April 25, 2024
Sevoke Road, Siliguri
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सिलीगुड़ी में यात्री से ज्यादा यात्री वाहनों की भरमार!

सिलीगुड़ी में अधिकांश लोगों के पास अपने छोटे- बड़े वाहन हैं. बहुत कम लोग ही होंगे जो यात्री वाहनों पर निर्भर करते हैं. सिलीगुड़ी में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए यात्री आमतौर पर सिटी ऑटो, थ्री व्हीलर, टोटो की सवारी करना ज्यादा पसंद करते हैं. टोटो सिलीगुड़ी के लोगों की सबसे ज्यादा पसंद है. परंतु सिटी ऑटो से इसका किराया कुछ ज्यादा है. खासकर लंबी दूरी के यात्री किराया अत्यधिक होने के कारण टोटो से जाना कम पसंद करते हैं.

सिलीगुड़ी नगर निगम के अंतर्गत कहीं भी खड़े हो जाइए, कम से कम टोटो मिनट-मिनट पर उपलब्ध है. छोटी दूरी के लिए टोटो की सवारी आरामदेह भी है. साथ ही मात्र ₹10 में पूरी की जा सकती है. लंबी दूरी के लिए आमतौर पर यात्री सिटी ऑटो से ही जाना पसंद करते हैं. सिटी ऑटो की संख्या भी अत्यधिक है.लेकिन उसके हिसाब से यात्री बहुत कम है. दोपहर के समय सिटी ऑटो में गिने-चुने सवारी ही दिख जाते हैं

आमतौर पर शाम के समय सवारियों को उठाने की कोशिश में सिलीगुड़ी के एयर व्यू मोड और हाशमी चौक पर सिटी ऑटो का जमावड़ा देख सकते हैं. इसके कारण ट्रैफिक संचालन में भी कठिनाई होती है. अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में लोग ऐसे वाहनों की सवारी करते हैं.

इस समय देखा जा रहा है कि सड़कों पर गाड़ियां तो बहुत हो गई है परंतु सवारियां पहले से कम हुई है. सवारी के सड़क पर खड़ा होने के साथ ही टोटो भी बिन बुलाए मेहमान की तरह नजदीक खड़ा हो जाता है.सिटी ऑटो एनजेपी से सालूगाडा के लिए मिल जाएंगे. इसी तरह से फुलबारी से चंपासारी,सालूगडा आदि इलाकों के लिए भी सिटी आटो चलते हैं. सिटी ऑटो में सुबह और शाम के समय ही यात्रियों की भीड़ देख सकते हैं. अधिकतर समय ये खाली ही देखे जा सकते हैं .

प्रशासन ने भी मान लिया है कि सिलीगुड़ी शहर में यात्री वाहनों की तादाद काफी बढी है. खासकर टोटो की. और यही कारण है कि इन बढ़ते वाहनों ने सिलीगुड़ी के ट्रैफिक को दबाव में डाल दिया है. आए दिन इनकी धरपकड़ भी हो रही है. लेकिन इसके बावजूद ना तो टोटो का चलना रुका है और ना ही दूसरे यात्री वाहन.

प्रशासन भी खामोश है.परंतु असल समस्या यात्री वाहनों की कमाई में आ रही गिरावट है. वाहनों के चालक सुबह से शाम तक कई फेरे लगाते हैं. लेकिन इन सबके बावजूद भी पहले की तरह उनकी कमाई नहीं हो रही है. जो उनकी परेशानी को बढ़ा रहा है. घर खर्च के अलावा ईएमआई का बोझ भी यात्री वाहनों पर रहता है. किराया नहीं बढ़ाए जाने तथा कमाई में गिरावट आने से वाहन चालक सबसे ज्यादा परेशान हैं. फिर भी उनकी गाड़ी किसी तरह चल रही है.

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