी नगर निगम और न्याय व कानून में विश्वास रखने वाले सभी संगठनों तथा मानवाधिकार के लिए सोचने और चिंता करने का विषय भी है.
हालांकि यह टिप्पणी करना गलत है कि बदमाशों का पुलिस और कानून के प्रति कोई खौफ नहीं रहा. वरना क्या कारण था कि दिनदहाड़े दोपहर 2:00 बजे सिलीगुड़ी के वक्ष स्थल हिलकार्ट रोड के एक ज्वेलरी शोरूम में इस तरह की बड़ी वारदात को अंजाम दिया गया. पुलिस को इस बिंदु पर भी विचार करना चाहिए कि ऐसी वारदात को अंजाम देने वाले को स्थानीय तौर पर जरुर मदद मिली होगी.
वरना कोई बाहरी व्यक्ति इस तरह की घटना को यूं अंजाम नहीं दे सकता. स्थानीय लोगों की मदद से ही ऐसी घटना को अंजाम दिया जाता है. इस डकैती कांड के पीछे बहुत से लोग हो सकते हैं. पुलिस कमिश्नर और उनकी टीम घटना की तह में जाने और दोषी लोगों का पर्दाफाश करने की तैयारी में जुट गई है. अब देखना है कि पुलिस इस मामले में जांच की रणनीति कैसे बनाती है. इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि सिलीगुड़ी में बिगड़ती कानून एवं व्यवस्था को ठीक करने के लिए प्रशासनिक तौर पर क्या कदम उठाए जाते हैं.